Unlock-5 का 108वां दिन: कोरोना के खिलाफ भारत में शुरू हुआ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान

corona vaccination

महाराष्ट्र में शनिवार को देश के शेष भाग के साथ ही टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। मुंबई में जेजे अस्पातल के डीन डॉक्टर रंजीत मानकेश्वर तथा जालना सिविल अस्पताल की डॉक्टर पद्मजा सराफ सबसे पहले टीका लगवाने वालों में शामिल रहे।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत शनिवार को पहले चरण में भारत में अग्रिम मोर्चों पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। इसके साथ ही 10 महीनों में लाखों जिंदगियों और रोजगार को लील लेने वाली इस महामारी के खात्मे की उम्मीद जगी है। भारत में करीब एक करोड़ लोगों के संक्रमित होने और 1.5 लाख लोगों की मौत के बाद भारत ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके के साथ महामारी को मात देने के लिए पहला कदम उठाया है और देशभर के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण अभियान का पहला दिन सफल रहा। अब तक टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। आज शाम 5:30 बजे तक पूरे देश में 1,65,714 लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया था। आज देश में 3351 सत्र में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम किया गया। वैक्सीनेशन ड्राइव में 2 तरह के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। COVISHIELD सभी राज्यों को दिया गया है। COVAXIN को 12 राज्यों को दिया है।

स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई। पॉल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन को लेकर गठित अधिकार समूह के प्रमुख भी हैं। अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री कहा कि टीके की दो खुराक लेनी बहुत जरूरी है और इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए। उन्होंने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और ‘‘दवाई भी, कड़ाई भी’’ का मंत्र दिया। उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के ‘मेड इन इंडिया’ टीकों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही इसके उपयोग की अनुमति दी गई है। मोदी ने कहा कि टीका देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत सुनिश्चित करेगा। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री उस वक्त भावुक हो गए जब उन्होंने कोरोना संक्रमण काल के दौरान लोगों को हुई तकलीफों, अपने प्रियजनों को खोने और यहां तक कि उनके अंतिम संस्कार तक में शामिल ना हो पाने के दर्द का जिक्र किया। रूंधे गले से प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों और संक्रमण के जोखिम की आशंका वाले मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों की कुर्बानियों को याद किया जिनमें से सैकड़ों की संक्रमण की वजह से मौत हो गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा टीकाकरण कार्यक्रम मानवता की चिंता से प्रेरित है, जिन लोगों को सबसे अधिक खतरा है उन्हें प्राथमिकता मिलेगी।’’ प्रधानमंत्री ने भरोसा व्यक्त करते हुए कहा कि सामान्य तौर पर टीका विकसित करने में वर्षों लग जाते हैं लेकिन भारत ने दो‘मेड इन इंडिया’ टीके तैयार किए और तेजी से अन्य टीकों पर भी काम कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पूरे भारत में बड़े पैमाने पर टीकाकरण का रास्ता साफ करते हुए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने इस महीने की शुरुआत में ऑक्सफोर्ड /एस्ट्रेजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा उत्पादित कोविशील्ड एवं भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। अधिकारियों ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित 3006 केंद्रों पर पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण होगा और प्रत्येक सत्र में 100 लोगों को टीका दिया जाएगा। कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की खुराक सबसे पहले अनुमानित एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को और इसके बाद दो करोड़ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को दी जाएगी, इसके बाद 50 साल से अधिक उम्र वालों एवं अन्य बीमारियों से ग्रस्त 27 करोड़ लोगों का टीकाकरण करने की योजना है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत पर अस्पताल के एक सफाई कर्मी मनीष कुमार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोविड​​-19 का पहला टीका लगाया गया। इसके साथ ही मनीष देश की राजधानी में टीका लगवाने वाले पहले शख्स बन गए। हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके- भारत बायोटेक के स्वदेशी कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड, इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक संजीवनी हैं। टीका अभियान की शुरुआत के बाद हर्षवर्धन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ये टीके महामारी के खिलाफलड़ाई में हमारी संजीवनी हैं। हमने पोलियो के खिलाफ लड़ाई जीती है और अब हम कोविड के खिलाफ युद्ध जीतने के निर्णायक चरण में पहुंच गए हैं। मैं इस अवसर पर सभी फ्रंटलाइन कर्मियों को बधाई देता हूं। पूरे देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत पर उत्सव जैसा माहौल था, कई अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था। कई स्थानों पर टीकाकरण से पहले प्रार्थना की गई। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित एक निजी अस्पताल की डॉक्टर बिपाशा सेठ ने कहा, ‘‘ यह मानवता के लिए महान दिन है, सबसे पहले टीके की खुराक मिलने से विशेष तौर पर गर्वित महसूस कर रही हूं।’’ बता दें कि उन्हें यहां सबसे पहले खुराक दी गई। शहरी विकास मंत्री फरहाद हकीम ने कहा, ‘‘आज हमारे लिए एक बड़ा दिन है। ऐसा लगता है कि हम धीरे-धीरे महामारी से बाहर आ रहे हैं, जिसने इतने सारे लोगों की जान ली है। हम पिछले एक साल से संकट की स्थिति में थे। आज से, हम फिर से अपना नया जीवन शुरू करेंगे।’’ गुजरात के 161 केन्द्रों में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है।सबसे पहले राजकोट के एक मेडिकल वाहन चालक तथा कुछ डॉक्टरों को टीके की खुराक दी गई। राजकोट में मेडिकल वैन चलाने वाले और कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की पहली खुराक पाने वालों में शामिल अशोक भाई ने कहा, ‘‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि राजकोट के इस केंद्र में मुझे टीके की पहली खुराक देने के लिए चुना गया। मुझे कोई आशंका नहीं है।’’ भारतीय चिकित्सा संस्थान (एमसीआई) के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर केतन देसाई अहमदाबाद में सिविल अस्पताल में टीका लगवाने वाले दूसरे व्यक्ति बने। उन्होंने कहा, ‘‘ किसी को टीके के दुष्प्रभाव के बारे में भयभीत नहीं होना चाहिए क्योंकि यह कई परीक्षण से गुजरने और विशेषज्ञों द्वारा सत्यापित करने के बाद दी जा रही है।’’ अहमदाबाद सिविल अस्पताल में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी तथा उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की मौजूदगी में डॉक्टरों को टीकों की पहली खुराकें दी गईं। 

