Lockdown के 57वें दिन WHO ने भी माना- भारत में अन्य देशों से बेहतर हैं हालात

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कोरोना वायरस महामारी से निपटने में, डब्ल्यूएचओ के तौर तरीके की अमेरिका द्वारा की जा रही आलोचना के बीच, डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश इस वैश्विक संकट के प्रति संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी की जवाबी कार्रवाई की स्वतंत्र जांच पर मंगलवार को सहमत हो गए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में अब तक प्रति एक लाख आबादी पर कोविड-19 से मौत के करीब 0.2 मामले आए हैं जबकि दुनिया का आंकड़ा 4.1 मृत्यु प्रति लाख का है। देश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत के मामले 3,163 पर पहुंच गए और संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,01,139 हो गयी। मंत्रालय ने कहा कि सोमवार को देश में कोविड-19 के लिए रिकार्ड 1,08,233 नमूनों की जांच की गयी। अब तक कुल 24,25,742 नमूनों की जांच की जा चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थिति रिपोर्ट-119 के आंकड़ों के हवाले से मंत्रालय ने कहा कि दुनियाभर में मंगलवार तक कोविड-19 से मौत के 3,11,847 मामले आए हैं जो करीब 4.1 मृत्यु प्रति लाख आबादी हैं। मंत्रालय ने कहा कि जिन देशों में कोरोना वायरस संक्रमण से बड़ी संख्या में लोग मारे गये हैं, उनमें अमेरिका में 87,180 लोगों की मौत हो चुकी है यानी प्रति एक लाख आबादी पर यह दर 26.6 की है। ब्रिटेन में 34,636 लोगों की मौत हो चुकी है और इस लिहाज से संक्रमण से मृत्यु की दर करीब 52.1 लोग प्रति एक लाख है। इटली में 31,908 लोगों की मौत के साथ यह दर करीब 52.8 मृत्यु प्रति लाख जनसंख्या, फ्रांस में मृत्यु के कुल 28,059 मामलों के साथ 41.9 मौत प्रति लाख, वहीं स्पेन में संक्रमण से 27,650 लोगों की मौत के साथ यह दर करीब 59.2 प्रति लाख है। जर्मनी, ईरान, कनाडा, नीदरलैंड और मेक्सिको में यह दर क्रमश: लगभग 9.6, 8.5, 15.4, 33.0 और 4.0 मौत प्रति लाख आबादी है। चीन में कोविड-19 के कारण अब तक 4,645 लोगों की मौत हुई है और वहां मौत की दर करीब 0.3 मृत्यु प्रति लाख आबादी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘अपेक्षाकृत मृत्यु के कम आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में समय पर मामलों की पहचान कर उनका क्लीनिकल प्रबंधन किया गया।’’ जांच के मामले में मंत्रालय ने कहा कि जनवरी में जहां केवल एक प्रयोगशाला में कोविड-19 की जांच हो रही थी, वहीं आज 385 सरकारी और 158 निजी लैब में जांच हो रही हैं। उसने कहा, ‘‘केंद्र सरकार की सभी प्रयोगशालाओं, सरकारी मेडिकल कॉलेजों, निजी मेडिकल कॉलेजों और निजी क्षेत्र की यथोचित साझेदारी के साथ देश में जांच क्षमता का विस्तार किया गया है।’’ इसके अलावा जांच बढ़ाने के लिए ट्रूनेट और सीबीएनएएटी जैसी अन्य मशीनों को भी लगाया गया है।

यात्री उड़ानें शुरू करने के लिये तैयार होना चाहिये

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र सरकार यात्री उड़ानों का संचालन फिर से शुरू करने पर अकेले फैसला नहीं ले सकती और राज्य सरकारों को सहकारी संघवाद की भावना के तहत इन सेवाओं की अनुमति देने के लिए तैयार होना चाहिए। भारत में मोदी सरकार द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये 25 मार्च को लॉकडाउन लागू करने के बाद से यात्री उड़ानें निलंबित हैं। पुरी ने ट्वीट किया, 'घरेलू उड़ानें फिर से शुरू करने पर नागर विमानन मंत्रालय या केन्द्र सरकार अकेले कोई फैसला नहीं ले सकती। सहकारी संघवाद की भावना के तहत जिन राज्यों से ये उड़ानें उड़ान भरेंगी या उतरेंगी, उन्हें नागर विमानन संचालन की अनुमति देने के लिये तैयार होना चाहिये।'

