Unlock 4 के 15वें दिन कोरोना के कुल मरीजों में से आधे महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र से

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अरबपति परोपकारी बिल गेट्स ने कहा है कि कोविड-19 टीके के विनिर्माण में ‘‘बड़ी भूमिका’’ निभाने और इसे अन्य विकासशील देशों को आपूर्ति करने की इजाजत देने की भारत की इच्छा इस महामारी को वैश्विक स्तर पर काबू में करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोविड-19 से ठीक होने वालों की दर बढ़कर 78.28 प्रतिशत हो गई है और अब तक कुल 38,59,399 मरीज ठीक हो चुके हैं। यह कोरोना संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों से आज की तारीख में 28,69,338 ज्यादा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या फिलहाल 9,90,061 है जो कुल संक्रमितों का 20.08 प्रतिशत है। मंत्रालय के मुताबिक उपचाराधीन मरीजों में से आधे के करीब (48.8 प्रतिशत) तीन राज्यों– महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से हैं। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, केरल और तेलंगाना का कुल इलाज करा रहे मरीजों में करीब एक चौथाई (24.4 प्रतिशत) योगदान है। मंत्रालय के मुताबिक, “महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु से कुल उपचाराधीन मरीजों में से 60.35 प्रतिशत मामले आ रहे हैं और अब तक स्वस्थ हो चुके लोगों में से भी करीब 60 प्रतिशत (59.42 प्रतिशत) इन्हीं राज्यों से आए हैं।” बीते 24 घंटों में महामारी से जान गंवाने वाले 1054 लोगों में से करीब 69 प्रतिशत महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और दिल्ली से हैं। मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक हुई कुल मौत में से 37 प्रतिशत से ज्यादा महाराष्ट्र(29,894 मौत) से हैं। बीते 24 घंटों में महामारी से हुई मौत के मामले में राज्य की हिस्सेदारी 34.44 प्रतिशत (363 मौत) है। देश में बीते 24 घंटों में 83,809 नए मरीजों के सामने आने के साथ ही कोविड-19 के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 49,30,236 हो गई। वहीं, देश में महामारी से जान गंवाने वालों की कुल संख्या भी बढ़कर 80776 हो गयी है।

