Unlock 1 के 13वें दिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के कुछ नए लक्षणों के बारे में बताया

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प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए सरकार की ओर से जारी 20.97 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में और सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने यह भी कहा कि मांग को बढ़ावा देने की जरूरत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी संशोधित चिकित्सकीय प्रोटाकॉल प्रबंधन के अनुसार गंध और स्वाद महसूस न होने को भी कोविड-19 के लक्षणों में शामिल किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न कोविड-19 उपचार केंद्रों में आ रहे कोरोना वायरस से संक्रमित लोग बुखार, खांसी, थकान, सांस लेने में दिक्कत, बलगम, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहने, गले में खराबी और दस्त जैसे लक्षणों की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने सांस संबंधी दिक्कत शुरू होने से पहले गंध और स्वाद महसूस न होने जैसे लक्षणों की शिकायत भी की है। मंत्रालय ने कहा कि बुजुर्ग लोगों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में थकान, सजगता की कमी, गतिशीलता की कमी, दस्त, भूख न लगना, अचेत होना और बुखार न होने जैसे कुछ अलग लक्षण भी हो सकते हैं। वयस्कों की तरह बच्चों में बुखार या खांसी जैसे लक्षण नहीं दिखे हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय जनस्वास्थ्य संस्थान, रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने मई के शुरू में स्वाद और गंध महसूस न होने को कोविड-19 महामारी के लक्षणों में शामिल किया था। महामारी के संकेत और लक्षणों पर एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफॉर्म एवं एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के 11 जून तक के आंकड़ों के अनुसार 27 प्रतिशत मामलों में बुखार, 21 प्रतिशत मामलों में खांसी, 10 प्रतिशत मामलों में गले में खराबी, आठ प्रतिशत मामलों में सांस लेने में तकलीफ, सात प्रतिशत मामलों में कमजोरी, तीन प्रतिशत मामलों में नाक बहने और 24 प्रतिशत मामलों में अन्य लक्षणों की शिकायत मिली। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार नए कोरोना वायरस से संक्रमित लोग संक्रमण के मुख्य स्रोत हैं। सीधे व्यक्ति से व्यक्ति में संक्रमण करीबी संपर्क से होता है, मुख्यत: श्वसन कणों (बूंदों) के जरिए जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने पर निकलती हैं। ये बूंद सतह पर भी गिर सकती हैं जहां विषाणु जीवित रहता है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित सतह को छू लेता है और फिर उसके बाद वह अपनी आंखों, नाक या मुंह को छूता है तो उसे संक्रमण हो सकता है। रोग के सामने आने की औसत अवधि 5.1 दिन (जिसका रेंज दो से 14 दिन तक का हो सकता है) है। अभी इस बारे में निश्चित तौर पर पता नहीं है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण का प्रसार किस अवधि में शुरू होता है। मौजूदा साक्ष्य के अनुसार संक्रमण फैलने की अवधि लक्षण सामने आने से दो दिन पहले शुरू हो जाती है और किसी व्यक्ति से इसका प्रसार बंद होने में आठ दिन तक का समय लग सकता है। लक्षणमुक्त मामलों से प्रसार होने को लेकर अब भी जांच चल रही है।

प्रधानमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति की वरिष्ठ मंत्रियों और शीर्ष नौकरशाहों के साथ समीक्षा की। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, उन्होंने दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में महामारी की स्थिति का जायजा लिया। बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि भारत में कोविड-19 संक्रमण के दो तिहाई मामले पांच राज्यों में है और इसमें बड़ी संख्या बड़े शहरों में है। गौरतलब है कि देश में महज 10 दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दो लाख से बढ़कर तीन लाख के पार हो गए हैं। एक दिन में सर्वाधिक 11,458 मामले सामने आने से शनिवार को संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,08,993 हो गए हैं, वहीं संक्रमण से 386 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 8,884 हो गई।