कांग्रेस और यूपी सरकार में गतिरोध

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों को ले जाने के लिए जिन 1000 बसों की पेशकश की है, उनमें से कई पंजीकरण नंबर दोपहिया, तीन पहिया और कारों के हैं हालांकि कांग्रेस ने इसका खंडन करते हुए चुनौती दी कि योगी आदित्यनाथ की सरकार बसों का ‘भौतिक सत्यापन’ करा ले। कांग्रेस के मुताबिक बसें राजस्थान -उप्र सीमा पर खड़ी हैं और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में प्रवेश की अनुमति का इंतजार कर रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को पेशकश की थी कि अपने घरों को जा रहे प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों के लिए उत्तर प्रदेश की सीमा पर कांग्रेस 1000 बसें मुहैया कराएगी। इस पेशकश पर उत्तर प्रदेश सरकार के दोपहिया एवं कार के पंजीकरण नंबर वाले दावे ने गतिरोध पैदा कर दिया है। कांग्रेस ने शुरूआत में दावा किया था कि राज्य की भाजपा सरकार उसकी पेशकश की अनदेखी कर रही है। और तो और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से इंकार कर दिया। कोरोना लॉकडाउन के बाद घरों को जा रहे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर राजनीति करने का आरोप मढ़ने वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि सोमवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस की पेशकश स्वीकार कर ली। सरकार ने कांग्रेस से कहा कि वह बसों, उसके ड्राइवरों और कंडक्टरों की सूची सौंपे। लेकिन गतिरोध यहीं नहीं दूर हुआ। कांग्रेस के मुताबिक प्रियंका गांधी के निजी सचिव द्वारा सोमवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर रिसीव किये गये ईमेल में उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस से कहा कि वह मंगलवार दस बजे तक बसों को लखनऊ भेज दे। निजी सहायक ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि जब हजारों श्रमिक यूपी की सीमाओं पर एकत्र हैं, तो ऐसे में खाली बसें लखनऊ भेजना अमानवीय है और यह गरीब विरोधी मानसिकता का परिचायक है। 'आपकी सरकार की ये मांग राजनीति से प्रेरित लगती है। ऐसा नहीं लगता कि आपकी सरकार हमारे श्रमिक भाइयों और बहनों, जो आपदा का सामना कर रहे हैं, की मदद करना चाहती है।' इस पर उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने जवाब दिया कि बसों को सीमा पर ही लाने की अनुमति दी जाती है। उन्होंने कांग्रेस से कहा कि 19 मई के पत्र में आपने लखनऊ में बसें मुहैया कराने में असमर्थता जतायी है और आप उन्हें गाजियाबाद एवं नोएडा में देना चाहते हैं। अवस्थी ने कांग्रेस से कहा कि वह 500 बसें कौशाम्बी और साहिबाबाद बस स्टैंड पर पहुंचा दें, जहां गाजियाबाद के जिलाधिकारी उन्हें अपने पास ले लेंगे। अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस 500 बाकी बसें गौतम बुद्ध नगर में एक्सपो मार्ट के निकट लगवा दें और वहां के जिलाधिकारी को सौंप दें। अवस्थी ने कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं कि वे ड्राइवर एवं कंडक्टर के ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र, परमिट, फिटनेस, बीमा आदि की जांच करने के बाद तत्काल बसों का इस्तेमाल करें। राज्य सरकार ने हालांकि कहा कि जिन 1000 बसों की सूची सौंपी गयी है, उनमें अन्य वाहनों के पंजीकरण नंबर दर्ज हैं। इसके बाद बसों को लेकर विवाद उठ खडा हुआ। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा कि कांग्रेस की ओर से मुहैया करायी गयी सूची में मोटरसाइकिलों, तीन पहिया वाहनों, एक एंबुलेंस और निजी कारों के नंबर हैं। उन्होंने एक एंबुलेंस, एक कार और चार तीनपहिया वाहनों के पंजीकरण नंबर भी बताये। उन्होंने बताया कि यह ब्यौरा 'एम परिवहन' ऐप के जरिए हासिल किया गया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने हालांकि इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि 1000 बसें हैं और अगर उत्तर प्रदेश सरकार को कोई संदेह है तो वह राज्य की सीमा पर वाहनों को सामने देखकर उनकी पुष्टि कर सकती है। प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह की ओर से अवस्थी को 19 मई की दोपहर लगभग सवा बारह बजे भेजे एक पत्र में कहा गया कि हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से । इसके लिए परमिट देने की प्रक्रिया जारी है। बसों की संख्या चूंकि काफी ज्यादा है, इसलिए कुछ घंटे लग सकते हैं। हम आपसे आग्रह करते हैं कि शाम पांच बजे तक यात्रियों की सूची और रूट मैप तैयार रखें ताकि हमें परिचालन में कोई दिक्कत ना आये। उसके बाद अपराह्न पौने चार बजे संदीप सिंह की ओर से अवस्थी को भेजे पत्र में कहा गया कि पिछले तीन घंटे से हमारी बसों का बेडा उंचा नांगला यूपी सीमा पर खड़ा है लेकिन आगरा प्रशासन हमें प्रवेश नहीं करने दे रहा है। हम आपसे पुन: अनुरोध करते हैं कि संवेदनशीलता दिखायें। कृपया हमारी सभी बसों को अनुमति का पत्र भेजें ताकि हम आगे बढ़ सकें। इस बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने टवीट कर कहा कि झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करना कांग्रेस पार्टी के डीएनए में है और बस घोटाला कांग्रेस के घोटालों में नयी कड़ी है। मौर्य ने कहा कि 'बस घोटाला' बोफर्स, 2—जी, कोल गेट और राष्ट्रमंडल घोटालों की श्रृंखला में नयी कड़ी है। कांग्रेस बसों के नाम पर आटो रिक्शा और मोटरसाइकिलों का ब्यौरा देकर मजदूरों का मजाक बना रही है। मौर्य ने एक अन्य टवीट में कहा, “कांग्रेस अपनी ही चाल में फंस गयी है। बसों की सूची में भी घोटाला है।” प्रदेश के ही उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयत्न कर रही है और उसे अपना बर्ताव सुधारना चाहिए। उधर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को टवीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश की आम जनता हैरत में है कि राज्य सरकार फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए हजारों बसों का उपयोग क्यों नहीं कर रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अगर कांग्रेस के पास 1000 बसें हैं तो उसे उन्हें लखनउ भेज देना चाहिए, जहां बड़ी संख्या में लोग घर जाने का इंतजार कर रहे हैं।

