Unlock 2 के 11वें दिन Corona से ठीक होने वालों की संख्या 5 लाख के पार पहुँची

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने योजना और रणनीति के माध्यम से कोविड-19 महामारी से उत्पन्न होने वाली प्रतिकूल परिस्थितियों को अवसर में बदल दिया है। योगी ने ‘इंडिया ग्लोबल वीक’ वेबिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में कोविड-19 के हालात से निपटने में केंद्र, राज्य सरकार और स्थानीय अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए शनिवार को निर्देश दिया कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में महामारी को काबू में करने के लिए इसी तरह के तरीके अपनाये जाएं। देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 की स्थिति और विभिन्न राज्यों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘उन क्षेत्रों में रोकथाम कार्यों की करीबी निगरानी और मार्गदर्शन किया जाये जहां संक्रमण की दर अधिक है।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार मोदी ने यह निर्देश भी दिया कि अधिक संक्रमण दर वाले सभी राज्यों और स्थानों पर तत्काल राष्ट्रीय स्तर की निगरानी और दिशा-निर्देशन की व्यवस्था होनी चाहिए। मोदी ने सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई और सामाजिक अनुशासन के पालन की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महामारी के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाई जानी चाहिए और संक्रमण के प्रकोप की रोकथाम पर सतत जोर होना चाहिए। वक्तव्य के अनुसार मोदी ने कहा कि इस संबंध में संतुष्ट हो जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। वक्तव्य के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने दिल्ली में महामारी के हालात पर नियंत्रण में केंद्र, राज्य और स्थानीय अधिकारियों के समन्वित प्रयासों की प्रशंसा की।’’ इसमें कहा गया, ‘‘उन्होंने यह निर्देश भी दिया कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में कोविड-19 महामारी पर काबू पाने में अन्य राज्य सरकारों को भी इस तरह के प्रयास करने चाहिए।’’ समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और कैबिनेट सचिव समेत अन्य ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘पूरे देश में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक व्यापक बैठक की थी। संक्रमण को रोकने के लिए चल रहे प्रयासों का जायजा लिया।’’ शाह ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ एनसीआर में वायरस को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा की थी। बयान में बताया गया कि बैठक में अहमदाबाद में ‘धनवंतरी रथ’ के माध्यम से निगरानी और घर-घर जाकर मरीजों की देखभाल करने के ‘सफल उदाहरण’ का भी उल्लेख किया गया और निर्देश दिया गया कि अन्य स्थानों पर भी इसे अपनाया जा सकता है। मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए हमारी क्षमताओं को और बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की गई। हमने कोरोना वायरस को काबू में रखने के लिए पूरे भारत में उठाये गये सफल कदमों को भी रेखांकित किया है।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार की सुबह आये आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले आठ लाख के आंकड़े को पार कर गए है। सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकडों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 519 लोगों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 22,123 हो गई है। पिछले 24 घंटे में संक्रमण से हुईं 519 मौतों में से 226 महाराष्ट्र में, 64 तमिलनाडु में, 57 कर्नाटक में, 42 दिल्ली में, 27 उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 26 लोगों की मौत हुई है। इनके अलावा आंध्र प्रदेश में 15 लोगों की, गुजरात में 14, तेलंगाना में आठ और राजस्थान में छह लोगों की मौत हुई है। असम और जम्मू कश्मीर में पांच-पांच लोगों की, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और पंजाब में चार-चार लोगों की, हरियाणा और पुडुचेरी में तीन-तीन तथा दो लोगों की मौत छत्तीसगढ़ में हुई है।

