तोक्यो ओलंपिक से दूर स्वाभाविक बायो बबल में हैं ओलंपिक साइकिलिस्ट

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आयोजकों ने पहले 10 करोड़ डॉलर की लागत से शहर के बीचोंबीच वेलोड्रोम बनाने का फैसला लिया था ताकि साइकिलिस्ट भी खेलों के इस महासमर का पूरा मजा ले सकें। दूसरे खेल देख सकें, खेलगांव में रह सकें और दूसरे खिलाड़ियों के साथ तफरीह कर सकें।

तोक्यो। तोक्यो ओलंपिक के आयोजकों ने बजट में कटौती के लिये साइकिलिंग स्पर्धायें शहर से ढाई घंटे दूर इजु में कराने का फैसला लिया था तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि कोरोना महामारी के बीच यह साइकिलिस्टों के लिये वरदान साबित होगा। आयोजकों ने पहले 10 करोड़ डॉलर की लागत से शहर के बीचोंबीच वेलोड्रोम बनाने का फैसला लिया था ताकि साइकिलिस्ट भी खेलों के इस महासमर का पूरा मजा ले सकें। दूसरे खेल देख सकें, खेलगांव में रह सकें और दूसरे खिलाड़ियों के साथ तफरीह कर सकें। इसके बाद लागत में कटौती के लिये उन्होंने तोक्यो से दक्षिण पश्चिम ढाई घंटे की दूरी पर स्थित इजु में साइकिलिंग स्पर्धा कराने का फैसला किया जहां वेलोड्रोम पहले ही से है।

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यह सब कोरोना महाामारी से पहले की बात है। पहले जहां साइकिलिस्ट इस फैसले से नाराज थे, वहीं उनके लिये अब यह वरदान बन गया है। विश्व रिकॉर्ड धारी अमेरिकी टीम की सदस्य जेनिफर वालेंटे ने कहा ,‘‘ कोरोना से पहले ही हमारा कार्यक्रम अलग होने वाला था क्योंकि हम तोक्यो से काफी दूर रहने वाले थे। हम एक सैटेलाइट गांव में हैं जहां सिर्फ साइकिलिस्ट हैं।’’ इससे पहले लंदन और रियो ओलंपिक में वेलोड्रोम मुख्य आयोजन स्थल पर ही बनाये गए थे। कनाडा के माइकल वुड्स ने कहा ,‘‘ मै टूर दे फ्रांस से सीधे यहां आया हूं। मैं ऐसे होटल में रूका हूं जिसमें सिर्फ साइकिलिस्ट हैं। मुझे ऐसा लग रहा है कि टूर दे फ्रांस साइकिलिंग बबल से एक और साइकिलिंग बबल में आ गया हूं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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