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धोखाधड़ी का मुकदमा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य लोगों के खिलाफ मंगलवार को धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। एक सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 420, 467 और 468 के तहत दर्ज किया गया है। यह मुकदमा उत्तर प्रदेश सरकार के उस आरोप के बाद दर्ज हुआ है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दी गई 1000 बसों की सूची में शामिल कुछ वाहनों के नंबर दो पहिया, तिपहिया वाहनों तथा कारों के तौर पर दर्ज पाए गए हैं।


खर्च कम करने के लिए आदेश

कोविड—19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के चलते आयी वित्तीय दिक्कतों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अब कोई नया वाहन नहीं खरीदेगी। साथ ही नये स्पोर्ट स्टाफ की नियुक्ति पर भी रोक लगा दी गयी है। अपर मुख्य सचिव (वित्त) संजीव मित्तल की ओर से सोमवार को जारी आदेश में कहा गया कि 2020—21 के लिए सरकारी विभागों से कहा गया है कि वे नये वाहन न खरीदें और अधिकारियों की यात्रा कम से कम रखें। वीडियो कांफ्रेंस से काम चलायें। अगर यात्रा करना बहुत जरूरी हो तो अधिकारी विमान में इकानामी श्रेणी से ही यात्रा करें। बिजनेस और एक्जीक्यूटिव श्रेणी से सफर को प्रतिबंधित किया गया है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे सम्मेलन, सेमिनार और बैठकों के लिए लक्जरी होटल ना लें बल्कि ऐसे कार्यक्रमों के लिए सरकारी भवनों का उपयोग करें। आदेश में कहा गया कि अगर पुराने वाहन उपयोग लायक नहीं हैं तो भी नये वाहन ना लिये जाएं बल्कि आउटसोर्स किये जाएं। अधिकारियों से कहा गया है कि विभागों में सलाहकार, चेयरपर्सन और सदस्यों की कोई नियुक्ति नहीं होगी। सरप्लस स्टाफ का उपयोग हो या फिर इसे आउटसोर्स किया जाए। आदेश में कहा गया कि अत्यावश्यक न हो तो कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा। मौजूदा निर्माणाधीन परियोजनाओं के पूरा होने पर ही फंड का इस्तेमाल होगा। धन की कमी को देखते हुए केन्द्र सरकार प्रायोजित योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी को किश्तों में दिया जाएगा। यह आदेश सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और विभाग अध्यक्षों को भेजा गया है।

