World Sanskrit Day 2025: श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है संस्कृत दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

संस्कृत को भारतीय संस्कृति की भाषा कहा जाता है। संस्कृत भाषा को उचित सम्मान देने और भारतीय परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 09 अगस्त को संस्कृत दिवस मनाया जाता है। हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को यह दिन मनाया जाता है।
संस्कृत को भारतीय संस्कृति की भाषा कहा जाता है। संस्कृत भाषा को उचित सम्मान देने और भारतीय परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 09 अगस्त को संस्कृत दिवस मनाया जाता है। हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को यह दिन मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी ऋषि-मुनियों को याद किया जाता है। वहीं इस दिन उनका पूजन भी किया जाता है। तो आइए जानते हैं विश्व संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है और इस दिन का क्या इतिहास है।
संस्कृत दिवस 2025
इस बार 09 अगस्त 2025 को संस्कृत दिवस मनाया जा रहा है। उदयातिथि के मुताबिक इस दिन श्रावण माह की पूर्णिमा और रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जा रहा है।
क्यों मनाया जाता है यह दिन
भारतीय संस्कृति, ज्ञान और परंपरा को सम्मान देने के लिए संस्कृत दिवस मनाए जाने की शुरूआत हुई थी। वहीं यह दिन संस्कृत को दैनिक जीवन और नई पीढ़ी से जोड़ने के लिए भी मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य संस्कृत को 'अंतरराष्ट्रीय भाषा' के रूप में पहचान दिलाना भी है। क्योंकि जितने अधिक लोग इस भाषा को जानेंगे, उतना ही भारत की प्राचीन विद्या और ज्ञान का प्रसार होगा।
इतिहास
साल 1969 में पहली बार भारत सरकार की तरफ से संस्कृत दिवस मनाया गया था। यह दिन संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और इसको आम जन तक पहुंचाने के लिए मनाया गया था। इसको श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
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