Chess World Cup: चीनी खिलाड़ी को हराकर दिव्या देशमुख फिडे महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी किया क्वालिफाई

Divya Deshmukh
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Kusum । Jul 24 2025 12:33PM

दिव्या देशमुख ने फिडे महिला वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में चीनी झोंगयी टैन को मात दी। इसके साथ ही उन्होंने इस मिनी मैच 1.5- 0.5 से जीतकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। इस प्रक्रिया में दिव्या कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी जगह बनाने वाली पहली भारतीय बन गईं।

भारत की स्टार शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने फिडे महिला वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में चीनी झोंगयी टैन को मात दी। इसके साथ ही उन्होंने इस मिनी मैच 1.5- 0.5 से जीतकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। इस प्रक्रिया में दिव्या कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी जगह बनाने वाली पहली भारतीय बन गईं। महिला कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट अगले साल होना है और उस टूर्नामेंट से मौजूदा महिला वर्ल्ड चैंपियन वेनजुन जू के प्रतिद्वंद्वी का फैसला होगा। बता दें कि, दिव्या पहली बार वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रही हैं।

चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जोनर झू तत्कालीन हमवतन ग्रैंडमास्टर डी हरिका को क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद दिव्या ने इस प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाए रखा और टैन के खिलाफ 101 चाल में जीत उनके बढ़ते शतरंज कौशल का प्रमाण था। दूसरे सेमीफाइनल में कोनेरू हम्पी ने 75 चाल में चीन की टॉप वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई के साथ ड्रॉ खेला। हम्पी अब छोटे प्रारूप में लेई के खिलाफ टाई-ब्रेकर खेलेंगी।

बता दें कि, 9 दिसंबर 2005 में नागपुर में जन्मीं दिव्या ने पांच साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। दिव्या के माता-पिता डॉक्टर हैं उनके पिता का नाम जितेंद्र और माता का नाम नम्रता है। दिव्या ने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती। इसके बाद उन्होंने अंडर-10 और अंडर-12 कैटेगरी में विश्व युवा खिताब अपने नाम किया। इसके बाद 2014 में डरबन में आयोजित अंडर-10 वर्ल्ड यूथ टाइटल और 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में भी खिताब अपने नाम किए। उनकी निरंतर प्रगति ने उन्हें 2021 में महिला ग्रैंडमास्टर बना दिया और इसके साथ ही वह विदर्भ की पहली और देश की 22वीं महिला खिलाड़ी बनीं जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल की। 

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