स्वस्थ होने की दर 62.78 प्रतिशत

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या शनिवार को पांच लाख के पार पहुंच गई। मंत्रालय ने कहा कि इसका श्रेय केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा किये गये विभिन्न उपायों को जाता है। शनिवार की सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकडों के अनुसार भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 8,20,916 हो गई है जबकि इस बीमारी से पिछले 24 घंटे में 519 और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 22,123 हो गई। मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा कई सक्रिय और समन्वित कदम उठाये गये हैं। उसने कहा कि निरूद्ध क्षेत्रों में प्रभावी उपायों को लागू करना, निगरानी गतिविधियां चलाना, कोविड-19 मामलों का समय पर पता लगाकर उनका प्रभावशाली ढंग से प्रबंधन करने से शनिवार को देश में इस महामारी से ठीक हुए लोगों की संख्या पांच लाख के पार पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 19,870 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। अब तक इस बीमारी से कुल 5,15,385 लोग स्वस्थ हुए है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘देश में अभी 2,83,407 मरीजों का इलाज चल रहा है और स्वस्थ होने की दर सुधर कर 62.78 प्रतिशत हो गई है।’’

आंध्र प्रदेश में कोविड-19 के 1813 नये मामले

आंध्र प्रदेश में एक दिन में सर्वाधिक 1813 नये मामले सामने आने के साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 27,235 हो गई है। कोरोना वायरस के नये मामले राज्य के सभी 13 जिलों में सामने आए हैं। अनंतपुरामु जिले में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 311 नये मामले सामने आए हैं वहीं चित्तूर में 300 नये मामले दर्ज किए गए हैं। कुर्नूल और अनंतपुरामु जिलों में कुल मामले क्रमश: 3168 और 3161 हो गए हैं। वहीं चित्तूर, पूर्वी गोदावरी, गुंटूर ओर कृष्णा जिलों में कुल मामले दो-दो हजार से अधिक हो गए हैं। एक बुलेटिन में बताया गया कि एक दिन में सर्वाधिक 17 लोगों की मौत हुई है जिससे राज्य में मरने वालों की कुल संख्या 309 हो गई है जबकि पिछले 24 घंटे में 1168 मरीज इस बीमारी से उबर चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। कुल ठीक हुए मरीजों की संख्या 14,393 है। राज्य में कोविड-19 से मरीजों के ठीक होने की दर 53.24 फीसदी है।

धारावी वैश्विक रोल मॉडल

मुंबई में धारावी झुग्गी झोपड़ी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए वैश्विक रोल मॉडल के रूप में उभरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से मिली प्रशंसा के परिप्रेक्ष्य में यह बात शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कही। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घ्रेबेयेसस ने शुक्रवार को जिनेवा में डिजिटल संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि पूरी दुनिया से कई उदाहरण हैं जिसमें दिखा है कि कोरोना वायरस का प्रसार चाहे जितना भी तेज हो, उसे नियंत्रण में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा था, ‘‘इसके कुछ उदाहरण हैं-- इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया तथा मेगासिटी मुंबई की सघन बस्ती धारावी।’’ ठाकरे ने कहा कि धारावी ने दुनिया को दिखाया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को आत्म अनुशासन और सामुदायिक प्रयासों से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि धारावी में 82 फीसदी रोगी संक्रमण से उबर चुके हैं, जिससे वहां इलाज करा रहे मरीजों की संख्या महज 166 रह गई है। उन्होंने बयान जारी कर कहा, ‘‘धारावी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है कि महामारी के प्रसार पर कैसे काबू पाएं।’’ मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस की श्रृंखला तोड़ने में बृहन्मुंबई महानगर पालिका, निजी चिकित्सकों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय निवासियों के मिले जुले प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘यह यात्रा आसान नहीं थी। समन्वित प्रयासों से धारावी कोरोना वायरस के उन्मूलन की राह पर है।’’

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शिलांग में सोमवार से दो दिनों का लॉकडाउन

मेघालय में एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 76 नए मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने राजधानी शिलांग में सोमवार से दो दिनों के लिए पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि यह निर्णय कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने और कोरोना वायरस को लेकर जारी दिशानिर्देशों के प्रति लोगों की गंभीरता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। शनिवार को राज्य में संक्रमण के 76 नए मामलों की पुष्टि हुई जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 312 हो गए। अधिकारियों के अनुसार फिलहाल 215 मरीजों का इलाज चल रहा है।