श्रमिक के बेटे का जन्मदिन मनाने केक लेकर पहुंचे एएसपी

लॉकडाउन के बीच दिल्ली से आजमगढ़ के पैदल सफर पर परिवार के साथ निकले प्रवासी मजदूर देवीदीन को मंगलवार को यहां पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला जब उसके बच्चे का जन्मदिन मनाने खुद एएसपी केक लेकर पहुंच गए। राजमार्ग से गुजर रहे इस प्रवासी श्रमिक के परिवार ने जब पुलिस को बताया कि उनके बेटे का आज जन्मदिन है और उनको घर पहुंचे की जल्दी है तो जनपद हापुड़ के एएसपी अपनी टीम के साथ खुद केक लेकर मौके पर पहुंचे और बच्चे का जन्मदिन मनाया। देवीदीन अपनी पत्नी लक्ष्मी और बेटे आशीष के साथ दिल्ली से आजमगढ़ जाने के लिए दो दिन से पैदल यात्रा कर रहे थे। मंगलवार की सुबह बृजघाट पार्किंग में पहुंचने के बाद अपने घर के लिए जाने के लिए पुलिसकर्मियों से जल्दी जाने के लिए आग्रह किया। पुलिसकर्मियों के पूछने पर बेटे के जन्मदिन की बात कही। पुलिस कर्मियों ने जन्मदिन की बात जिले के उच्च अधिकारियों को बताई तो मौके पर जिले एएसपी सर्वेश मिश्रा पहुँचे ओर सभी के साथ अखिल का केक काटकर 13वां जन्मदिन मनाया। एएसपी सर्वेश मिश्रा ने कहा कि देश संकट की घड़ी में है, बच्चे भगवान का रूप होते हैं। इस मौके पर उपजिलाधिकारी विजयवर्धन तोमर, गढ़ कोतवाल राजपाल तोमर, चौकी प्रभारी सत्यपाल सिंह सहित कई अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

सम-विषम फार्मूले का पालन

राष्ट्रीय राजधानी में करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद मंगलवार को कई बाजार ‘सम-विषम’ फार्मूला के साथ खुल गये। ऐसा करने के दौरान कोरोना वारयस को फैलने से रोकने के लिए सैनिटाइजेशन किया गया और एक दूसरे से दूरी बनाने की कोशिश की गयी। कनॉट प्लेस और खान मार्केट जैसे लोकप्रिय बाजारों में करीब आधे दिन सन्नाटा पसरा रहा जबकि तिलक नगर, करोल बाग और सरोजिनी नगर जैसे बाजारों में व्यापारी अपने दुकानों की सफाई करते हुए नजर आये। तिलक नगर मेन मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील खत्री ने कहा, ''चूंकि कई दुकानें 56 दिनों बाद खुली हैं, इसलिए कई लोग सफाई कर रहे हैं और चीजें सुव्यवस्थित कर रहे हैं। हमने पुलिस से हमें आज के लिए दुकानें खोलने देने का अनुरोध किया है। हम सम-विषम फार्मूला पर दिल्ली पुलिस से और दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।’’ पुलिसकर्मी यह घोषणा करते हुए और दुकानदारों से अपील करते हुए दिखाई दिये कि वे सड़कों पर चीजें नहीं फैलाएं तथा यह सुनिश्चित करें कि उनकी दुकानों के बाहर भीड़भाड़ न हो। मध्य दिल्ली के वाणिज्यिक केंद्र कनॉट प्लेस में व्यापारी एक दूसरे से दूरी सुनिश्चित करने के लिए अपनी दुकानों के आगे गोल घेरा बनाते नजर आये। नयी दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा, ''हम खुश हैं कि दुकानें 50 दिनों बाद अब खुल सकती हैं। हमने सभी व्यापारियों से मानक संचालन प्रक्रिया (थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और हर वक्त मास्क लगाना) का पालन करने का अनुरोध किया है। ऐसा नहीं करने पर डीडीएमए कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है। सभी दुकानें दिशानिर्देश के अनुसार निर्धारित समय पर बंद हो जाएंगी ताकि सभी सात बजे की समयसीमा के अंदर सुरक्षित अपने घर पहुंच जाएं।’’ खान मार्केट में कुछ दुकानें खुलीं। वहां के कुछ व्यापारियों ने कहा कि सम-विषम फार्मूला इस बाजार में प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया जा सकता है। ऐसे में वे कोई तौर तरीका बनाने में जुटे हैं। करोल बाग का प्रसिद्ध गफ्फार मार्केट सम-विषम आधार पर काम करने लगा। मंगलवार को विषम नंबर वाली दुकानें खुलीं। दुकानदार चीजें व्यवस्थित करने में व्यस्त रहे। लक्ष्मी नगर के मेन मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रद्युम्न जैन कहा कि दुकानें सम-विषम फार्मूले के अनुसार खुलेंगी।

