राष्ट्रमडल खेलों में ध्वजवाहक बनने का मौका गंवाने से निराश हैं नीरज चोपड़ा
चोपड़ा ने कहा, ‘‘ मुझे विश्व चैंपियनशिप के चौथे थ्रो के दौरान आए खिंचाव की वजह से कुछ तकलीफ महसूस हो रही थी और कल यहां अमेरिका में इसकी जांच करने पर एक मामूली चोट के बारे में पता लगा, जिसके लिए मुझे कुछ सप्ताह तक रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गई है।’’ इस स्टार खिलाड़ी ने देशवासियों से अन्य भारतीय प्रतिभागियों का समर्थन करने की अपील की।
नयी दिल्ली, 27 जुलाई ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के गुरुवार को होने वाले उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक के तौर पर देश का नेतृत्व करने का मौका गंवाने पर निराशा व्यक्त की है। भाला फेंक का यह एथलीट हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के अभियान के दौरान चोटिल हो गया था। यह 24 वर्षीय सुपरस्टार बर्मिंघम में अपने खिताब का बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार था, लेकिन एमआरआई स्कैन में मामूली चोट का पता चलने के बाद उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों से नाम वापस ले लिया था।
चोपड़ा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा, ‘‘ मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं बर्मिंघम में देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाऊंगा। मुझे विशेषकर उद्घाटन समारोह में भारतीय टीम का ध्वजवाहक बनने का मौका गंवाने से निराशा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ फिलहाल मेरा पूरा ध्यान अपने रिहैबिलिटेशन पर होगा और मैं जल्द से जल्द दोबारा मैदान पर आने की कोशिश करूंगा।’’ चोपड़ा के बाहर होने से एथलेटिक्स में भारत की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।
पिछली बार के चैंपियन चोपड़ा को पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। चोपड़ा ने कहा, ‘‘ मुझे विश्व चैंपियनशिप के चौथे थ्रो के दौरान आए खिंचाव की वजह से कुछ तकलीफ महसूस हो रही थी और कल यहां अमेरिका में इसकी जांच करने पर एक मामूली चोट के बारे में पता लगा, जिसके लिए मुझे कुछ सप्ताह तक रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गई है।’’ इस स्टार खिलाड़ी ने देशवासियों से अन्य भारतीय प्रतिभागियों का समर्थन करने की अपील की। चोपड़ा ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में सभी देशवासियों से जितना प्यार और सम्मान मिला है उसके लिए मैं आप सभी का शुक्रिया करना चाहता हूं।आशा करता हूं कि आप सभी इसी प्रकार मेरे साथ जुड़कर हमारे देश के सभी खिलाड़ियों का राष्ट्रमंडल खेलों में समर्थन करते रहेंगे। जय हिंद।’’
चोपड़ा के हटने का मतलब है कि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान ग्रेनाडा के विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स के साथ उनका मुकाबला देखने को नहीं मिलेगा। पीटर्स ने राष्ट्रमंडल खेल 2018 में कांस्य जबकि चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता था। चोपड़ा विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय एथलीट हैं। उनसे पहले अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीता था। चोपड़ा का रिहैबिलिटेशन अमेरिका या यूरोप में हो सकता है।
इस बारे में हालांकि अभी फैसला लिया जाना बाकी है। चोट लगने और एक महीने तक बाहर रहने से चोपड़ा के सत्र की बाकी प्रतियोगिताओं में भाग लेने को लेकर भी अनिश्चितता बन गई है। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के बाद मोनाको (10 अगस्त) और लुसाने (26 अगस्त) में होने वाली प्रतिष्ठित डायमंड लीग में भाग लेने के विकल्प खुले रखे थे। उन्होंने पहले कहा था की वह डायमंड लीग में भाग लेना पसंद करेंगे और वहां चैंपियन बनना चाहेंगे।
इस साल डायमंड लीग फाइनल्स दो और तीन सितंबर को ज्यूरिख में होगा। चोपड़ा के करीबी सूत्रों ने कहा कि अभी डायमंड लीग में उनकी भागीदारी को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। चोपड़ा ने इससे पहले डायमंड लीग के स्टॉकहोम चरण में भाग लिया था जिसमें वह 89.94 मीटर भाला फेंक कर पीटर्स के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे।
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