अच्छी खबर! साउथ अफ्रीका में शुरू हुआ एड्स वैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल

एड्स की बीमारी का अभी तक दुनियाभर में कोई इलाज नहीं है। हालाँकि इसको लेकर एक अच्छी खबर आयी है। अमेरिकी दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना और गैर-लाभकारी वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन आईएवीआई ने इस बीमारी की वैक्सीन बना ली है। मॉडर्ना ने अपनी इस वैक्सीन का पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है।
एड्स (AIDS) एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी HIV नामक वायरस की वजह से होती है और धीरे-धीरे पीड़ित व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर के कम से कम 3.7 करोड़ लोग इससे संक्रमित हैं। इसके अलावा यह बीमारी अब तक 3.6 करोड़ लोगों की जान भी ले चुकी है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में हाल के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 14-16 लाख लोग एचआईवी/एड्स से प्रभावित है।
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1980 के दशक में बंदरों से इंसानों में फैली इस बीमारी का अभी तक दुनियाभर में कोई इलाज नहीं है। हालाँकि इसको लेकर एक अच्छी खबर आयी है। अमेरिकी दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना और गैर-लाभकारी वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन आईएवीआई ने इस बीमारी की वैक्सीन बना ली है। मॉडर्ना ने अपनी इस वैक्सीन का पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। यह ट्रायल साउथ अफ्रीका में किया जा रहा है। अगर यह ट्रायल सफल रहा तो दुनिया को एड्स की पहली वैक्सीन मिल जाएगी। आपको बता दें कि मॉडर्ना अपनी इस MRNA-1644 नाम की एड्स वैक्सीन को ठीक उसी तरह बना रही है जैसे उन्होंने कोविड वैक्सीन बनाई थी।
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