रेड जोन और गैर रेड जोन में विभाजित

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर व्यापार और अन्य गतिविधियों को अनुमति देने या प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों को रेड और गैर-रेड जोन में वर्गीकृत करने की घोषणा की। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी ये नए दिशा-निर्देश 22 मई से लागू होंगे। लॉकडाउन के पिछले चरणों के दौरान राज्य को (देश के अन्य भागों की तरह) रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में विभाजित किया गया था। मुंबई महानगर क्षेत्र (जिसमें मुंबई, ठाणे और आसपास के शहर शामिल हैं) के नगर निगमों के साथ-साथ पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद, मालेगांव, नासिक, धुले, जलगांव, अकोला और अमरावती के नगर निकाय को रेड जोन घोषित गया है। इन सभी क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमण के अधिक मामले सामने आए हैं। सरकार ने रविवार लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी। रेड और गैर-रेड क्षेत्रों में नगरपालिका / जिला प्राधिकारी निषिद्ध क्षेत्र बनाएंगे। नगर आयुक्त और जिला कलेक्टरों के पास आवासीय कॉलोनियों, मुहल्लों, मलिन बस्तियों, इमारतों या भवनों के समूहों, गलियों, वार्डों, पुलिस स्टेशन क्षेत्रों, गांवों या गांवों के छोटे समूहों की पहचान कर वहां निषिद्ध क्षेत्र बनाने की शक्ति होगी। हालांकि, उन्हें बड़े क्षेत्रों जैसे कि एक पूरे तालुका या नगर निगम, को निरुद्ध क्षेत्र घोषित करने के लिये राज्य के मुख्य सचिव से परामर्श करना होगा। निरुद्ध क्षेत्रों में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी। इन क्षेत्रों के भीतर और बाहर के आपात चिकित्सा स्थिति और आवश्यक सामानों की आपूर्ति के अलावा लोगों की किसी भी तरह की आवाजाही पर पाबंदी होगी। रेड जोन में ऐसी दुकानें, मॉल, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और उद्योग जिनके संचालन की अनुमति नहीं है, वे केवल सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अपने सामान, फर्नीचर, संयंत्र तथा मशीनरी के रखरखाव और मॉनसून से पहले अपने सामान तथा संपत्ति की सुरक्षा के लिये इन्हें खोल सकते हैं। दिशा-निर्देशों के अनुसार इन प्रतिष्ठानों में उत्पादन या वाणिज्यिक गतिविधियों की अनुमति नहीं है। वहीं, गैर-रेड जोन में किसी भी ऐसी गतिविधि के लिये सरकारी प्राधिकरण से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है, जिसकी सरकार पहले अनुमति दे चुकी है।