‘सेव द चिल्ड्रेन’ की रिपोर्ट

कोरोना वायरस महामारी के बीच लगभग 62 प्रतिशत घरों के बच्चों की शिक्षा रूक गयी। यह बात एक त्वरित आकलन से सामने आयी है जिसके तहत 15 राज्यों में 7,235 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया। बाल अधिकार एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) ‘सेव द चिल्ड्रेन’ ने यह त्वरित जरूरत आकलन किया है। यह सर्वेक्षण लक्षित लाभार्थियों के बीच चुनौतियों, विषयगत प्राथमिकताओं और कोरोना वायरस के प्रभाव को समझने के लिए किया गया। यह सर्वेक्षण सात से 30 जून, 2020 के बीच किया गया। सर्वेक्षण में 7,235 परिवारों शामिल हुए। देश के उत्तरी क्षेत्र में 3,827 घरों का सर्वेक्षण किया गया, जबकि दक्षिणी क्षेत्र में 556 घरों का सर्वेक्षण किया गया। पूर्वी क्षेत्र में 1722 घरों का सर्वेक्षण किया गया, वहीं पश्चिमी क्षेत्र में 1130 घरों का सर्वेक्षण किया गया। आकलन के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल घरों में से 62 प्रतिशत घरों में बच्चों की शिक्षा रोकने की जानकारी दी गई। इस लिहाज से ऐसे अधिक घर उत्तर भारत में सामने आये जहां 64 प्रतिशत घरों के बच्चों ने अपनी शिक्षा रोक दी। वहीं दक्षिण भारत में ऐसे घरों की संख्या सबसे कम 48 प्रतिशत दर्ज की गई। इस आकलन पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आयी है। मध्याह्न भोजन योजना के बारे में सर्वेक्षण में पता चला कि करीब 40 प्रतिशत घरों ने बताया कि उनके बच्चों को वह नहीं मिल रहा है। पूरे देश में, पश्चिम में 52 प्रतिशत (सबसे अधिक), उत्तर में 39 प्रतिशत, दक्षिण में 38 प्रतिशत और पूर्व (सबसे कम) में 28 प्रतिशत ने बताया कि उन्हें मध्याह्न भोजन नहीं मिल रहा। इसमें कहा गया है कि यह पाया गया, ‘‘कुल संख्या में से 40 प्रतिशत शहरी और 38 प्रतिशत ग्रामीण बच्चे मध्याह्न भोजन प्राप्त नहीं कर रहे।’’ आकलन में यह भी पाया गया कि 40 प्रतिशत लोग पर्याप्त भोजन नहीं मुहैया करा पा रहे हैं और 10 में से आठ परिवारों ने आय में कमी होने की बात बतायी। ‘सेव द चिल्ड्रेन’ (इंडिया) के ‘प्रोग्राम एंड पॉलिसी इम्पैक्ट’ निदेशक, अनिंदित रॉय चौधरी ने कहा कि रिपोर्ट की मुख्य बात यह है कि बच्चों के बड़े हिस्से को शिक्षा के मामले में किसी भी प्रकार का समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्थिति निश्चित रूप से ठीक नहीं है। बच्चों को पौष्टिक आहार भी नहीं मिल रहा है। बच्चों को जो मध्याह्न भोजन मिल रहा था, वह उन्हें नहीं मिल रहा है। बच्चे न सिर्फ शिक्षा से वंचित हैं, बल्कि उन्हें वह भी नहीं मिल रहा जो उन्हें खाने के लिए मिल रहा था।’’ आकलन में पाया गया कि पांच में से दो परिवारों ने बताया कि उन्हें उनके बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल से और शिक्षा विभाग से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है।