अमित शाह की बैठक सोमवार को

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिये रविवार को दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व अन्य के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बुलाई गई है। इसके अलावा वह अलग से दिल्ली के तीनों नगर निगमों और निगम आयुक्तों के साथ भी एक बैठक करेंगे। यह बैठक दिल्ली में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर बुलाई गई है। दिल्ली में संक्रमण के 36 हजार मामले सामने आ चुके हैं जबकि अब तक इस महामारी से राजधानी में 1200 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। शाह के कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया, “गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के संदर्भ में स्थिति की समीक्षा के लिये दिल्ली के उप-राज्यपाल, मुख्यमंत्री और एसडीएमए के सदस्यों के साथ कल, 14 जून को सुबह 11 बजे बैठक करेंगे। एम्स के निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।” इसके कुछ घंटों बाद गृहमंत्री के कार्यालय की तरफ से घोषणा की गई कि रविवार को ही दिल्ली के तीनों नगर निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी के महापौरों और शीर्ष अधिकारियों के साथ अलग से बैठक की जाएगी। कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कल, 14 जून को शाम पांच बजे राजधानी में कोविड-19 की तैयारियों की समीक्षा के लिये दिल्ली नगर निगम के तीनों महापौरों के साथ बैठक करेंगे।” एक अन्य ट्वीट में कहा गया, “दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस दौरान उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा एम्स के निदेशक, तीनों नगर निगमों के आयुक्त और केंद्रीय गृह व स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।” महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद संक्रमण के मामले में दिल्ली देश में तीसरे स्थान पर है। राजधानी में कोविड-19 की स्थिति से निपटने के तरीकों और अस्पतालों में मरीजों के लिये बिस्तरों की उपलब्धता नहीं होने व प्रयोगशालाओं में जांच में आ रही मुश्किलों को लेकर अलग-अलग वर्गों द्वारा आलोचना हो रही है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को शहर की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली की अस्पतालों की स्थिति बेहद “भयावह” है और कोविड-19 मरीजों के पास शव रखे दिख रहे हैं। न्यायालय की टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने कहा कि वह पूरे सम्मान और ईमानदारी के साथ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को स्वीकार करती है और दिल्ली सरकार सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने और प्रत्येक कोविड-19 मरीज के लिए हरसंभव इलाज सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। बैजल ने भी कोविड-19 प्रबंधन योजना और राजधानी में चिकित्सा ढांचे को और सुदृढ़ बनाने पर सुझाव देने के लिये एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह हाल में बैजल के दिल्ली सरकार के उस फैसले को पलटने के बाद आया है जिसमें कहा गया कि अस्पताल के बिस्तर और जांच सिर्फ दिल्ली वालों के लिये हैं और जांच भी उन मरीजों की होगी जिनमें लक्षण नजर आएंगे। बैजल की परामर्श समिति में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्ण वत्स और कमल किशोर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया, डीजीएचएस के अतिरिक्त डीडीजी डा. रवींद्रन और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक सुरजीत कुमार सिंह शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़े शनिवार को तीन लाख के पार पहुंच गए। एक दिन में संक्रमण के सबसे ज्यादा 11,458 मामले सामने आए जबकि महामारी के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 8,884 हो गई। इनमें से 386 लोगों की मौत बीते 24 घंटों में हुई। कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित आंकडों की वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के अनुसार, संक्रमण के मामले 3,08,993 होने के साथ ही भारत इस महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित दुनिया का चौथा देश बन गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मामले दुगुने होने की दर 15.4 दिन से बढ़कर 17.4 दिन हो गई है। मंत्रालय के सुबह आठ बजे अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमितों की संख्या 1,45,779 है, वहीं 1,54,329 लोग उपचार के बाद संक्रमणमुक्त हो गए हैं और एक मरीज देश से बाहर चला गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘इस प्रकार से देश में अब तक 49.9 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।’’