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पवार ने गोयल का आभार जताया

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक राज्यों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों की सुविधा प्रदान करने के उनके आग्रह को स्वीकार करने पर मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल के प्रति आभार जताया। पवार ने नौ मई को गोयल के समक्ष प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को उठाया था। राकांपा अध्यक्ष ने तब कहा था कि रेल मंत्री ने लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया है। राकांपा नेता ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से प्रवासियों को सुरक्षित उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनें मुहैया कराने के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल जी और रेल मंत्रालय का शुक्रिया।’’ महाराष्ट्र से अब तक लाखों प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और आंध्र प्रदेश समेत अपने गृह राज्यों को लौट चुके हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पिछले रविवार को कहा था कि पश्चिम बंगाल और बिहार की सरकारें उतनी संख्या में ट्रेनों के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं दे रहीं, जितनी की जरूरत है।

समय सीमा तीन से छह महीने तक बढ़ी

वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 संकट को देखते हुए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) समेत सभी सरकारी परियोजनाओं के अनुबंध संबंधी कार्यों को पूरा करने के लिये समयसीमा छह महीने तक बढ़ा दी है। ये वे परियोजनाएं हैं जो फरवरी 2020 या उसके बाद पूरी होनी थी। मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला व्यय विभाग ने फरवरी में कहा था कि चीन में कोरोना वायरस महामारी फैलने को मानवीय नियंत्रण से बाहर आपात स्थिति माना जाएगा। विभाग ने अब उन कंपनियों को राहत दी है जिन्हें केंद्र सरकार से ठेका प्राप्त है। विभाग ने हाल में एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि इस संकट से परिवहन, विनिर्माण और वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बाधित हुई है। इसमें कहा गया है, ‘‘लोगों और सामानों की आवाजाही पर गृह मंत्रालय और संबंधित राज्य और केंद्र शसित प्रदेशों की तरफ से समय-समय पर लगायी गयी पाबंदियों से अनुबंध बाध्यताओं के तहत वस्तुओं की आपूर्ति, कामकाज और परामर्श सेवा को पूरा करना मुश्किल हुआ है।’’ विभाग ने कहा कि देश और विदेश में ‘लॉकडाउन’ के कारण इन पाबंदियों को देखते हुए सभी पक्षों के लिये अनुबंध संबंधी कार्यों को पूरा करना संभव नहीं हो सकता है। उसने कहा कि इसीलिए सरकारी विभाग से संबद्ध उन सभी निर्माण/कार्य अनुबंध, वस्तु, सेवा अनुबंध और पीपीपी-अनुबंधों को पूरा करने के लिये कम-से-कम तीन महीने और अधिकतम छह महीने का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है, जिन्हें इस साल फरवरी या उसके बाद पूरा किया जाना था। इसके लिये ठेकेदार/ या संबद्ध कंपनियों को कोई जुर्माना नहीं देना होगा। देश में कोविड-19 संकट के कारण 25 मार्च से ‘लॉकडाउन’ शुरू किया गया था जिसे कुछ छूट के साथ अब बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया है।

पिता को साइकिल पर बैठा 15 वर्षीय लड़की दरभंगा पहुंची

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों के हौसले की एक कहानी बिहार से सामने आई जब हरियाणा के गुरुग्राम से अपने पिता को साइकिल पर बैठा 15 साल की एक लड़की बिहार के दरभंगा पहुंच गई। दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखण्ड के सिरहुल्ली गांव निवासी मोहन पासवान गुरुग्राम में रहकर टेम्पो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे पर इसी बीच वे दुर्घटना के शिकार हो गए। दुर्घटना के बाद अपने पिता की देखभाल के लिये 15 वर्षीय ज्योति कुमारी वहां चली गई थी पर इसी बीच कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी बंदी हो गयी। आर्थिक तंगी के मद्देनजर ज्योति के साईकिल से अपने पिता को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की ठानी। बेटी की जिद पर उसके पिता ने कुछ रुपये कर्ज लेकर एक पुरानी साइकिल साईकिल खरीदी। ज्योति अपने पिता को उक्त साईकिल के कैरियर पर एक बैग लिए बिठाए आठ दिनों की लंबी और कष्टदायी यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंची है। गांव से कुछ दूरी पर अपने पिता के साथ एक पृथक-वास केंद्र में रह रही ज्योति अब अपने पिता के हरियाणा वापस नहीं जाने को कृतसंकल्पित है। वहीं ज्योंति के पिता ने कहा कि वह वास्तव में मेरी “श्रवण कुमार” है।