92 प्रतिशत मामले हल्के लक्षण वाले

देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि भारत में करीब 92 प्रतिशत मामले हल्के लक्षण वाले हैं और केवल 5.8 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत पड़ी। हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में राज्यसभा में एक बयान देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाने सहित सरकार द्वारा समय पर लिये गये फैसलों से संक्रमण के करीब 14-29 लाख मामलों को रोकने में और 37,000-38,000 लोगों को मौत से बचाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि भारत में करीब 92 प्रतिशत मामले हल्के लक्षण वाले हैं और 5.8 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन थैरेपी की जरूरत पड़ी वहीं 1.7 प्रतिशत मामले आईसीयू वाले रहे। उन्होंने कहा कि भारत में 11 सितंबर तक नोवेल कोरोना वायरस के कुल 45,62,414 मामले आए और 76,271 लोगों की संक्रमण से मृत्यु हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि संक्रमण से मृत्यु दर 1.67 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘अनुमान है कि सरकार के लिये गये फैसलों से संक्रमण के करीब 14-29 लाख मामलों को रोकने में और 37,000-38,000 लोगों को मौत से बचाने में मदद मिली।’’ हर्षवर्धन ने कहा कि अब तक 35,42,663 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं और यह संख्या कुल मामलों का 77.65 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में कोविड-19 के प्रकोप की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि संक्रमण और उससे मौत के सर्वाधिक मामले मुख्यत: महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात से आये हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरी सरकार और संपूर्ण समाज के सहयोग से कोरोना वायरस से निपटने के प्रयासों के कारण भारत संक्रमण के मामलों और उससे जान गंवाने वाले रोगियों की संख्या को प्रति दस लाख आबादी पर 3,328 मामले और 55 लोगों की मौत तक सीमित रखने में सफल रहा है। यह, इसी तरह प्रभावित अन्य देशों की तुलना में दुनिया में सबसे कम दरों में से एक है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के माध्यम और बिना लक्षण वाले संक्रमण जैसे महामारी के अनेक कारकों पर अब भी अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब पीपीई का स्वदेशी उत्पादन नहीं हो रहा था। आज हम इस मामले में आत्म-निर्भर हैं और निर्यात करने की भी स्थिति में हैं।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘मेरी अध्यक्षता में एक मंत्रिसमूह ने तीन फरवरी, 2020 को इसके गठन से लेकर अब तक 20 बार बैठक की हैं। इस मंत्रिसमूह में विदेश मंत्री, नागर विमानन मंत्री हैं।’’ हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 रोगियों के लिए पुन: उपयोग में लाये जा सकने वाली दवाओं के 13 क्लीनिकल परीक्षण तथा आधुनिक चिकित्सा उपचार की पद्धति का इस्तेमाल करते हुए परंपरागत ज्ञान का उपयोग कर उपचार के विकल्पों की सूची तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रमुख रूप से ध्यान कोविड-19 के टीके के विकास पर रहा है और 30 से अधिक टीकों को समर्थन दिया गया है जो विकास के विभिन्न स्तरों पर हैं। उन्होंने कहा कि ‘इम्युनोमॉड्यूलेटर सेप्सिवाक’ के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा पहली जड़ी-बूटी आधारित (फाइटोफार्मास्युटिकल) दवा एसीक्यूएच का दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है। हर्षवर्धन ने कहा कि ‘अश्वगंधा’ का एक रोगनिरोधक परीक्षण और ‘गुडूची प्लस पिप्पली’, यष्ठिमधु तथा पॉलीहर्बल आयुष औषधि (आयुष-64) के तीन परीक्षण मामूली रूप से अस्वस्थ कोविड-19 रोगियों पर करने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी टीका निश्चित ही कारगर साबित होगा। हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 के प्रबंधन और उसे कम करने के लिए अनेक उपायों के जरिये योगदान दिया है।

हिमाचल में कोविड-19 से चार और मरीजों की मौत

हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 से चार और मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद मृतकों की संख्या मंगलवार को बढ़ कर 85 पर पहुंच गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विशेष सचिव (स्वास्थ्य) निपुण जिंदल ने कहा कि सोमवार रात से अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार कांगड़ा, शिमला, मंडी और सोलन में मरीजों ने महामारी से अपनी जान गंवाई। सोलन में अब तक कोविड-19 से सर्वाधिक 19 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके बाद कांगड़ा में 18 और शिमला में 13 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि मंडी में नौ, उना में आठ, हमीरपुर और चंबा में पांच-पांच और कुल्लू और बिलासपुर में एक-एक मरीज की मौत हुई।

दिल्ली में संक्रमण के 4,263 नए मामले

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 4,263 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर मंगलवार को 2.25 लाख हो गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया कि 36 और लोगों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,806 हो गई। शहर में इलाज करा रहे लोगों की संख्या बढ़कर 29,787 हो गई। इससे एक दिन पहले यह संख्या 28,641 थी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को 62,000 से ज्यादा नमूने की जांच हुई। शहर में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 2,25,796 हो गई।

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कोविड-19 से 113 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 से 113 और लोगों की मौत हो गई। यह संक्रमण से राज्य में एक दिन में सर्वाधिक मौतें हैं। स्वास्थ्य विभाग की बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में राज्य में संक्रमण से 113 लोगों की मौत होने के साथ ही महामारी से अभी तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 4604 हो गई है। इससे पहले कोविड-19 से एक दिन सबसे ज्यादा 95 लोगों की मौत 20 अगस्त को हुई थी। इसी अवधि में कोविड-19 के 6895 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक कुल 3,24,036 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को बताया कि राज्य में इस वक्त 63,335 मरीजों का विभिन्न कोविड अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कुल 1,48,118 नमूनों की जांच की गई। राज्य में अब तक 77 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच हुई है।