इसे भी पढ़ें: टीकाकरण अभियान शुरू होने पर बोले हर्षवर्धन, कोरोना के खिलाफ संजीवनी का काम करेगी वैक्सीन

महाराष्ट्र में शनिवार को देश के शेष भाग के साथ ही टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। मुंबई में जेजे अस्पातल के डीन डॉक्टर रंजीत मानकेश्वर तथा जालना सिविल अस्पताल की डॉक्टर पद्मजा सराफ सबसे पहले टीका लगवाने वालों में शामिल रहे। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के 285 केन्द्रों में टीके लगाए जा रहे हैं, जहां एक दिन में100 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे। कुल मिलाकर दिनभर में 28,500 कर्मियों को टीके की खुराक दी जाएगी। गोवा में जीएमसीएच के एक कर्मचारी रंगनाथ भोज्जे को शनिवार को सबसे पहले कोरोना वायरस टीका लगाया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तथा गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत उस समय जीएमसीएच अस्पताल में मौजूद थे, जब भोज्जे को टीका लगाया गया। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सबसे पहले एक स्वच्छताकर्मी को टीका लगा कर प्रदेश में इसकी शुरूआत की गयी। प्रदेश में टीकाकरण केन्द्र पर टीका लगवाने वालों का जहां फूलों से स्वागत किया गया वहीं ग्वालियर में डॉक्टरों ने हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर इसकी शुरुआत की। छत्तीसगढ़ में 51 वर्षीय सफाई कर्मी तुलसा टांडी राज्य मेंकोविड-19 से बचाव का टीका लगवाने वाले पहले व्यक्ति बने। राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक प्रियंका शुक्ला ने बताया, ‘‘ तुलसा टांडी रायपुर स्थित डॉ.बीआर अंबेडकर स्मारक अस्पताल में वर्ष 2008 से सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत हैं और वह पहले व्यक्ति बने जिन्हें राज्य में कोविड-19 टीके की खुराक दी गई है।’’ तमिलनाडु में भी 166 केंद्रों पर टीकाकरण चल रहा है और यहां के सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर राज्य में कोविड-19 का टीका प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बने। तेलंगाना में हैदराबाद स्थित अस्पताल में महिला सफाई कर्मी कोविड-19 से बचाव का टीका लगवाने वाली पहली व्यक्ति बनी, उन्हें तालियों की गड़गड़ाहट के बीच टीका लगाया गया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री ई राजेंदर ने यहां गांधी अस्पताल में औपचारिक रूप से टीकाकरण की शुरुआत की। केरल में भी 133 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू हुआ है और टीका प्राप्त करने वालों में प्रमुख सरकारी डॉक्टर और अग्रिम मोर्चे पर कार्य करने वाले कर्मी रहे। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि एक दिन में 13,300 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण होगा। कर्नाटक में भी 243 स्थानों पर टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई जिनमें से 10 केंद्र बेंगलुरु में हैं। बेंगलुरु स्थित विक्टोरिया अस्पताल में कार्यरत वार्ड अटेंडेंट 28 वर्षीय नागरत्न राज्य में कोविड-19 से बचाव का टीका लगाने वाले पहले व्यक्ति बने। इस मौके पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर बेंगलोर मेडिकल कॉलेज में मौजूद रहे। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों के टीकाकरण पर आने वाले खर्च को केंद्र सरकार वहन करेगी।