बेहतरीन सेवाओं की पेशकश की

आतिथ्य क्षेत्र की कंपनी ओयो ने मंगलवार को कहा कि वह कोविड-19 के असर को कम करने के लिए कई उपाय कर रहा है और आतिथ्य सत्कार में सेवाओं के नए मानक स्थापित करने के लिए नवाचार पर जोर दे रहा है। ओयो ने एक बयान में कहा कि इन कदमों में ग्राहक, परिसंपत्ति साझेदार और कर्मचारी केंद्रित पहल शामिल हैं। इसमें कहा गया कि पहले चरण में ओयो की योजना ऐसे सेनेटाइज आवास उपलब्ध कराने की है, जहां ग्राहकों को कम से कम स्पर्श करना होगा और बुकिंग प्लेटफार्म पर ‘सेनेटाइज आवास’ का टैग लगा होगा। ओयो ने कहा कि कंपनी की योजना अगले 10 दिनों में 1,000 होटलों में इन उपायों को लागू करने की है और लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद देश के सभी 18,000 होटलों में इन्हें लागू किया जाएगा। बयान में कहा गया कि कंपनी इस बात को समझती है कि लॉकडाउन के बाद ग्राहकों की जरूरत में भारी बदलाव होगा। इसलिए इन दशाओं में कामकाज करने के लिए ओयो ने ग्राहकों की उम्मीदों पर खरा उतरने के उपाय किए हैं। ओयो इंडिया और दक्षिण एशिया के सीईओ रोहित कपूर ने कहा कि पूरे आतिथ्य क्षेत्र में ग्राहकों के व्यवहार में बदलाव आया है और सुरक्षा मानक और कम से कम स्पर्श जल्द से जल्द सामान्य नियम बन जाएंगे।

परिभाषा में और बदलाव किए जाएंगे

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की परिभाषा में बदलाव की घोषणा के कुछ ही दिन बाद सरकार ने इसमें मध्यम उद्यमों की परिभाषा की और नयी समीक्षा करने का फैसला किया है। एमएसएमई मामलों के मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उनके अनुसार मध्यम दर्जे की इकाइयों निवेश सीमा को बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये और कारोबार सीमा को 200 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है। इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के बारे में कई किस्तों में जानकारी देते हुये एमएसएमई क्षेत्र की परिभाषा में बदलाव की घोषणा की थी। उसके मुताबिक कोई भी इकाई जिसमें एक करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करती है उसे सूक्ष्म श्रेणी का उद्यम माना जायेगा। इसी प्रकार 10 करोड़ रुपये का निवेश और 50 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाई को लघु श्रेणी की इकाई तथा 20 करोड़ रुपये तक का निवेश और 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाई को मध्यम दर्जे की इकाई में रखा गया। गडकरी ने कहा, ‘‘हमने यह फैसला किया है कि मध्यम दर्जे की इकाई के लिये निवेश सीमा के मानदंड को 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये तक ले जाया जाये और कारोबार की सीमा को 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया जाये। इसके लिये हम आदेश जारी करेंगे।’’ वह एक निर्यातक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बाताचीत कर रहे थे। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि उनके मुताबिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम दर्जे की इकाइयों के लिये तय किये गये मानदंड निवेश अथवा कारोबार के आधार पर तय होने चाहिये। यह निवेश और कारोबार दोनों के आधार पर नहीं होने चाहिये जैसा कि घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे जल्द ही ठीक करेगी। गडकरी ने कहा कि वह मध्यम इकाइयों के लिये कारोबार सीमा को 250 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के सुझाव पर विचार को तैयार है और इस मुद्दे को वह एमएसएमई सचिव के साथ भी साझा करेंगे। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि सरकार की योजना देश के निर्यात कारोबार में एमएसएमई के योगदान को मौजूदा 48 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक बढ़ाना है। इसके साथ ही इस क्षेत्र के देश की जीडीपी में योगदान को 29 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक पहुंचाना है। निर्यातक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘हम देश में पांच करोड़ नये रोजगार पैदा करने की योजना बना रहे हैं। अब तक हमने 11 करोड़ रोजगार सृजित किये हैं’’ उन्होंने कहा कि वह भारतीय एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि निर्यातकों को वर्तमान समय का लाभ उठाना चाहिये जब पूरी दुनिया में चीन के खिलाफ माहौल बन रहा है, उन्हें लागत कम करके और आयात सामान का विकल्प तैयार करना चाहिये।