गुजरात में एक मंत्री और एक विधायक संक्रमित

गुजरात सरकार में एक मंत्री और भाजपा के एक विधायक ने मंगलवार को कहा कि उनकी जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। गुजरात के खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री जयेश रादडिया ने कहा कि वे संक्रमित हो गए हैं और घर पर पृथक-वास में रह रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “मेरी कोरोना वायरस रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। अभी मैं घर पर पृथक-वास में हूं और मेरी हालत स्थिर है। पिछले एक सप्ताह में मेरे संपर्क में आए लोगों को अपनी जांच करानी चाहिए।” जामनगर से भाजपा विधायक राघवजी पटेल ने भी अपने संक्रमित होने की जानकारी ट्विटर के जरिये दी। पटेल ने कहा कि वह जामनगर में कोविड-19 के एक निर्दिष्ट अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं।

सरकार ने कोविड-19 जांच की दरें कम कीं

राजस्थान सरकार ने कोविड-19 की जांच के लिए निर्धारित शुल्क पहले से कम कर दी है। राज्य के निजी चिकित्सा संस्थानों और प्रयोगशालाओं में अब कोविड-19 की जांच 1,200 रुपये में करायी जा सकती है। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बताया कि आरटी-पीसीआर जांच किट, रिएजेन्टस, वीटीएम किट तथा अन्य कंज्यूमेबल्स की कीमतों में आयी कमी तथा आमजन को कम कीमतों पर जांच सुविधा उपलब्ध कराने के लक्ष्य से सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों एवं विषय-विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने आज इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। सरकारी बयान के अनुसार आमजन को कम कीमतों पर सहज एवं सुलभ जांच सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 की धारा 4 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एनएबीएल मान्यता प्राप्त एवं आईसीएमआर से कोविड-19 की जांच हेतु अनुमोदित निजी जांच प्रयोगशालाओं में कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच की अधिकतम दर कुल 1200 रुपये (जीएसटी सहित) निर्धारित की गयी है।

नगालैंड में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा

नगालैंड में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या सामने आई है। संक्रमण से 30 लोग स्वस्थ हो गए हैं और 15 लोग संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री एस पंगन्यू फोम ने बताया कि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 75.1 फीसदी हो गई । इससे पहले आठ अगस्त को स्वस्थ होने की दर 87.82 फीसदी थी। नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या अब 5,229 हो गई। फोम ने ट्वीट किया, '304 नमूनों में से 15 में संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें से आठ दीमापुर में, कोहिमा में चार और मोकोकचुंग और तुएनसांग और मोन में एक-एक मामले सामने आए हैं।' मंगलवार को कोविड-19 बुलेटिन में बताया गया कि कोहिमा में 27 मरीज और मोकोकचुंग में तीन मरीज स्वस्थ हुए। एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉक्टर नयानथुंग किकोन ने बताया कि सोमवार तक मृतकों की संख्या 10 थी जबकि अब यह बढ़कर 15 हो गई। राज्य में अब 1,269 लोगों का इलाज चल रहा है और 3,927 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और 18 अन्य राज्यों में चले गए।

मध्य प्रदेश में कोविड-19 के 2323 नए मामले

मध्य प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,323 नए मामले आने के साथ ही राज्य अभी तक कुल 93,053 लोगरें के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य में पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से 29 और लोगों की मौत हुई है। राज्य में महामारी से अभी तक 1,820 लोगों की मृत्यु हुई है। मध्य प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटे में प्रदेश में संक्रमण से भोपाल में पांच, इंदौर में चार, ग्वालियर में तीन, बैतूल, खंडवा एवं उमरिया में दो-दो और जबलपुर, सागर, रतलाम, सीहोर, झाबुआ, दतिया, देवास, होशंगाबाद, छतरपुर, अलीराजपुर एवं छिंदवाड़ा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक संक्रमण से सबसे ज्यादा 467 लोगों की मौत इन्दौर में हुई है, जबकि भोपाल में 334, उज्जैन में 84, सागर में 75, जबलपुर में 114, ग्वालियर में 89, खंडवा में 28, रतलाम 31, विदिशा में 27, बैतूल में 27, नीमच में 27 एवं खरगोन में 34 लोगों की मौत हुई हैं। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 93,053 संक्रमितों में से अब तक 69,613 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 21,620 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को 1902 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 7,175 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

