OKeefe ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के पास टेस्ट और सीमित ओवरों के लिए एक और कोच होना चाहिए

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ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर टेस्ट और एकदिवसीय श्रृंखला खेलेगी। एंड्रयू मैकडॉनल्ड वर्तमान में सभी प्रारूपों में ऑस्ट्रेलिया के कोच है। उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला से पहले जस्टिन लैंगर की जगह ली थी।

ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे से पहले पूर्व स्पिनर स्टीव ओ कीफ ने विभिन्न प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच रखने की वकालत करते हुए कहा कि इससे एक व्यक्ति पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर टेस्ट और एकदिवसीय श्रृंखला खेलेगी। एंड्रयू मैकडॉनल्ड वर्तमान में सभी प्रारूपों में ऑस्ट्रेलिया के कोच है। उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला से पहले जस्टिन लैंगर की जगह ली थी।

ऑस्ट्रेलिया के लिए नौ टेस्ट और सात टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले ओ कीफ का मानना है कि अगर दो कोच वाला तरीका इंग्लैंड के लिए कारगर हो सकता है, तो कोई कारण नहीं है कि यह ऑस्ट्रेलिया के लिए काम नहीं करेगा। इंग्लैंड ने टेस्ट और सफेद गेंद प्रारूप में अलग-अलग कोच रखने के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है। कोच ब्रेंडन मैकुलम के नेतृत्व में टेस्ट टीम ने 10 में से नौ टेस्ट जीते हैं, जबकि मैथ्यू मॉट के नेतृत्व में इंग्लैंड ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप जीता था।

ऑस्ट्रेलिया के यह साल काफी व्यस्त रहेगा। इसमें टीम को बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला, एशेज और भारत में एकदिवसीय विश्व कप जैसे अहम टूर्नामेंट शामिल हैं।  ओ कीफ का मानना है कि अगल कोच रखने का यह सही समय है। इस पूर्व स्पिनर ने शनिवार को ‘एसईएन रेडियो’ से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड के तरीके का पालन करना कारगर होगा। टीम के कोच पर यात्रा करने का बहुत दबाव होता है, वे साल में कभी-कभी 300 दिन घर से दूर रहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया को आने वाले समय में भारत और इंग्लैंड का सामना करना है। यह काफी दबाव वाला टूर्नामेंट होता है। मुझे लगता है कि टी20, एकदिवसीय और टेस्ट के लिए कोच का एक पूल तैयार कर इस बोझ को कम किया जा सकता है। ओ कीफ ने कहा कि अलग-अलग कोच समय की जरूरत थी क्योंकि विभिन्न प्रारूपों में क्रिकेट अलग-अलग तरीके से विकसित हुआ था। उन्होने कहा, ‘‘अब हर प्रारूप दूसरे से काफी अलग है। मैं एंड्रयू मैकडोनाल्ड की काबिलियत पर शक नहीं कर रहा हूं। वह एक शानदार कोच हैं, लेकिन मुझे लगता है कि भविष्य में अगर हमारे पास सफेद गेंद और लाल गेंद प्रारूप में अलग कोच होते है तो यह आगे बढ़ने का सही तरीका होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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