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रेमडेसिविर के इस्तेमाल की अनुमति दी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकाल में वायरसरोधी दवा रेमडेसिविर, प्रतिरोधक क्षमता के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा टोसीलीजुमैब और प्लाज्मा उपचार की अनुशंसा की है। मंत्रालय ने शनिवार को ‘कोविड-19 के लिए क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल’ की समीक्षा की है। इसने कहा कि बीमारी की शुरुआत में सार्थक प्रभाव के लिए मलेरिया रोधक दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और गंभीर मामलों में इससे बचना चाहिए। मंत्रालय ने नये प्रोटोकॉल के तहत गंभीर स्थिति और आईसीयू की जरूरत होने की स्थिति में एजिथ्रोमाइसीन के साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल किए जाने की पहले की अनुशंसा को समाप्त कर दिया है। इसने कहा कि कई अध्ययनों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के क्लीनिकल इस्तेमाल में काफी फायदा बताया गया है। संशोधित प्रोटोकॉल में कहा गया है, ‘‘कई बड़े अवलोकन अध्ययनों में इसका कोई प्रभाव या सार्थक क्लीनिकल परिणाम नहीं दिखा है।’’ इसमें बताया गया है, ‘‘अन्य वायरसरोधी दवाओं की तरह इसका इस्तेमाल बीमारी की शुरुआत में किया जाना चाहिए ताकि सार्थक परिणाम हासिल किया जा सके और गंभीर रूप से बीमारी मरीजों के लिए इसका इस्तेमाल करने से बचा जाना चाहिए।’’ आपातकालीन स्थिति में रेमडेसिविर का इस्तेमाल ऐसे मध्यम स्थिति वाले रोगियों के लिए किया जा सकता है जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत हो। इसका इस्तेमाल उन लोगों के लिए नहीं किया जाना चाहिए जो गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित हों और उच्च स्तर के यकृत एंजाइम से पीड़ित हैं। इसका इस्तेमाल गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में भी नहीं किया जाना चाहिए। संशोधित प्रोटोकॉल के अनुसार प्लाज्मा उपचार मध्यम तौर पर बीमार ऐसे रोगियों के लिए किया जाना चाहिए जिनमें स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बावजूद सुधार नहीं आ रहा हो। संशोधित दस्तावेज में बताया गया है कि ‘‘इसकी खुराक चार से 13 एमजी प्रति किलोग्राम के बीच हो सकता है। सामान्य तौर पर 200 एमएल की एक खुराक दिया जा सकता है जो दो घंटे से कम के अंतराल पर नहीं हो।’’ दिशानिर्देश में बताया गया है कि टोसीलीजुमैब ऐसे रोगियों को देने पर विचार किया जा सकता है जिनमें मध्यम स्तर की बीमारी हो और उनके लिए ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ती जा रही हो, साथ ही ऐसे मरीजों को इसे दिया जा सकता है जो वेंटिलेटर पर हैं और स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बावजूद उनमें सुधार नहीं हो रहा है। संशोधित क्लीनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल में कोविड-19 के लक्षणों में सूंघने एवं स्वाद की क्षमता के समाप्त होने को भी जोड़ा गया है। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज विभिन्न कोविड-19 अस्पतालों में बुखार, कफ, थकान, सांस लेने में तकलीफ, बलगम, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना, गले में खराश और दस्त जैसे लक्षण बता रहे हैं। उन्होंने सूंघने या स्वाद की क्षमता समाप्त होने के बारे में भी बताया है, जो सांस लेने में तकलीफ से पहले शुरू होता है। मंत्रालय ने कहा कि सीमित साक्ष्यों के आधार पर रेमडेसिविर, टोसीलीजुमैब और प्लाज्मा उपचार का प्रयोग करने के लिए कहा गया है। इसने कहा कि जिस तरह से स्थितियां उभरेंगी और ज्यादा आंकड़े सामने आएंगे, उसी मुताबिक साक्ष्यों को शामिल किया जाएगा और अनुशंसा में संशोधन किया जाएगा। वर्तमान में भारत में रेमडेसिविर नहीं बनता है।

महिलाओं में मौत का अधिक खतरा

एक ओर जहां कई अध्ययनों में पता चला है कि दुनियाभर में कोविड-19 से महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की जान को अधिक खतरा है, वहीं दूसरी ओर भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से हुई मौतों पर किये गए एक विश्लेषण में सामने आया है कि इससे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की मृत्यु का खतरा ज्यादा है। नयी दिल्ली के आर्थिक विकास संस्थान के अभिषेक कुमार समेत कई वैज्ञानिकों ने भारत में आयु और लिंग पर आधारित कोविड-19 मृत्यु दर का शुरुआती अनुमान लगाया है। ग्लोबल हेल्थ साइंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में भारत में कोविड-19 से हुई मौतों के विश्लेष किया गया है। अध्ययन के अनुसार भारत में पुरुषों के बीच कोविड-19 मृत्युदर 2.9 प्रतिशत जबकि महिलाओं के बीच 3.3 फीसदी है। अध्ययन में कहा गया है कि 20 मई 2020 तक भारत में कोविड-19 से जितने लोग संक्रमित पाए गए उनमें 66 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं थीं। इसी तरह आयुवर्ग के आधार पर संक्रमण की बात की जाए तो पांच साल से कम और बुजुर्ग आयु वर्ग दोनों लिंगों में संक्रमण बराबर बराबर पाया गया। उन्होंने कहा कि पुरुषों की जान को अधिक खतरा है। यह स्पष्ट नहीं है कि पुरुषों के बीच मृत्युदर लिंग के कारण अधिक है या फिर आयु-वर्ग के कारण।

