इंग्लैंड की किस्मत का पलड़ा था न्यूजीलैंड से भारी, जरा आंकड़ों पर करिए गौर

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इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन जिन्होंने एक समय इस वक्त को गंवा दिया था वह कहते हैं कि मैं केन विलियमसन और उनकी टीम के लिए सहानुभूति प्रकट करना चहता हूं।

करीब दो महीने से चल रहा विश्व कप अभियान अब थम गया है। इसी के साथ विश्व को एक नया चैंपियन भी मिल गया नाम है इंग्लैंड। इंग्लैंड ने यह गेम अपने दम पर जीता या फिर न्यूजीलैंड की खराब किस्मत की वजह से, इस तरह से सवाल जवाब तो अब चलते रहेंगे लेकिन विश्व कप का जनक रहा इंग्लैंड आखिरकार चैंपियन बन ही गया। न्यूजीलैंड ने अपनी गेंदबाजी की बदौलत टीम खेल अपने पक्ष में कर लिया था लेकिन जब किस्मत की बात आई तो पलड़ा इंग्लैंड का भारी था और यह अंतिम ओवर की चौथी गेंद में देखने को भी मिला।

जब गुप्टिल द्वारा थ्रो किए जाने पर गेंद बेन स्टोक्स से लगकर बाउंड्री की तरफ चली जाती है और इंग्लैंड को 6 रन मिल जाते हैं। इसके बाद टीम को 2 गेंद में 3 रन की जरूरत होती है और किसी तरह से इंग्लैंड इस मुकाबले को ड्रा कर लेता है। विश्व कप इतिहास में यह पहली दफा था कि 100 ओवर का खेल समाप्त हो जाने के बावजूद विश्व चैंपियन नहीं मिला और सुपर ओवर होता है लेकिन वह भी ड्रा हो जाता है। 

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सुपर ओवर ड्रा होने के साथ ही सबसे ज्यादा बाउंड्रीज के आधार पर इंग्लैंड को विश्व कप चैंपियन मान लिया जाता है और इसी के साथ आईसीसी की आलोचनाएं भी शुरू हो जाती हैं। आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के ट्विटर हैंडल ने भी एक तस्वीर ट्वीट की और लिखा कि विजेता एक लेकिन चैंपियन दो...

इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन जिन्होंने एक समय इस वक्त को गंवा दिया था वह कहते हैं कि मैं केन विलियमसन और उनकी टीम के लिए सहानुभूति प्रकट करना चहता हूं। वे जिस उदाहरण का नेतृत्व करते हैं, वह उनके और उनकी टीम के लिए बेहद सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पिच पर खेलना हमारे लिए मुश्किल था, लेकिन हमने यह कर दिखाया। हम सब बहुत ज्यादा खुश हैं कि आज हम इस ट्रॉफी को उठा पाए। 

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इंग्लैंड को विश्व कप चैंपियन बनाने वाले मोर्गन ने जीत का श्रेय टीम को दिया और कहा कि यह हमारी कड़ी मेहनत की वजह से मुमकिन हो पाया है। जबकि आईसीसी नियमों के आधार पर मैच गंवाने वाले केन विलियमसन ने कहा कि फाइनल मुकाबला काफी बेहतरीन था और मैच के दौरान हमारे लिए कई सकारात्मक चीजें रहीं। हालांकि उन्होंने खेद भी जताया और अंतिम ओवर में 4 रन एक्स्ट्रा जाने पर कहा कि वो अफसोस जनक था। आप उम्मीद करते हैं कि ऐसे वक्त में कुछ भी इस तरीके से ना हो।

जीत के बाद इंग्लैंड को मिल रही दुनियाभर से बधाई

इंग्लैंड की महारानी ने न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार विश्व कप जीतने वाली टीम को बधाई दी और कहा कि प्रिंस फिलीप और मैं इंग्लैंड पुरूष क्रिकेट टीम को विश्व कप फाइनल में इतनी रोमांचक जीत दर्ज करने पर बधाई देते हैं। मैं उपविजेता न्यूजीलैंड टीम को भी बधाई देना चाहती हूं जिसने पूरे टूर्नामेंट में और फाइनल में इतना शानदार प्रदर्शन किया। जबकि इंग्लैंड के खिलाफ टी20 विश्व कप में छह गेंद पर छह छक्के जड़ने वाले युवराज सिंह आईसीसी के नियम से सहमत नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि मैं इस नियम से सहमत नहीं हूं। लेकिन नियम तो नियम हैं। आखिरकार वर्ल्ड कप जीतने के लिए इंग्लैंड को शुभकामनाएं। मेरी भावनाएं कीवी टीम के साथ हैं। वो आखिर तक लड़े। एक शानदार फाइनल मैच।