नियमों का पालन करे जनता

राजस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों से चिंतित राज्य सरकार ने शनिवार को एक बार फिर परामर्श जारी कर लोगों से स्वास्थ्य नियमों का पालन करने को कहा। गृह विभाग द्वारा जारी इस परामर्श के अनुसार लोग आपस में मिलते समय कम से कम छह फीट की दूरी बनाये रखें, घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग आवश्यक रूप से करें, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें तथा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से यथा संभव बचें। इसके अनुसार संक्रमण पर काबू पाने के सरकारी प्रयासों के बावजूद पिछले कुछ दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया है कि लोग इस बारे में जारी दिशा निर्देशों नियमों व आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ राज्यों में लॉकडाउन दोबारा लागू करने का फैसला किया गया है। इस बारे में शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शाम को होने वाली समीक्षा बैठक के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘शाम को समीक्षा बैठक कर रहे हैं उसमें मिलने वाले फीडबैक के आधार पर ही हम फैसला करते हैं कि आगे क्या कदम उठाने चाहिएं। अभी इस बारे में कूछ नहीं कहा जा सकता।’’ हालांकि, गहलोत ने कहा कि देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। राजस्थान में यह संख्या इसलिए ज्यादा है क्योंकि हम जांच ज्यादा कर रहे हैं। हमारा रुख ज्यादा ठीक है क्योंकि ज्यादा जांच कर ही हम कोरोना वायरस पर काबू पाने का प्रयास कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या शनिवार सुबह तक 23,344 हो गयी, जिनमें से 5,211 मरीज उपचाराधीन हैं। राज्य में संक्रमण से 499 लोगों की मौत हो चुकी है।

69 मरीजों की मौत

तमिलनाडु में शनिवार को कोविड-19 के 3,965 नये मामले सामने आये जिससे राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,34,226 हो गए। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दी। विभाग की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया है कि 69 मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतक संख्या बढ़कर 1,898 हो गई। बुलेटिन में कहा गया है कि आज 3,591 मरीजों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गई जिससे राज्य में अभी तक ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 85,915 हो गई। राज्य में उपचाराधीन मामले 46,410 हैं। शनिवार को 37,825 नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की गई जिससे अभी तक जांच किये गए नमूनों की संख्या बढ़कर 15,66,917 हो गई। चेन्नई में ताजा मामलों में और कमी दर्ज की गई क्योंकि केवल 1,185 नये मामले सामने आये, इसके साथ ही कुल मामले 76,158 हो गए।

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डीयू की परीक्षा रद्द कराने की मांग की

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) एवं अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द कराने में दखल देने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी के दौर में ‘अप्रत्याशित निर्णय’ लेने की जरूरत है। केजरीवाल ने मोदी भे लिखे पत्र को साझा करते हुए ट्वीट किया,‘‘ अपने युवाओं की भलाई के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री से दखल देने और डीयू और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द कराने एवं भविष्य को बचाने की अपील करता हूं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिम सेमेस्टर की ऑफलाइन या ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने के विश्वविद्यालय अनुदान आयाग के निर्देश के कारण लाखों विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं अभिभावकों में बहुत गुस्सा है। उन्होंने पत्र में लिखा, ''सभी मानते हैं कि यह निर्णय गलत है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।’’ उन्होंने सवाल किया कि जब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख विश्वविद्यालय अंदरूनी मूल्यांकन के आधार पर अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को डिग्री पहले ही दे चुके हैं तो अन्य विश्वविद्यालय ऐसा क्यों नहीं कर सकते। केजरीवाल ने कहा, ''दुनियाभर में बड़े देशों में प्रमुख विश्वविद्यालय कोरोना वायरस के इस दौर में अंदरूनी मूल्यांकन के आधार पर डिग्रियां दे चुके हैं।’’ दिल्ली और कई राज्यों ने अपने विश्वविद्यालयों को सभी परीक्षाएं रद्द करने और मूल्यांकन के वैकल्पिक माध्यम से डिग्रियां देने का निर्देश जारी किया है।