असम में कोविड-19 के 25 नये मामले

असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने शनिवार को कहा कि राज्य में कोविड-19 के 25 नये मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 3,718 तक पहुंच गई है। मंत्री ने बताया कि नए मामलों में से 10 मामले पश्चिम कार्बी आंगलोंग से, पांच जोरहाट से, तीन-तीन मामले बक्सा और कार्बी आंगलोंग से, दो धेमाजी से और एक-एक मामले गोलाघाट और नौगांव से सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि कुल 3,718 मामलों में से, 2,123 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि 1,584 लोगों को ठीक होने के बाद राज्य के विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है और तीन लोग राज्य से बाहर जा चुके हैं। राज्य में कोविड-19 के कारण आठ लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को राज्य में संक्रमण के 263 मामले सामने आए, जबकि 152 मरीजों को ठीक होने के बाद विभिन्न सिविल, जिला और मॉडल अस्पतालों से छुट्टी दी गई।

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दिशा-निर्देशों में बदलाव जरूरी: सत्येंद्र जैन

राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस की जांच में कमी को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा चिंता जताने के एक दिन बाद शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जिम्मेदारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) पर डालते हुए कहा कि जांच में वृद्धि करने के लिए उसके दिशा-निर्देशों में बदलाव होना चाहिए। वहीं, जैन ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में वीडियो बनाने वाले संविदा कर्मचारी को निलंबित किया गया है। वीडियो में दिखाया गया था कि किस तरह कथित तौर पर शवों और मरीजों को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'जिस संविदा कर्मचारी ने वीडियो बनाया, वह प्रेरित था और खास उद्देश्य से बनाया गया था। उस व्यक्ति को निलंबित किया गया है।' एक दिन पहले ही दिल्ली में कोविड-19 के लिये निर्दिष्ट लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के बगल में शव रखे होने के ‘लोमहर्षक’ दृश्यों को गंभीरता से लेते हुये उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सख्त लहजे में कहा था कि यह सरकारी अस्पतालों की दयनीय हालत बयां कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात के मुख्य सचिवों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने और अस्पतालों में मरीजों की देखभाल का प्रबंध दुरूस्त करने का निर्देश दिया। सुनवाई कर रही पीठ ने टिप्पणी की थी कि दिल्ली के अलावा इन राज्यों के अस्पतालों में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार और शवों के मामले में स्थिति बहुत ही शोचनीय है। इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में कोविड-19 की जांच में कमी को लेकर भी आश्चर्य व्यक्त किया था और सरकार को नमूनों की जांच में वृद्धि सुनिश्चित करने को कहा था। इस बारे में पूछे जाने पर जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है। उन्होंने कहा, 'अगर आप कोरोना वायरस के परीक्षण की संख्या में वृद्धि करना चाहते हैं तो आईसीएमआर को उसके दिशा-निर्देशों में बदलाव करने को कहें। हम आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं कर सकते।' दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,137 नए मामले सामने आने के साथ ही शहर में संक्रमितों की कुल संख्या 36,824 तक पहुंच गई थी।

महाराष्ट्र में कोविड-19 के 3,427 नए मामले

महाराष्ट्र में शनिवार को कोविड-19 के 3,427 नए मामले सामने आए और 113 संक्रमितों की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि नए मामलों के साथ राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1,04,568 मामले हो गए हैं तथा संक्रमण के कारण 113 लोगों की मौत के साथ मृतक संख्या 3,830 पर पहुंच गई है। इसमें बताया गया कि 1,550 लोगों को स्वस्थ होने पर शनिवार को अस्पतालों से छुट्टी दी गई जिसके साथ इस संक्रमण को मात देने वाले लोगों की संख्या 49,346 हो गई है। राज्य में 51,392 संक्रमितों का इलाज चल रहा है। राज्य में संक्रमण से उबरने वाले लोगों का प्रतिशत 47.2 है तथा मृत्युदर 3.7 फीसदी है।

