International Olympic Day 2025: हर साल 23 जून को मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

हर साल 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है, जो सिर्फ खेलों को ही नहीं बल्कि सम्मान, एकता और उत्कृष्टता की भावना का भी उत्सव है। साल 1948 में पहला ओलंपिक दिवस आयोजित किया गया था।
हर साल 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन है, जो सिर्फ खेलों को ही नहीं बल्कि सम्मान, एकता और उत्कृष्टता की भावना का भी उत्सव है। यह दिन लोगों को न सिर्फ शारीरिक रूप से एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करता है, बल्कि लोगों को ओलंपिक के मूल्यों को भी अपनाने का अवसर देता है। तो आइए जानते हैं वर्ल्ड ओलंपिक डे के इतिहास, महत्व और उद्देश्य के बारे में...
इतिहास
इस दिन की शुरूआत 23 जून 1894 से जुड़ा है। दरअसल, पेरिस स्थित सोरबोन यूनिवर्सिटी में आधुनिक ओलंपिक खेलों की नींव रखने वाले अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना की गई।
साल 1948 में पहला ओलंपिक दिवस आयोजित किया गया था। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य खेलों के जरिए वैश्विक एकता को बढ़ावा देना है।
कई गतिविधियों में लेते हैं भाग
हालांकि अब ओलंपिक वैश्विक आंदोलन का रूप ले चुका है। इस दिन साइकल रैलियां, फिटनेस चुनौतियां, रनिंग इवेंट्स और वर्चुअल वर्कआउट्स जैसी एक्टिविटी के जरिए दुनियाभर में लोग इसमें हिस्सा लेते हैं। इस दिन को कई देश फिटनेस का उत्सव मनाते हैं। जहां पर पेशा, क्षमताएं या उम्र कोई बाधा नहीं बनती हैं और खेलने और जुड़े रहने की भावना काफी मायने रखती है।
खेलों की शक्ति को पहचानने का दिन
यह दिन खेलों की शक्ति को पहचानने का दिन है। यह वह शक्ति है, जो लोगों को जोड़ती है, समाज में सहयोग की भावना को बढ़ाने और सीमाओं को मिटाने को बढ़ावा देती है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मित्रता, उत्कृष्टता और सम्मान जैसे ओलंपिक मूल्यों को आगे बढ़ाता है। इस दिन दुनिया के कई हिस्सों में खेल प्रतियोगिताएं, योग सत्र, फन रन और शैक्षिक कार्यशालाएं आयोजित की जाती है।
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