Ahmedabad को कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी: भारत के खेल इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण!

Commonwealth Games
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Ankit Jaiswal । Nov 27 2025 10:24PM

अहमदाबाद को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलने से भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है, जिसमें 74 देशों की औपचारिक मंजूरी के साथ सेंटेनरी एडिशन का आयोजन तय हुआ है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कई देशों ने खेलों के आयोजन में कम रुचि दिखाई है, और अहमदाबाद को पिछले महीने ही अबुजा से बेहतर विकल्प माना गया था।

अहमदाबाद को 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलना देश के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मौजूद जानकारी के अनुसार बुधवार को ग्लास्गो में हुई जनरल असेंबली में 74 सदस्य देशों ने औपचारिक मंजूरी देते हुए अहमदाबाद को सेंटेनरी एडिशन की मेजबानी के लिए चुन लिया है। बता दें कि यह फैसला उस समय आया है जब पिछले कुछ सालों से कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन को लेकर कई देशों की रुचि कम होती दिखी है।

गौरतलब है कि अहमदाबाद को पिछले महीने ही इवैल्युएशन कमिटी की ओर से अबुजा, नाइजीरिया के मुकाबले बेहतर विकल्प माना गया था। अधिकारियों के अनुसार इस बार गेम्स में 15 से 17 खेल शामिल किए जाएंगे, जो अगले साल ग्लास्गो में होने वाले संक्षिप्त संस्करण से काफी अधिक हैं। एथलेटिक्स, स्विमिंग, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग जैसे प्रमुख खेलों के साथ पैरास्पोर्ट इवेंट भी शामिल रहने वाले हैं। इसके अलावा तीरंदाजी, बैडमिंटन, हॉकी, रग्बी सेवन, कुश्ती, शूटिंग, स्क्वैश और 3x3 बास्केटबॉल जैसे खेलों पर भी विचार चल रहा है।

शहर को यह भी विकल्प मिलेगा कि वह दो नए या पारंपरिक खेलों को प्रस्तावित कर सके, जिन्हें अक्टूबर 2030 में मौसम को ध्यान में रखते हुए अंतिम कार्यक्रम में जोड़ा जा सकता है। कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अगले महीने शुरू होगी और पूरा खेल कैलेंडर अगले साल तक घोषित किया जाएगा।

कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष पी.टी. ऊषा ने इसे अगले सौ साल की नींव बताते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल कॉमनवेल्थ मूवमेंट के सौ साल पूरे करेगा, बल्कि खिलाड़ियों और समुदायों को जोड़ने का एक मौका भी बनेगा। बता दें कि 1930 में कनाडा के हैमिल्टन शहर से इन खेलों की शुरुआत हुई थी, लेकिन इस बार कनाडा ने बोली नहीं लगाई है।

ध्यान देने वाली बात है कि भारत ने इससे पहले 2010 में दिल्ली में गेम्स की मेजबानी की थी। हालांकि उस समय निर्माण में देरी और बजट बढ़ने को लेकर काफी आलोचनाएँ हुई थीं। मगर इस बार अहमदाबाद समिति ने पहले से मौजूद स्टेडियम और ढांचे का उपयोग करने की योजना बनाई है, ताकि खर्च और समय दोनों की बचत हो सके। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के प्रमुख डोनाल्ड रुकारे ने कहा कि दुनिया पिछले दो दशकों में काफी बदल चुकी है और 2010 के अनुभव से काफी सबक लिए गए हैं।

सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के पीछे हटने के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स का भविष्य कुछ समय के लिए अनिश्चित दिख रहा था, लेकिन ग्लास्गो के आगे आने से स्थिति संभली हैं। रुकारे ने कहा कि 2030 से कॉमनवेल्थ स्पोर्ट का एक नया सुनहरा दौर शुरू होने की उम्मीद है और अहमदाबाद इस खास सेंटेनरी एडिशन की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है।

खेल इतिहास में देखा गया है कि ऑस्ट्रेलिया 2022 के बर्मिंघम गेम्स में शीर्ष पर रहा था, जबकि इंग्लैंड, कनाडा, भारत और न्यूजीलैंड भी शीर्ष पांच में शामिल थे। अहमदाबाद अब इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बेहतर आयोजन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है और देश भर में इस फैसले को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।

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