त्रिपुरा में कोविड-19 के 37 नए मामले

त्रिपुरा में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 37 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,001 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को कुल 210 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 37 में संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने कहा कि नए मामलों में से 34 सिपाहीजाला जिले से जबकि तीन गोमती जिले से सामने आए हैं और इन सभी ने हाल में यात्रा की थी। मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के लिए 210 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 37 लोग संक्रमित पाए गए। उन सभी ने कहीं न कहीं की यात्रा की थी।’’ इन नए मामलों के साथ ही राज्य में अब कोरोना वायरस के 723 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि 278 मरीज बीमारी से उबर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुल 9,049 लोग घरों में पृथक-वास कर रहे हैं जबकि 656 लोग राज्य में सरकारी पृथक-वास केंद्रों में रह रहे हैं।

200 ‘सुरक्षित घर’ बनाएगी बंगाल सरकार

पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना महामारी के मद्देनजर बड़ी संख्या में राज्य लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को अस्थायी आश्रय प्रदान करने के लिए 200 'सुरक्षित घर' बनाएगी। यदि प्रवासी मजदूरों के घर में पृथक-वास के नियमों का पालन करने के लिए जगह ना हो तो बिना लक्षण वाले या हल्के लक्षण वाले संक्रमित मरीजों को इन घरों में आश्रय दिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार तक इन घरों के निर्माण के लिए 341 खंडों की पहचान की है। प्रत्येक सुरक्षित घर में एक डॉक्टर, कुछ नर्स और स्वास्थ्यकर्मी होंगे जो दिन में दो बार घर में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य की जांच करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार तक राज्य में संक्रमण के कुल 5,587 मामले सामने आए हैं जिनमें से अधिकांश राज्य लौटने वाले प्रवासी मजदूर हैं।

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मुंबई मे संक्रमण से चार पुलिसकर्मियों की मौत

मुंबई में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से संक्रमित चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। यह महाराष्ट्र में महामारी की शुरुआत के बाद एक दिन में बल को हुई सर्वाधिक क्षति है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक मुंबई पुलिस के एक अधिकारी सहित 25 पुलिसकर्मी कोविड-19 की भेंट चढ़ चुके हैं जबकि सैंकड़ों संक्रमित जवान विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत हैं। राज्य में संक्रमण से अब तक बल के 40 जवानों की मौत हो चुकी है।

दिल्ली के बाजार खुले रहेंगे या बंद होंगे ?

राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके मद्देनजर व्यापारी भी चिंतित हैं। व्यापारियों की रविवार को इस मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक होने जा रही है, जिसमें बाजारों को खुला रखने या बंद करने पर फैसला किया जाएगा। व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल तथा मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने का आग्रह किया है। कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर दिल्ली के व्यापारिक संगठनों और प्रमुख व्यापारी नेताओं से एक ऑनलाइन सर्वे द्वारा उनकी राय मांगी थी। सर्वे में लोगों ने दिल्ली के वर्तमान हालत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इन हालात में वे मानसिक तनाव में हैं।’’ उन्होंने कहा कि जिस तरीके के हालात बने हैं और जिस प्रकार से उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में चिकित्सा सुविधाओं पर टिप्पणी की है, वह काफी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि सर्वे में 99.4 प्रतिशत व्यापारियों ने कहा है कि दिल्ली में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे है। वहीं 92.8 प्रतिशत ने माना है कि बाजार खुलने की वजह से यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 88.1 प्रतिशत व्यापारियों ने कहा है कि इस स्थिति वे बाजार बंद करने के पक्ष में है। कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने बताया की इस विषय पर अंतिम रूप से निर्णय लेने के लिए रविवार को दिल्ली के प्रमुख व्यापारी संगठनों एवं व्यापारी नेताओं की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है। इस बैठक में सर्वे रिपोर्ट को रखा जाएगा और दिल्ली के सभी व्यापारी मिलकर इस बात का निर्णय करेंगे कि बाजारों को खुला रखा जाए या बंद किया जाए।

