ये रहीं भारत की वो रहस्यमय गुफाएं जिनका हैं पुरातात्विक महत्व

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सुषमा तिवारी । Nov 20 2018 1:49PM

एलोरा गुफा को एल्लोरा के नाम से भी जाना जाता है लेकिन इसका मूल नाम ‘वेरुल’ है। एलोरा की गुफा एक पुरातात्विक स्थल है, यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था।

एलोरा गुफाएं   

एलोरा गुफा को एल्लोरा के नाम से भी जाना जाता है लेकिन इसका मूल नाम ‘वेरुल’ है। एलोरा की गुफा एक पुरातात्विक स्थल है, यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है। इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। अपनी स्मारक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध, एलोरा युनेस्को द्वारा घोषित एक विश्व धरोहर स्थल है।

अजंता की गुफाएं

अजंता की गुफाओं में बौद्ध धर्म द्वारा प्रेरित और उनकी करुणामय भावनाओं से भरी हुई शिल्पकला और चित्रकला पाई जाती है, जो मानवीय इतिहास में कला के उत्कृष्ट और अनमोल समय को दर्शाती है। बौद्ध तथा जैन सम्प्रदाय द्वारा बनाई गई ये गुफाएं सजावटी रूप से तराशी गई हैं। महाराष्ट्र में औरंगाबाद शहर से लगभग 107 किलोमीटर की दूरी पर अजंता की ये गुफाएं पहाड़ को काट कर विशाल घोड़े की नाल के आकार में बनाई गई हैं।

बोरा गुफाएं

दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में बेलम व बोरा गुफाएं प्रसिद्ध हैं। बोरा गुफाएं विशाखापट्टनम से 90 किलोमीटर की दूरी पर हैं। गुफाएं क्षैतिज विमान पर 100 मीटर और ऊर्ध्वाधर विमान पर लगभग 75 मीटर के साथ खुलती हैं। 

बेलम गुफाएं

आंध्र के कुरनूल से 106 किलोमीटर दूर बेलम गुफाएं स्थित हैं। मेघालय की गुफाओं के बाद ये भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफाएं हैं। इन्हें मूल रूप से तो 1854 में एचबी फुटे ने खोजा था लेकिन दुनिया के सामने 1982 में यूरोपीय गुफा विज्ञानियों की एक टीम ने इन्हें मौजूदा स्वरूप में पेश किया।

उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएं 

उदयगिरि और खंडगिरि ओडीशा में भुवनेश्वर के पास स्थित दो पहाड़ियाँ हैं। इन पहाड़ियों में आंशिक रूप से प्राकृतिक व आंशिक रूप से कृत्रिम गुफाएँ हैं जो पुरातात्विक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व की हैं। हाथीगुम्फा शिलालेख में इनका वर्णन ‘कुमारी पर्वत’ के रूप में आता है। ये दोनों गुफाएं लगभग दो सौ मीटर के अंतर पर हैं और एक दूसरे के सामने हैं। ये गुफाएं अजन्ता और एलोरा जितनी प्रसिद्ध नहीं हैं, लेकिन इनका निर्माण बहुत सुंदर ढंग से किया गया है। 


बादामी गुफा

कर्नाटक के बगलकोट जिले की ऊंची पहाड़ियों में स्थित बादामी गुफा का आकर्षण अद्भुत है। बादामी गुफा में निर्मित हिंदू और जैन धर्म के चार मंदिर अपनी खूबसूरत नक्कागशी, कृत्रिम झील और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध हैं। चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफा का दृश्य‍ इसके शिल्पकारों की कुशलता का बखान करता है। बादामी गुफा में दो मंदिर भगवान विष्णु और एक भगवान शिव को समर्पित है और चौथा जैन मंदिर है। गुफा तक जाती सीढ़ियां इसकी भव्यता में चार चांद लगाती हैं।


अमरनाथ गुफा

अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं। आषाढ़ पूर्णिमा से शुरू होकर रक्षाबंधन तक पूरे सावन महीने में होने वाले पवित्र हिमलिंग दर्शन के लिए लाखों लोग यहां आते हैं।

-सुषमा तिवारी

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