शादी टाली, सैनिकों संग की ट्रेनिंग, कुछ ऐसा रहा है कश्मीर के आरिफ का सफर, जिनके ऊपर है चीन में तिरंगा फहराने की जिम्मेदारी
ओलंपिक में 109 इवेंट होंगे। स्कीयर आरिफ मोहम्मद खान एकमात्र एथलीट हैं जिन ऊपर बीजिंग विंटर ओलंपिक में चीन में भारत का तिरंगा फहराने की जिम्मेदारी है।
ओलंपिक खेलों की दुनिया का सबसे बड़ा मंच हैं। शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन चीन के बीजिंग में हो रहा है। 4 से 20 फरवरी तक किया जाएगा। जबकि शीतकालीन पैरालंपिक खेल चार से 13 मार्च तक होंगे। इस साल के ओलंपिक में 109 इवेंट होंगे। स्कीयर आरिफ मोहम्मद खान एकमात्र एथलीट हैं जिन ऊपर बीजिंग विंटर ओलंपिक में चीन में भारत का तिरंगा फहराने की जिम्मेदारी है। अल्पाइन स्कीइंग में राष्ट्रीय और दक्षिण एशियाई स्लैलम चैंपियन मोहम्मद आरिफ खान बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले पहले भारतीय हैं। आरिफ 13 फरवरी को विशाल स्लैलम इवेंट और 16 फरवरी को स्लैलम में अल्पाइन स्कीइंग फील्ड में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
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चार बार विश्व चैंपियनशिप में भारत की नुमाइंदगी कर चुके
मोहम्मद आरिफ खान ने पिछले साल दिसंबर में मोंटेनेग्रो में एक प्रतियोगिता के दौरान विशाल स्लैलम में अपना स्थान सुनिश्चित किया था। एक माह पूर्व उन्होंने स्लैलम प्रतियोगिता में अपना लिए स्थान पक्का किया और इसके साथ ही वह एक ही शीतकालीन ओलंपिक प्रतियोगिता में दो अलग-अलग स्पर्धाओं में सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने वाले पहले भारतीय भी बन गए। कश्मीर के हाजीबल तनमर्ग इलाके के आरिफ चार बार विश्व चैंपियनशिप में भारत की नुमाइंदगी कर चुके हैं।
आरिफ ने रेडिफ वेबसाइट से बात करते हुए अपने पुराने दिनों की यादों को साझा करते हुए बताया कि बचपन में हम फुटबॉल और क्रिकेट खेलते थे, लेकिन हमारे आसपास कोई खेल का मैदान नहीं था, ”स्कीइंग हमारे लिए एकमात्र सुविधाजनक खेल था। मोहम्मद आरिफ खान के पिता यासीन खान की गुलमर्ग में स्की उपकरण की दुकान है और जिस वजह से ये खेल उनके दिल के करीब रहा है। उन्होंने पहली बार चार साल की उम्र में शुरू किया। उन्होंने बताया कि हमें स्की की दुकान तक लगभग 500 मीटर पैदल चलना था और बर्फ की मोटी परत होती थी। मेरे पिता ने दुकान के ठीक बाहर एक छोटी स्की ढलान तैयार की थी। हमने सुबह करीब साढ़े नौ बजे (स्कीइंग) शुरू किया और घंटों तक चला। मोहम्मद आरिफ खान जब 10 साल के थे तब उन्होंने प्रतिस्पर्धी स्कीइंग की ओर रुख किया और लगातार इस दिशा में आगे बढ़ते ही चले गए।
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16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदार्पण
महज 12 साल की उम्र में, मोहम्मद आरिफ खान ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपनी पहली उपस्थिति में स्लैलम में स्वर्ण पदक जीता। आरिफ ने भारत के लिए योमासे, जापान में एक जूनियर इंटरनेशनल स्की फेडरेशन (FIS) कार्यक्रम के जरिये अंतरराष्ट्रीय खेलों में महज 16 साल की उम्र में पदार्पण किया। स्लैलम में 23वें स्थान पर रहे। 2011 में उत्तराखंड में आयोजित दक्षिण एशियाई शीतकालीन खेलों में स्लैलम और जायंट स्लैलम स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक जीते थे। मोहम्मद आरिफ खान को एफआईएस वर्ल्ड स्की चैंपियनशिप का पहला स्वाद 2013 में चखा। भारतीय अल्पाइन स्कीयर स्लैलम में 59 वें और विशाल स्लैलम में 91 वें स्थान पर रहे।
सैनिकों के साथ भी ट्रेनिंग की
आरिफ खान कभी-कभी वहां के सैनिकों के साथ भी ट्रेनिंग करते हैं। उन्होंने बीजिंग के लिए क्वालिफाई करने के क्रम में पर्याप्त रैंकिंग अंक हासिल करने के लिए अपनी शादी टाल दी थी। आखिरकार नवंबर 2021 में स्लालोम स्पर्धा के लिए क्वालिफाई और पहली बार ओलंपिक कोटा हासिल किया।
ओलंपिक में खेलने के लिए शादी भी रोक दी
विंटर ओलंपिक में खेलने के लिए आरिफ ने अपनी शादी भी रोक दी। उनकी शादी कुछ माह पहले होने थी। इस बारे में जिक्र करते हुए वो कहते हैं कि शादी तो हो जाएगी लेकिन विंटर ओलंपिक कॉमन नहीं है। चार साल में एक बार आता है। इसलिए मुझे ये इसे पोस्टपोंड करना पड़ा ताकि मैं इस बड़े इवेंट के लिए तैयारी कर सकूं। आरिफ बताते हैं कि उन्होंने अपनी मंगेतर और ससुराल वालों को समझाया। वह मान गए, लेकिन विंटर ओलंपिक के बाद वह शादी करेंगे।
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