बीजिंग में सबसे बड़ा थोक बाजार बंद

चीन की राजधानी बीजिंग में कोरोना वायरस के स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलने के छह नए मामले सामने आने के बाद खाद्य पदार्थों के सबसे बड़े थोक बाजार शिनफादी समेत कई बाजारों को बंद कर दिया गया है। बाजार के नजदीक के 11 आवासीय इलाकों को भी बंद कर दिया है। इन नए मामलों के साथ ही बीजिंग में पिछले तीन दिन में संक्रमितों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है जबकि देश के अन्य हिस्सों में संक्रमण के 12 नए मामले सामने आए हैं। बीजिंग में अधिकारियों ने शिनफादी बाजार में आयातित सैल्मन मछली को काटने वाले बोर्ड पर कोरोना वायरस पाया था। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने शनिवार को बताया कि देश में शुक्रवार को कोरोना वायरस के कुल 18 नए मामलों की पुष्टि हुई जिसमें से बीजिंग में स्थानीय संक्रमण के छह मामले शामिल हैं। उसने बताया कि शुक्रवार तक बिना लक्षण वाले सात नए मरीज सामने आए जिससे पृथक-वास में रह रहे ऐसे मरीजों की कुल संख्या 98 हो गई है। ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक ग्राहकों और मांस विक्रेताओं समेत सभी का न्यूक्लेइक एसिड टेस्ट हुआ है। इसमें बताया गया कि शुक्रवार को बीजिंग में छह प्रमुख थोक बाजारों में कामकाज पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद हो गया। शिनफादी बाजार के प्रमुख झांग युक्सी ने बीजिंग न्यूज को शुक्रवार को बताया कि वायरस का पता चलने के बाद बाद संपर्क में आए नौ लोगों को पृथक कर दिया गया। हालांकि वे जांच में संक्रमित नहीं पाए गए हैं। एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शिनफादी बाजार के निकट के 11 आवासीय इलाकों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसमें बीजिंग के अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि बाजार में काम करने वाले 45 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है हालांकि उनमें इसके कोई लक्षण नहीं थे। शिन्हुआ ने बताया कि शिनफादी बाजार 112 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यहां 1500 प्रबंधन कर्मी तथा 4000 से अधिक किराएदार रहते हैं। बीजिंग में संक्रमण के मामले बढ़ने से अधिकारी चिंतित हो गए हैं क्योंकि शहर में करीब दो महीनों तक कोविड-19 का कोई नया मामला नहीं आया। नए मामलों ने चीन की राजधानी में कोरोना वायरस के फिर से फैलने की चिंताओं को जन्म दे दिया है। शहर के सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव काई की ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को विषाणु के फिर से फैलने की आशंका से निपटने के लिए ‘‘युद्ध स्तर’’ पर तैयार रहने को कहा गया है। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के अनुसार चीन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि छिटपुट मामले आना सामान्य है क्योंकि इस संक्रामक बीमारी का खात्मा नहीं हुआ है लेकिन इस महामारी के फिर से फैलने की आशंका नहीं है क्योंकि दो करोड़ की आबादी वाले इस शहर के निवासी एहतियात बरतने को लेकर काफी जागरूक हैं। शुक्रवार को सामने आए दो मरीज बीजिंग के फेंगतई जिले में एक मांस अनुसंधान केंद्र में काम करने वाले सहकर्मी हैं और उनका एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। लियु उपनाम के एक मरीज ने पांच दिनों के लिए पूर्वी चीन के शांगडोंग प्रांत की यात्रा की थी जबकि दूसरे ने हाल फिलहाल में कोई यात्रा नहीं की। बीजिंग ने फेंगतई जिले में शिनफादी बाजार और जिंगशेन सीफूड बाजार को तत्काल बंद कर दिया जहां संक्रमित मरीज गया था। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक जो उद्योग तथा कामकाज शुरू हो चुके हैं वहां कोविड-19 संबंधी नियंत्रण और सख्त किया जाएगा। शहर में लगातार दूसरे दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने के बाद पहली से तीसरी कक्षा के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला भी शुक्रवार को बदल दिया गया। शुक्रवार तक चीन में कुल संक्रमितों की संख्या 83,075 पर पहुंच गई जिसमें से 74 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है। हालांकि किसी की भी हालत गंभीर नहीं है। एनएचसी ने बताया कि 78,367 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है और 4,634 लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई है।

-नीरज कुमार दुबे

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