इसे भी पढ़ें: राजस्थान में कोरोना से दो और मरीजों की मौत, 238 नये संक्रमित

कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों ने लोगों से अफवाहों में नहीं आने की अपील की

देशभर में कोविड-19 टीकाकरण अभियान शनिवार को शुरू होने के साथ ही दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में पहला टीका लेने वाली नर्स बिजी टॉमी ने कहा कि ‘‘मैं गर्व महसूस कर रही हूं कि मैं इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा हूं।’’ इसी तरह की भावना दिल्ली में टीकाकरण अभियान के पहले दिन उन स्वास्थ्यकर्मियों ने जतायी जिन्हें 81 स्थलों पर टीका दिये जाने के लिए चुना गया था। राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख विकास डोगरा ने टीका लगवाया और उन्होंने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया। उन्होंने पीटीआई-से कहा, ‘‘मैंने टीका लगाने के बाद कुछ भी महसूस नहीं किया। जो लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि टीका सुरक्षित नहीं है, मैं कहना चाहता हूं कि वे विशेषज्ञ नहीं हैं। यह निराधार बात है और मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि उन्हें अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।’’ एक अन्य लाभार्थी एवं यहां बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में श्वसन चिकित्सा विभाग के प्रमुख संदीप नायर ने इसी तरह की भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी को सलाह दूंगा कि वे अपनी बारी आने पर टीका लगवायें। अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। टीके सुरक्षित हैं।’’ कोविड-19 टीकाकरण अभियान राष्ट्रीय राजधानी में चल रहा है। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाये जा रहे हैं जो महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे थे।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली में कोरोना के 299 नए मामले, छह और लोगों की मौत

कोविड-19 टीकों के बारे में अफवाह फैलने वालों से सावधान रहें: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को लोगों को कोविड-19 टीके के बारे में अफवाह फैलाने वालोंसे सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश में सफल टीकाकरण अभियान सुनिश्चित करने के लिये प्रशासन पूरी तरह तैयार है। जम्मू-कश्मीर में 40 केन्द्रों में शनिवार को कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान शुरू हो गया, जिसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों को सबसे पहले टीके लगाए जा रहे हैं। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पुणे स्थित भारतीय सीरम संस्थान की ओर से कोविशील्ड टीके की पहली खेप में 1,46,500 खुराकें प्राप्त हुई हैं। इनमें से 79 हजार टीके कश्मीर में जबकि 67,500 टीके जम्मू क्षेत्र में लगाए जाएंगे। सिन्हा ने यहां राजकीय चिकित्सा कॉलेज अस्पताल में टीकाकरणअभियान की शुरुआत करते हुए कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आज का दिन निर्णायक है...यह हमारे देश के लिये गर्व की बात है लेकिन हमें टीकों के बारे में अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहना है। उन्होंने लोगों से टीके की प्रभावकारिता से संबंधित अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध करते हुए प्रशासन से इस बारे मेंप्रचार अभियान शुरू करने को कहा।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में कोरोना से 12 और मरीज़ों की मौत, 533 नये संक्रमित मिले