जवानों को 14 दिन के पृथक-वास में रखा जाएगा

मेघालय सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को कहा है कि वह देश के अन्य हिस्सों से राज्य में आने वाले अपने कर्मियों को ड्यूटी पर जाने से पहले 14 दिन के संस्थागत पृथक-वास में भेजना अनिवार्य करें। बीएसएफ कर्मियों के बीच कोविड-19 के मामले सामने आये है। मेघायल में इस समय 215 मरीजों का इलाज चल रहा है जिनमें से 132 कर्मी यहां बीएसएफ सीमांत मुख्यालय में तैनात हैं। स्वास्थ्य आयुक्त और सचिव संपत कुमार ने बीएसएफ सीमांत मुख्यालय के महानिरीक्षक को लिखे एक पत्र में कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले बीएसएफ जवानों का 14 दिन के लिए संस्थागत पृथक केन्द्रों में रहना अनिवार्य किया जाये। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी पांच से सात दिन के बाद जांच की जायेगी और जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें बीएसएफ के अन्य परिसरों/इकाइयों में भेजे जाने या सरकार के संस्थागत पृथक केन्द्रों में ही रखने के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।’’ बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि यहां सीमांत मुख्यालय लगभग 10 प्रतिशत कर्मियों के साथ काम कर रहा है। राज्य में अब तक 45 लोग कोविड-19 से स्वस्थ हुए है जबकि दो लोगों की मौत हुई है।

तमिलनाडु स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से बढ़ाने पर काम कर रहा

तमिलनाडु कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिये कोविड देखभाल केंद्रों में सुविधाएं और सभी सरकारी अस्पतालों में बुनियादी ढांचा बढ़ाने के लिये त्वरित गति से काम कर रहा है। राज्य के मुख्य सचिव जे राधाकृष्णन ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चेन्नई में तमिलनाडु आवास बोर्ड के भवन में 1,000 बिस्तरों वाली सुविधाएं तैयार हो गई हैं। वहां आर ओ संयंत्र (जल शुद्धिकरण संयंत्र) , गीजर और अन्य उपकरण भी लगाये गये हैं। वहीं, शहर के अंबत्तुर क्षेत्र में बोर्ड के बहुमंजिला भवन में 5,000 बिस्तरों की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। स्वास्थ्य सचिव ने यहां संवाददातओं से कहा कि मदुरै में भी 1,000 बिस्तरों के साथ एक कोविड देखभाल केंद्र तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिये एलोपैथी के अलावा सिद्ध एवं अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की अनुमति दी गई है। उन्होंने कोविड-19 मरीजों के इलाज में उपयोगी रेमडेसिवर और टोकीलीजुमाब जैसी दवाइयों की किसी तरह की कमी से इनकार किया है। इस बीच, ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के आयुक्त जी प्रकाश ने इस बात को लेकर दुख जताया है कि कई युवा मास्क पहनने के निर्देश का अनुपालन नहीं कर रहे हैं।

नगालैंड में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाने का निर्णय

नगालैंड सरकार ने राज्य में जारी लॉकडाउन को 31 जुलाई तक बढ़ाने तथा बाद में कोविड-19 की जांच और पृथक केंद्रों में रहने के लिए शुल्क वसूलने का निर्णय किया है। राज्य में जारी लॉकडाउन 16 जुलाई को हटाया जाना था लेकिन शुक्रवार को कोविड-19 संबंधी उच्चाधिकार समिति (एचपीसी) की एक बैठक में इसे और 15 दिन के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया। कोविड-19 पर सरकार के प्रवक्ता और योजना एवं समन्वय मंत्री एन. क्रोनू ने बताया कि मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की अध्यक्षता वाली एचपीसी ने राज्य में मौजूदा उपायों और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया। शुक्रवार तक नगालैंड में कोविड-19 के 428 मरीजों का इलाज चल रहा था जबकि 304 मरीज ठीक हो गए हैं। क्रोनू ने कहा कि एचपीसी ने सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 की जांच और संस्थागत पृथक केंद्रों में रहने के लिए भी लोगों से शुल्क वसूलने का निर्णय किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि नि:शुल्क जांच और बिना किसी शुल्क के पृथक केंद्रों में रहने की वर्तमान व्यवस्था लॉकडाउन की विस्तारित अवधि तक जारी रहेगी। मंत्री ने कहा कि दरें बाद में तय की जाएंगी, लेकिन वे न्यूनतम होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एकल मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का फैसला किया है क्योंकि विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा जारी किए गए विभिन्न एसओपी को लेकर भ्रम की स्थिति है। इस बीच, प्रमुख सचिव (गृह) अभिजीत सिन्हा ने कहा कि एचपीसी ने अधिकारियों को राज्य में स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती के लिए प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