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मलेरिया की दवाई ले रहा हूं

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि वह कोरोना वायरस से बचने के लिए मलेरिया रोधी दवा ‘हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन’ ले रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि ऐसा करना असुरक्षित हो सकता है। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ''मैं करीब डेढ़ सप्ताह से यह (हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन) ले रहा हूं।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं हैं। अमेरिका में पिछले तीन महीने में इस महामारी से 90 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। ट्रम्प ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने अपने चिकित्सकों से सलाह ली थी लेकिन व्हाइट हाउस के चिकित्सक ने इस पर कोई खास जोर नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘व्हाइट हाउस के चिकित्सक ने दवा लेने की सलाह नहीं दी। मैंने उनसे पूछा था कि उनका इस बारे में क्या विचार है? उन्होंने कहा कि क्या आप दवाई लेना चाहते हैं। मैंने कहा कि हां, मैं दवाई लेना चाहता हूं।’’ ट्रम्प ने कहा कि वह रोज मलेरिया रोधी दवा की एक गोली लेते हैं। उन्होंने कहा, ''मैं रोज एक गोली लेता हूं। कुछ समय बाद मैं इसे लेना बंद कर दूंगा। मैं चाहता हूं कि इसका इलाज मिले या इसका टीका बने और यह एक दिन जरूर होगा। मुझे लगता है कि बहुत जल्द ऐसा होगा।’’ ट्रम्प के दवाई लेने की जानकारी देने के कुछ देर बाद ही व्हाइट हाउस के डॉक्टर सीन पी. कॉनले ने कहा कि राष्ट्रपति एकदम स्वस्थ हैं और उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) मलेरिया रोधी सबसे पुरानी और जानी-मानी दवाओं में से एक है। ट्रम्प इस दवा को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ‘‘बाजी पलटने वाली’’ दवा करार दे चुके हैं। ट्रम्प द्वारा एचसीक्यू को बार-बार कोरोना वायरस की दवा बताए जाने के बाद एफडीए ने एक परामर्श जारी कर कहा कि कोविड-19 के उपचार में दवा सुरक्षित और प्रभावी नहीं पाई गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति के आग्रह पर भारत ने कोविड-19 महामारी से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका को पिछले महीने एचसीक्यू की पांच करोड़ गोलियां भेजी थीं। अमेरिका में कोरोना वायरस के 15 लाख मामले सामने आए हैं और 90 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। कोविड-19 के उपचार में एचसीक्यू एफडीए से मान्यताप्राप्त दवा नहीं है, लेकिन इसकी पहचान संक्रमण के संभावित उपचार के रूप में की गई है और अमेरिका सरकार ने इसकी तत्काल उपलब्धता का आग्रह किया है।

ब्रिटेन में बेरोजगारी

कोरोना वायरस संकट से ब्रिटेन में बेरोजगारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। अकेले अप्रैल महीने में नौकरी नहीं होने का दावा करने वालों की संख्या 69 प्रतिशत बढ़ गयी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) ने कहा कि नौकरी नहीं होने का दावा करने वालों की संख्या अप्रैल में बढ़कर 21 लाख पहुंच गयी जो एक माह पहले 8,56,000 थी। ओएनएस के उप-राष्ट्रीय सांख्यिकीविद् जोनाथन एथो ने कहा कि यह आंकड़ा ‘लॉकडाउन’ के पहले सप्ताह का है। उन्होंने कहा, ‘‘मार्च में रोजगार की स्थित ठीक-ठाक थी लेकिन मार्च के अखिर में कामकाजी घंटे के हिसाब से काम करने वालों की संख्या तेजी से घटी। यह स्थिति होटल और निर्माण क्षेत्र में विशेष रूप से देखने को मिली।'' कामकाज और ब्रिटेन की पेंशन मामलों की मंत्री थेरेसा कॉफे ने बीबीसी से कहा कि सरकार उन लोगों पर ध्यान दे रही है जो सार्वभौमिक सहायता (क्रेडिट) का दाव कर रहे हैं। सार्वभौमिक सहायता (यूनिवर्सल क्रेडिट) एक कल्याणकारी भुगतान व्यवस्था है। इसके तहत बेरोजगारों समेत जरूरतमंदों को मदद की जाती है।

-नीरज कुमार दुबे

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