शरीरिक, मानसिक स्थितियों से जुड़े संभावित भेदभाव वाले विज्ञापनों पर अब होगी कार्रवाई

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विज्ञापन उद्योग के स्व-नियामक निकाय एससीआई ने कहा कि संहिता उल्लंघन के नियमों में नस्ल, जाति, स्त्री-पुरूष भेदभाव या राष्ट्रीयता के आधार पर किसी का उपहास न करना पहले से ही शामिल है।

मुंबई| भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने बुधवार को अपने नियमों का दायरा बढ़ाते हुए कहा कि शरीर का आकार, आयु और शारीरिक तथा मानसिक स्थितियों से जुड़े संभावित भेदभाव वाले विज्ञापनों पर अब कार्रवाई की जायेगी।

विज्ञापन उद्योग के स्व-नियामक निकाय एससीआई ने कहा कि संहिता उल्लंघन के नियमों में नस्ल, जाति, स्त्री-पुरूष भेदभाव या राष्ट्रीयता के आधार पर किसी का उपहास न करना पहले से ही शामिल है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, हालांकि, अब इसमें लिंग पहचान और यौन आकर्षण, शरीर का आकार, आयु और शारीरिक और मानसिक स्थितियां जैसे संभावित भेदभाव या उपहास को अब संहिता में शामिल किया गया है। इन आधारों पर किसी का मजाक उड़ाने या उपहास करने वाले विज्ञापनों को अब नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।

एएससीआई ने कहा कि उसे उभरते हुए समाज और उपभोक्ताओं की बदलती चिंताओं के साथ तालमेल बिठाना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विज्ञापन अपेक्षाओं के अनुरूप रहे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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