दिल्ली में 1,781 नये मामले

दिल्ली में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,781 नये मामले सामने आए, जिससे महानगर में ऐसे मामलों की संख्या 1.1 लाख से अधिक हो गयी, जबकि इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,334 पहुंच गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से 34 लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रीय राजधानी में 23 जून को अब तक के सर्वाधिक 3,947 नये मामले सामने आये थे। दिल्ली में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 3,300 थी। शनिवार को जारी बुलेटिन में कहा गया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,334 और कुल मामलों की संख्या 1,10,921 हो गई है।

हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी की कोविड-19 जांच

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के कर्मियों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की कोरोना वायरस संक्रमण जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। दोनों के नमूने आज मुख्यमंत्री आवास पर चिकित्सकों के दल ने एकत्रित किया था। मुख्यमंत्री के साथ आज जिन अन्य प्रमुख लोगों के नमूने जांच हेतु लिए गये थे उनमें मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू, वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव, विमल घोष, सरला मूर्मू, अखिलेश कुमार, पंकज मिश्रा, अशोक कुमार सिन्हा, उदय शंकर, जय प्रसाद, श्याम किशोर एवं संजीव कुमार शामिल थे और उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आयी है। मुख्यमंत्री हाल ही में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर और विधायक मथुरा महतो के संपर्क में आए थे। उन दोनों की कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी जिसके बाद मुख्यमंत्री खुद एहतियातन दो दिन पूर्व गृह पृथकवास में चले गए थे।

राजस्थान सरकार का राजस्व 70 प्रतिशत घटा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से उपजे संकट के कारण राज्य सरकार के राजस्व में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह राज्य सरकारों की मदद के लिए आगे आए और उन्हें आर्थिक पैकेज दे ताकि जीवन व आजीविका चलती रहे। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘'कोरोना संकट के कारण हमारा राजस्व 70 प्रतिशत घटा है। हमने आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए समिति गठित की है।'’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ हुई कई वीडियो कान्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया। गहलोत ने कहा, ‘'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जितनी बार भी वीडियो कान्फ्रेंस हुई ,मैंने उनसे आग्रह किया था कि आप सभी राज्यों को एक पैकेज दें, क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकारें काफी खर्च कर रही हैं और इससे उनको कुछ मदद मिलेगी तो वे अपने पैरों पर खड़ी रहेंगी।'' गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को आर्थिक रूप से पैकेज दे जिससे वे अपनी बजट घोषणाओं को पूरा कर सकें वरना बजट घोषणाएं पूरी हो नहीं पाएंगी, विकास ठप हो जाएगा और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। गहलोत के अनुसार केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण उद्योग धंधे वापस पटरी पर नहीं आ पा रहे हैं।

असम में अब तक कुल 36 लोगों की मौत

असम में कोविड-19 से शनिवार को एक और मरीज की मौत होने के साथ कुल मृतक संख्या 36 तक पहुंच गई, जबकि संक्रमण के मामले बढ़ कर 15,536 हो गये हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह जिस मरीज की मौत हुई, उसे किडनी की बीमारी थी । उसे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। इस हफ्ते राज्य में 22 मरीजों की मौत होने के साथ इस महामारी से मरने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 36 हो गई है। मंत्री ने शनिवार को संवाददातओं से कहा कि राज्य में कोविड-19 से मृत्यु दर राष्ट्रीय दर 2.69 प्रतिशत की तुलना में महज 0.23 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल इलाजरत मामले 5,650 है। मामलों के दोगुना होने की दर 16 दिन से घट कर अब 11 दिन हो गई है, जो ‘‘हमारे लिये अच्छा संकेत नहीं’’ है। राज्य में 9,848 मरीज अब तक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है। इस बीच, एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राज्य के सदिया से भाजपा विधायक बोलिन चेतिया के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। संक्रमित होने वाले राज्य के वह तीसरे विधायक हैं। उन्हें तिनसुकिया सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