गुजरात में 1,349 नए मामले सामने आए

गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,349 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या मंगलवार को 1,16,345 हो गई जबकि रिकॉर्ड 1,444 लोग संक्रमण से उबरे हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने कहा कि बीते 24 घंटे में 17 रोगियों की मौत हुई है, जिसके बाद मृतकों की तादाद बढ़कर 3,247 तक पहुंच गई है। विभाग ने बताया कि एक दिन में सबसे अधिक 1,444 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है, जिसके बाद राज्य में ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या 96,709 हो गई है। राज्य में अब भी 16,389 लोग संक्रमित हैं। वहीं, अहमदाबाद में कोरोना वायरस संक्रमण के 172 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 34,172 हो गई है। इसके अलावा चार रोगियों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 1,781 तक पहुंच गई है।

राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा ऑक्सीजन की “कोई कमी” नहीं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस के इलाज में अहम चिकित्सा श्रेणी के ऑक्सीजन की राष्ट्रीय स्तर पर “कोई कमी” नहीं है और राज्यों से अनुरोध किया कि वे अस्पताल स्तर पर उचित सूची प्रबंधन सुनिश्चित करें और ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिये पहले से योजना बनाएं जिससे स्टॉक की अनुपलब्धता न हो। यह पूछे जाने पर कि क्या विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की काफी कमी है और इसकी वजह से मौत हुई हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में ऑक्सीजन उत्पादन की दैनिक क्षमता आज की तारीख में 6900 मीट्रिक टन से थोड़ी ज्यादा है। सुबह के आंकड़ों का संदर्भ देते हुए भूषण ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि कोविड-19 के कुल मरीजों में से 3.69 मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा था, 2.17 प्रतिशत आईसीयू में थे जहां उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध था और 0.36 प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर पर थे जहां उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह मोटे तौर पर कुछ छह प्रतिशत मरीज हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे में जिस ऑक्सीजन का इनके और गैर कोविड स्वास्थ्य सेवाओं को मिलाकर इस्तेमाल किया जा रहा है उसकी मात्रा कितनी है? इसके लिये अगर हम एक बार फिर यह लें (सुबह के आंकड़ों के मुताबिक) तो यह दैनिक आधार पर 2800 मीट्रिक टन है।” उन्होंने कहा, “इसलिये अगर हम औद्योगिक उत्पादन और ऑक्सीजन के लिये उनकी जरूरतों को देखें तो यह 2200 मीट्रिक टन है, ऐसे में कुल मिलाकर करीब 5000 मीट्रिक टन की दैनिक खपत है और 1900 मीट्रिक टन की बचत है। इसलिये राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो यहां ऑक्सीजन की बिल्कुल कोई कमी नहीं है, वास्तव में आज सुबह 1900 मीट्रिक टन अतिरिक्त ऑक्सीजन उपलब्ध है।” अधिकारी ने कहा कि समस्या तब आती है जब सुविधा केंद्रों द्वारा इनका समुचित सूची प्रबंधन नहीं होता है। भूषण ने जोर दिया कि प्रत्येक राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अस्पताल के स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता की सूची बने और इनके खत्म होने की संभावना के मद्देनजर चेतावनी जारी की जाए जिससे समय रहते इनकी उपलब्धता फिर से हो सके। भूषण ने कहा, “अगर कमी होने की गुंजाइश लगती है तो समय पर इसकी भरपाई के लिये तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए और केंद्र से मदद मांगी जानी चाहिए।” उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ बैठकें की गई हैं और उनसे ऑक्सीजन की उपलब्ध मात्रा की स्थिति की निगरानी को कहा गया है और केंद्र के स्तर पर भी एक डिजिटल नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा, “राज्यों को ऑक्सीजन की उपलब्धता पर नजर रखनी चाहिए और इसका तर्कसंगत रूप से उपयोग करना चाहिए।”