भारत में कोविड-19 के नये प्रकार से 116 लोग संक्रमित: सरकार

ब्रिटेन में सार्स-सीओवी-2 के नये प्रकार से देश में संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 116 हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया, ‘‘ब्रिटेन में सामने आये नये प्रकार से संक्रमित लोगों की संख्या 116 है।’’ मंत्रालय ने इससे पहले बताया था कि इन सभी लोगों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों के एकल कक्ष में पृथक-वास में रखा गया है। उसने बताया कि संक्रमितों के करीबी संपर्क में आये लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। सह-यात्रियों, पारिवारिक संपर्कों और अन्य का भी पता लगाया जा रहा है। ब्रिटेन में सामने आये कोविड-19 के नये प्रकार के मामले डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर समेत कई देशों में पता चले है।

इसे भी पढ़ें: अफवाहों से बचें और टीकाकरण के लिये अपनी बारी का इंतजार करें: योगी आदित्यनाथ

सात महीने बाद में आंध्रप्रदेश में कोविड-19 के उपचाररत मरीज घटकर 2000 के नीचे पहुंचे

आंध्र प्रदेश में शनिवार को सात महीने बाद पहली बार कोरोना वायरस के उपचाररत मरीजों की संख्या 2000 के नीचे 1,987 तक आयी। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार राज्य में सुबह नौ बजे तक पिछले 24 घंटे में इस महामारी के 114 नए मामले सामने आए। इस दौरान राज्य में 326 मरीज ठीक हुए। पिछले 24 घंटे में 25,542 नमूनों की जांच की गयी जो संयोग से कई महीनों के दौरान एक दिन में सबसे कम परीक्षण है। वैसे संक्राति के चलते परीक्षण कम हुए। राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,85,824 हो गयी है। अब तक 8,76,372 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वैसे पिछले 24 घंटे में इस महामारी से किसी की भी मौत नहीं हुई।राज्य में अबतक कोविड-19 के 7,139 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। राज्य में संक्रमणदर घटकर 7.09 फीसद रह गयी है। अबतक सवा करोड़ लोग कोविड-19 जांच करवा चुके हैं।

इसे भी पढ़ें: कोरोना के टीके से जुड़ी हर अफवाह को केजरीवाल ने किया खारिज, कहा- पूरी तरह से सुरक्षित

ओडिशा में कोविड-19 के 178 नए मामले, एक मरीज की मौत

ओडिशा में शनिवार को कोविड-19 के 178 नए मामले आए जिन्हें मिलाकर राज्य में अब तक कुल 3,33,127 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति की कोविड-19 की वजह से मौत हुई है। इसके साथ ही राज्य में महामारी से जान गंवाने वालों की कुल संख्या 1,899 तक पहुंच गई है। अधिकारी ने बताया कि नए मामलों में 103 संक्रमित विभिन्न पृथकवास केंद्रों के है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक 30 संक्रमित सुंदरगढ़ में मिले हैं जबकि संबलपुर और झारसुगुडा में क्रमश: 24 और 23 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। अधिकारी ने बताया कि आठ जिलों- बौद्ध, ढेंकनाल, जगतसिंहपुर, कंधमाल, केंद्रपाड़ा, क्योंझर, नयागढ़ और नबरंगपुर- में संक्रमण का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से मौत का एकमात्र ताजा मामला सुंदरगढ़ से आया है। अधिकारी ने बताया कि राज्य में इस समय 2,087 उपचाराधीन मरीज हैं जबकि 3,29,088 मरीज महामारी को मात दे चुके हैं। ओडिशा में संक्रमण की दर 4.53 प्रतिशत है।