गुजरात में 872 नये मामले सामने आये

गुजरात में शनिवार को कोरोना वायरस के 872 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,027 पहुंच गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया इस महामारी से 10 और लोगों की मौत होने से मृतक संख्या 2,034 हो गई है। उसने बताया कि 502 और लोगों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है जिससे ठीक हुए मरीजों की संख्या 28,685 हो गई है। विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इस समय राज्य में 10,308 मरीजों का इलाज चल रहा है जिनमें से 73 मरीजों की हालत गंभीर है। उसने बताया कि अहमदाबाद में शनिवार को 178 और मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 22,923 हो गई है।

किसी भी रोगी की मौत नहीं हुई

कोविड-19 से मौत पर किये गए दिल्ली सरकार के एक अध्ययन में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में जुलाई में घर में पृथक रहे किसी भी कोरोना वायरस रोगी की मौत नहीं हुई है और बीते दो सप्ताह में मृतकों की दैनिक संख्या में 'अच्छी खासी गिरावट' आई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने ये निष्कर्ष प्रस्तुत किये, जिन्होंने कुछ दिन पहले मंत्रालय को बीते पखवाड़े कोविड-19 से हुई मौतों पर अध्ययन करने के लिये कहा था, ताकि यह पता चल सके कि मृतकों की संख्या और कम करने के लिये क्या कदम उठाए जाने चाहिये। बयान में कहा गया है, '24 जून से आठ जुलाई के बीच दिल्ली में 691 रोगियों की मौत हुई। लिहाजा, इस अवधि के दौरान एक दिन में औसतन आठ लोगों की जान गई।' अध्ययन के अनुसार बीते कुछ दिन में मृतकों की दैनिक संख्या में कमी आई है। जून के मध्य में जहां एक दिन में मृतकों की औसत संख्या 101 थी, वह बीते पखवाड़े में घटकर प्रतिदिन लगभग 46 रह गई है। अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में जून में कुल मृत्युदर 3.64 प्रतिशत से घटकर 3.02 पर आ गई। हालांकि, मृतकों की दैनिक संख्या मौटे तौर पर 2.5 प्रतिशत रह गई है और प्रतिदिन 50 से कम रोगियों की मौत हुई। बयान में कहा गया है, 'दिल्ली में बीते 15 दिनों के दौरान कुल 691 रोगियों की मौत हुई, जिनमें से घर में पृथक रहने के दौरान (24 जून से 30 जून के बीच) जान गंवाने वाले सात रोगी शामिल हैं । जुलाई में, घर में पृथक रहे एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।'

आईसीएमआर का सुझाव

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और एम्स ने राज्यों से कहा है कि कोविड-19 रोगियों पर अनुसंधान पद्धतियों के रूप में रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं का इस्तेमाल पूरी तरह तय प्रोटोकॉल के हिसाब से ही किया जाए क्योंकि इनका अत्यधिक उपयोग या अवांछनीय स्थितियों में उपयोग फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि आईसीएमआर और एम्स ने शुक्रवार को राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 का उपचार व्यापक रूप से सहयोगात्मक प्रणालियों पर आधारित है क्योंकि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है। मंत्रालय के अनुसार उन्होंने राज्यों से कहा कि ‘अनुसंधान पद्धतियों’ के तौर पर निर्दिष्ट दवाओं का इस्तेमाल सावधानी से ही किया जाना चाहिए क्योंकि उनका यकृत और गुर्दे समेत अन्य अंगों पर गंभीर प्रतिकूल असर हो सकता है। राज्यों को इस सम्मेलन में यह भी बताया गया कि रेमडेसिविर को लेकर उपलब्ध साक्ष्य सुझाते हैं कि कम गंभीर से गंभीर मामलों में इस्तेमाल किये जाने पर इसमें नैदानिक सुधार का समय कम हो सकता है। हालांकि मंत्रालय ने कहा कि मृत्यु दर कम होने के मामले में कोई फायदा नहीं हुआ है। बयान में कहा गया, ‘‘इसी तरह टोसिलिजुमैब पर अध्ययन में भी मृत्यु दर कम होने में कोई फायदा नहीं दिखाई दिया है।’’ मंत्रालय ने कहा कि जिन दवाओं को परीक्षण के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, उन्हें उचित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में ही उपयोग किया जाना चाहिए जहां रोगियों पर करीब से नजर रखी जा सके ताकि किसी जटिलता की स्थिति से निपटा जा सके।