प्लाज्मा थैरेपी को जारी रखने के संबंध में निर्णय लेंगे

कोविड-19 पर गठित राष्ट्रीय कार्यबल और स्वास्थ्य मंत्रालय का संयुक्त निगरानी समूह (जेएमजी) इस बात पर निर्णय लेंगे कि देश में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को जारी रखा जाए अथवा नहीं? भारतीन आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कहा कि उसकी निगरानी में किए गए परीक्षण के आंकड़ों की समीक्षा के बाद इस बारे में फैसला किया जाएगा। आईसीएमआर के निदेशक डॉ बलराम भार्गव ने प्रेसवार्ता में कहा कि अलग-अलग जगहों पर किए गए नियंत्रित परीक्षण से सामने आया है कि प्लाज्मा थैरेपी मौत के मामलों को कम करने अथवा मध्यम से गंभीर बीमारी की प्रगति को रोकने में मददगार नहीं है। इस परीक्षण में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 25 जिलों के 39 अस्पतालों में 464 मरीज शामिल रहे। भार्गव ने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी का उपयोग 100 वर्षों से भी अधिक समय से किसी न किसी रूप में विभिन्न वायरस संक्रमणों के लिए किया जा रहा है। इबोला वायरस के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया गया था और कोविड-19 महामारी के बीच भी इसका इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, 'इसका लाभ है अथवा नहीं इस बारे में अध्ययन किया जा रहा है।' आईसीएमआर की निगरानी में किए गए परीक्षण के निष्कर्षों को लेकर भार्गव ने कहा कि यह एक पूर्व-प्रकाशित संस्करण है जोकि अभी समीक्षा प्रक्रिया से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि समीक्षा प्रक्रिया के बाद उपलब्ध आंकड़ों पर राष्ट्रीय कार्यबल और जेएमजी के विचार करने के बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि प्लाज्मा थैरेपी को जारी रखा जाए या नहीं।

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उत्तराखंड में कोविड-19 के 1391 नए मामले

उत्तराखंड में मंगलवार को कोविड-19 के 1391 नए मामले आने के साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 34,407 हो गया। नौ लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, संक्रमण के सर्वाधिक 421 नए मामले देहरादून जिले के हैं जबकि उधमसिंह नगर में 318, नैनीताल में 226 और हरिद्वार में 219 मरीज सामने आए। संक्रमण से आज राज्स में नौ लोगों की मौन होने के साथ ही महामारी से मरने वालों की संख्या 438 हो गई है। प्रदेश में अब तक कुल 23,085 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और फिलहाल 10,739 लोगों का इलाज चल रहा है। प्रदेश में कोविड-19 के 145 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं।

अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू संक्रमित

अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि वह मंगलवार को कोविड-19 से संक्रमित हो गये और फिलहाल नयी दिल्ली में घर में पृथक-वास में हैं। खांडू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''मैंने आरटी-पीसीआर जांच करायी है और मैं कोविड-19 से संक्रमित पाया गया हूं। मुझमें बीमारी के लक्षण नजर नही आ रहे हैं और मैं स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने आप को पृथक वास में कर लिया है और वह उन सभी से मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करने का अनुरोध करते हैं जो उनके संपर्क में आये हैं। खांडू 12 सितंबर को सरकारी यात्रा पर राष्ट्रीय राजधानी गये थे।

