Exports को बढ़ावा देने के लिए टिकाऊ विनिर्माण प्रथाओं को बढ़ावा दे रही है एईपीसी

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परिषद पानी और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने, अपशिष्ट जल प्रबंधन और रासायनिक प्रबंधन, कार्बन उत्सर्जन की निगरानी और हरित प्रमाणन जैसी टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के बारे में उद्योग को जानकारी दे रही है।

नयी दिल्ली। निर्यात क्षेत्र के प्रमुख निकाय एईपीसी ने सोमवार को कहा कि वह देश के विभिन्न वस्त्र कलस्टर में टिकाऊ विनिर्माण प्रथाओं को बढ़ा दे रही है। इनमें कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल शामिल है। भारतीय परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) इस विषय पर ब्रांड, संगठनों और उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ चर्चा करेगी। परिषद पानी और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने, अपशिष्ट जल प्रबंधन और रासायनिक प्रबंधन, कार्बन उत्सर्जन की निगरानी और हरित प्रमाणन जैसी टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के बारे में उद्योग को जानकारी दे रही है। 

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निकाय ने इसके लिए 5-12 मई के बीच देश के पांच प्रमुख वस्त्र कलस्टर - तिरुपुर, मुंबई, बेंगलुरु, जयपुर और दिल्ली-एनसीआर में रोड शो भी आयाजित किए हैं। एईपीसी के चेयरमैन नरेन गोयनका ने कहा कि इन रोड शो का मकसद इन कलस्टर में टिकाऊ प्रथाओं की मौजूदा स्थिति का आकलन करना था। इससे बदलते परिदृश्य में बेहतर तैयारियों के लिए सरकार के साथ नीतिगत संवाद करने में मदद मिलेगी।

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