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हिमाचल में कोविड-19 के चार नये मामले

हिमाचल प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के चार नये मामले सामने आने के साथ राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 1,176 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आर डी धीमन के मुताबिक कांगड़ा में तीन और हमीरपुर में एक नया मामला सामने आया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस महामारी से अब तक 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 875 मरीज संक्रमण मुक्त हो गये हैं। राज्य में कुल इलाजरत मामलों की संख्या अभी 276 है।

केरल में कोरोना वायरस के 488 नए मामले

केरल में शनिवार को सबसे ज्यादा 488 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके साथ ही कुल मामले बढ़कर 7,438 हो गए जबकि दो और मरीजों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 29 हो गया है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने संवाददाताओं को बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आने से 234 लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ। यह लगातार दूसरा दिन है जब राज्य में 400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। शुक्रवार को 416 मामले आए थे। तिरुवनंतपुरम और एर्नाकुलम जिलों में शुक्रवार को मौतें हुई हैं। शनिवार को सामने आए नए मामलों में तीन स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। राज्य में 3,965 मरीज बीमारी से ठीक हो गए हैं जिसमें से 143 को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दी गई है। वहीं 3,442 लोगों का इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए मामलों में 164 विदेश से लौटे हैं और 76 अन्य राज्यों से आए हैं। पिछले 24 घंटे में 12,104 नमूने लिए गए जबकि 1.82 लाख लोगों को निगरानी में रखा गया है जिनमें से 3,694 अस्पताल में हैं। 520 लोगों को शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब तक कुल 2.33 लाख नमूने लिए जा चुके हैं जबकि 6,449 नमूनों की रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। राज्य में अभी 195 हॉटस्पॉट हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि तिरुवंतपुरम में एक त्वारित कार्रवाई टीम गठित की गई है, जिसमें पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। यह टीम कोविड-19 से बुरी तरह से प्रभावित पूनतुरा में 24 घंटे काम करेगी।

पेशकश वापस ली

कोविड-19 महामारी की वजह से देश के विमानन क्षेत्र में छाई सुस्ती के बीच राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने 180 प्रशिक्षु केबिन क्रू सदस्यों से नौकरी की पेशकश वापस ले ली है। एयरलाइन के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, ‘‘एयर इंडिया ने 180 प्रशिक्षुओं से नौकरी की पेशकश वापस ले ली है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन्हें एयर इंडिया में नौकरी पर रखा जाना था।’’ ऐसे ही एक प्रशिक्षु को छह जुलाई को भेजे पत्र में एयरलाइन ने कहा, ‘‘विमानन क्षेत्र की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एयर इंडिया द्वारा आपकी सेवाएं लेने के लिए आगे और प्रशिक्षण देना संभव नहीं है।’’ पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त कारण, जो कंपनी के नियंत्रण से बाहर हैं, के मद्देनजर हमने आपका प्रशिक्षण बंद करने और आगे सेवाओं की पेशकश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है।‘‘ पत्र में कहा गया है कि प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण शुरू होते समय जो बैंक गारंटी जमा कराई थी, उसे वापस किया जा रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि यह आंतरिक मामला है, जिसपर एयरलाइन टिप्पणी नहीं करेगी। कोरोना वायरस की वजह से देश और विदेश में यात्रा अंकुशों की वजह से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश में सभी एयरलाइन कंपनियों ने लागत कटौती के लिए कर्मचारियों के वेतन में कटौती और छंटनी जैसे कदम उठाए हैं। देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लगा था। घरेलू उड़ान सेवाएं दो माह बाद 25 मई से फिर शुरू हुईं। हालांकि, एयरलाइंस को अपनी कोविड पूर्व की क्षमता के 45 प्रतिशत पर परिचालन की अनुमति है। कुल सीटों की बुकिंग करीब 50-60 प्रतिशत है।

- नीरज कुमार दुबे

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