इसे भी पढ़ें: फिल्म जगत ने कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान की तारीक की, वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को किया सलाम

गोवा में कोरोना वायरस संक्रमण के 83 नये मामले, तीन और लोगों की मौत

गोवा में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 83 नये मामले सामने आने के साथ राज्य में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 52,345 हो गई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 के तीन और मरीजों की मौत हो गयी है। अधिकारी ने बताया कि गोवा में इस महामारी से अब तक कुल 756 लोगों की मौत हुई है, जबकि 50,712 मरीज इस रोग से स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, 877मरीज अभी उपचाराधीन हैं। अधिकारी ने बताया कि शनिवार को 670 नमूनों की जांच की गई। इस तरह,गोवा में अबतक कुल 4,26,703 नमूनों की जांच की गई है।

इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस टीका: किसी को महसूस हुई राहत, तो किसी का दूर हुआ संदेह

पंजाब और हरियाणा के करीब 100 स्थानों पर किया गया कोविड-19 टीकाकरण

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरूआत होने पर शनिवार को पंजाब और हरियाणा के करीब 100 स्थानों पर वरिष्ठ चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शनिवार को प्राधिकारों ने पंजाब में 59 और हरियाणा में 77 स्थान टीकाकरण के लिए निर्धारित किये थे। टीकों के प्रति लोगों में विश्वास को मजबूत करने और टीके के बारे में किसी भी संदेह को दूर करने की कोशिश के तहत कई स्थानों पर सबसे पहले वरिष्ठ चिकित्सकों ने टीका लगवाया। केंद्र से पंजाब और हरियाणा को कोविड-19 के टीके की क्रमश: 2.04 लाख व 2.41 लाख खुराक प्राप्त हुई है। हरियाणा स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक सूरजभान कम्बोज ने भी कोविड-19 का टीका लगवाया और कहा, ‘‘टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और अधिक से अधिक लोगों कोटीका लगवाना चाहिए।’’ पंजाब के मोहाली से टीकाकारण अभियान की शुरुआत करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि वैज्ञानिक टीकों के सुरक्षित होने को लेकर आश्वस्त नहीं होते तो इन्हें मंजूरी नहीं दी गई होती। पटियाला के सिविल सर्जन सतिंदर सिंह ने बताया कि अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ उन्होंने भी टीका लगवाया है, ताकि लोगों में टीकाकरण के प्रति विश्वास का भाव पैदा किया जा सके। लुधियाना के सिविल हॉस्पटिल के डॉक्टर ने कहा कि उन्हें गर्व है कि टीके की पहली खुराक उन्हें लेने का मौका मिला। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे टीके को लेकर भयभीत नहीं हों। उन्होंने कहा कि मेरे वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी टीका लगवाया है और यह शत प्रतिशत सुरक्षित है तथा लोगों को इसपर भरोसा करना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: मनीष तिवारी ने वैक्सीन पर उठाया सवाल, बोले- कोई जिम्मेदार नेता टीका लगवाने के लिए क्यों नहीं आया सामने ?

उत्तराखंड में सामने आये कोरोना वायरस संक्रमण के 226 नए मामले

उत्तराखंड में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 226 नए मामले सामने आए जबकि चार और मरीजों मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, 226 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 94,691 हो गयी है जबकि चार और मरीजों की जान चले जाने से मृतकों की संख्या 1606 हो गयी है। बुलेटिन के मुताबिक नैनीताल में 40, हरिद्वार में 31, उधमसिंह नगर में 18, अल्मोड़ा में 14, टेहरी में नौ, पिथौरागढ़ में आठ, चमोली में छह , बागेश्वर, पौड़ी, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में दो दो नये मरीज सामने आये हैं। शनिवार को राज्य में चार और मरीजों ने दम तोड़ दिया। महामारी से अब तक राज्य में 1606 मरीज जान गंवा चुके हैं। राज्य में अब तक कुल 89,454मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 1282 मरीज राज्य से बाहर चले गये। फिलहाल उपचाराधीन मरीजों की संख्या 2,349 है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़