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दुखी नीशाम ने बच्चों को कहा- खिलाड़ी मत बनो

विश्व कप के रोमांचक फाइनल मुकाबले में हार का सामना करने के बाद जिम्मी नीशाम ने बच्चों को सलाह दी कि खिलाड़ी मत बनना। नीशाम ने ट्वीट किया, ‘बच्चों , खिलाड़ी मत बनना। बेकर बन जाना या कुछ और। हट्टे कट्टे होकर 60 साल की उम्र में मर जाना। यह दुखद है। शायद अगले दशक में कोई दिन ऐसा आएगा जब मैं इस आखिरी आधे घंटे के बारे में नहीं सोचूंगा। बधाई हो ECB क्रिकेट। हालांकि बाद में नीशाम ने सभी प्रशंसकों को धन्यवाद कहा और खिताब नहीं जीत पाने पर सभी से माफी मांगी।

हार के बाद भी विलियमसन ने जीता दिल

बेहद कड़ा मुकाबला होने के बावजूद विलियमसन ने फाइनल मुकाबले में पकड़ बना रखी थी और अंतिम ओवर तक मैच को अपने पाले में रखे हुए थे। लेकिन कहते हैं ना क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है प्रिडिक्शन करना इसमें फेल है और देखने को भी कुछ ऐसा ही मिला कि एक नहीं दो-दो बार मैच ट्राई हुआ और बाद में आईसीसी के नियमों का सहारा लेना पड़ा और ज्यादा बाउंड्रीज लगाने की वजह से इंग्लैंड को विश्व कप खिताब दे दिया गया।

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कड़ी मेहनत करने वाले कीवी कप्तान केन विलियमसन को मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। इतना ही नहीं जयवर्धने का रिकार्ड तोड़कर विश्व कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले कप्तान भी बन गए केन विलियमसन। कप्तान विलियमसन ने विश्व कप में 550 रन बनाए। जबकि जयवर्धने ने 2007 में 548 रन बनाए थे। रिकी पोंटिंग (2007 में 539 रन), आरोन फिंच (2019 में 507 रन) और एबी डिविलियर्स (2015 में 482 रन) उनके बाद हैं ।भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने 2003 विश्व कप में 465 रन बनाए थे।

खराब फॉर्म के बावजूद विलियमसन ने गप्टिल पर जताया था भरोसा

सुपर ओवर में बल्लेबाजी के लिए जिम्मी नीशाम और मार्टिन गप्टिल मैदान में पहुंचे थे और अंतिम गेंद में स्ट्राइक मार्टिन गप्टिल के पास पहुंची थी और जीत के लिए कीवियों को 2 रन चाहिए थे लेकिन किस्मत खराब होने की वजह से गप्टिल 1 ही रन ले सके और दूसरा रन लेने की कोशिश में आउट हो गए। हालांकि सुपर ओवर का भी मुकाबला ड्रा हो गया और फायदा इंग्लैंड टीम को पहुंचा।

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मौजूदा विश्व कप में गप्टिल ने 10 पारियां खेली, जिसमें उन्होंने 20.66 के एवरेज से महज 186 रन ही बनाए हैं। जबकि गप्टिल ने साल 2015 में खेले गए विश्व कप मुकाबले में सर्वाधिक रन (547 रन) बनाने के साथ ही दोहरा शतक भी जड़ा था। गप्टिल ने 247 रन की विशाल पारी खेली जो विश्व कप में अभी तक किसी भी खिलाड़ी ने नहीं खेली थी। हालांकि विश्व कप इतिहास में पहला दोहरा शतक वेस्ट इंडीज के ओपनर बल्लेबाज क्रिस गेल के नाम है। 

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