दो घरेलू टीके ‘‘उत्‍कृष्‍ट सुरक्षा’’ वाले पाए गए

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने मंगलवार को जानकारी दी कि आईसीएमआर और कैडिला हेल्थेयर लिमिटेड के साथ मिलकर भारत बॉयोटेक द्वारा किए गए पहले चरण के परीक्षण में खुलासा हुआ है कि स्वदेशी आधार पर विकसित किए गये इसके दो कैण्‍डिडेट वैक्‍सीन ‘‘उत्‍कृष्‍ट सुरक्षा’’ सुरक्षा वाले हैं। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में आईसीएमआर और निजी शोध केंद्रों द्वारा कोरोना के लिए नैदानिक परीक्षणों की स्थिति का ब्‍यौरा देते हुए चौबे ने कहा कि उनके द्वितीय चरण के नैदानिक परीक्षण चल रहे हैं। चौबे ने यह भी बताया कि रूस द्वारा विकसित रिकॉमबिनान्ट वैक्सीन के सहयोग के संबंध में विचार- विर्मश चल रहा है। हालांकि इस बारे में कोई औपचारिक अध्‍ययन प्रारंभ नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि सीरम इस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और आईसीएमआर ने दो वैश्विक वैक्सीन केंडिडेट्स के नैदानिक विकास के लिए साझेदारी की है। उन्होंने कहा कि सीएचएडीओएक्स1- एस जो कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित एक नॉन रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर वैक्सीन है। उन्होंने कहा, ‘‘यह वैक्सीन ब्राजील में तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण में है। आईसीएमआर ने 14 नैदानिक परीक्षण स्थलों पर चरण दो और तीन के ब्रिजिंग अध्ययनों की शुरूआत की है। चौबे ने बताया कि आईसीएमआर और एसआईआई ने यूएसए से नोवाक्स द्वारा विकसित ग्लाईकोप्रोटीन सबयूनिट नैनोपार्टिकल एड्जुविटेड वैक्सीन के नैदानिक विकास हेतु भी साझेदारी की है। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योग जगत शीघ्रातिशीघ्र कोविड- 19 की सुरक्षित एंव प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं। टीके की उपलब्धता के बारे में पूछे गये प्रश्न पर में चौबे ने बताया, ‘‘वैक्सीन के विकास में निहित विभिन्न जटिलताओं को देखते हुए निश्चित समय सीमा के बारे में टिप्पणी करना मुश्किल है।''

केरल में कोविड-19 के 3,215 नए मामले

केरल में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,215 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,14,033 हो गई। वहीं, संक्रमण से 12 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 466 हो गई। मुख्यमंत्री पी विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ऐसी खबरें हैं कि लोग महामारी के प्रति नरम रुख अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज 5,901 लोग मास्क नहीं पहने हुए पाए गए और नौ लोगों के खिलाफ पृथवकवास नियम का उल्लंघन करने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल 31,156 लोगों का इलाज चल रहा है। अब तक कम से कम 82,345 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। तिरुवनंतपुरम में सबसे ज्यादा 656 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, मालापुरम में 348, अलप्पुझा में 338, कोझिकोड में 260, एर्नाकुलम में 239, कोल्लम में 234 और कन्नूर में 213 नए मामले सामने आए हैं। विजयन ने बताया कि राज्य में 2.08 लाख लोग निगरानी में हैं।

3.7 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेला

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने पिछले कई दशकों के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई प्रगति को पटलते हुए लगभग 3.7 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल दिया है। फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस महामारी का वास्तविक प्रसार चाहे जितना रहा हो, लेकिन इसने आर्थिक रूप से प्रत्येक देश में व्यापक रूप से तबाही मचाई है। रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक अनुमान का हवाला देते हुए कहा गया है कि दुनिया भर में विकास को बढ़ावा देने के लिए 18,000 अरब अमरीकी डालर खर्च करने के बावजूद 2021 के अंत तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 12,000 अरब डॉलर या इससे अधिक कमी होगी। फाउंडेशन की वार्षिक ‘गोलकीपर्स रिपोर्ट’ में यह बात कही गई। यह रिपोर्ट मुख्य रूप से गरीबी को दूर करने और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का विश्लेषण करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस संकट के दौरान भारत ने 20 करोड़ महिलाओं को नकदी हस्तांतरण किया और इससे न केवल भूख और गरीबी पर महामारी के असर को कम करने में मदद मिली, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिला। फाउंडेशन बिल गेट्स के सह-अध्यक्ष ने बताया कि भारत में आधार डिजिटल वित्तीय प्रणाली एक बार फिर मददगार साबित हुई। उन्होंने कहा कि डिजिटल नकद हस्तांतरण के जरिए भुगतान शानदार चीज है और जाहिर तौर पर भारत ने इसे उस स्तर पर किया, जैसा आज तक किसी दूसरे देश ने नहीं किया।

-नीरज कुमार दुबे

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