उच्चतम न्यायालय ने कहा- अमेजन, फ्यूचर अपीलीय न्यायाधिकरण से याचिका पर निर्णय करने का आग्रह करें

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उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि, अमेजन, फ्यूचर अपीलीय न्यायाधिकरण से याचिका पर निर्णय करने का आग्रह करें। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में फ्यूचर रिटेल के रिलायंस रिटेल के साथ 24,500 करोड़ रुपये के विलय सौदे को लेकर मध्यस्थता न्यायाधिकरण में जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्यूचर समूह से राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से याचिका पर सुनवाई करने का आग्रह करने को कहा। याचिका में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा फ्यूचर समूह की कंपनी के साथ सौदे को लेकर अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी को दी गयी मंजूरी को रद्द करने को चुनौती दी गयी है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायाधीश ए एस बोपन्ना और न्यायाधीश हिमा कोहली की पीठ ने यह सुझाव दिया और दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच जनवरी के आदेश को चुनौती देने वाली अमेजन की याचिका पर सुनवाई के लिये नौ मार्च की तारीख तय की। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में फ्यूचर रिटेल के रिलायंस रिटेल के साथ 24,500 करोड़ रुपये के विलय सौदे को लेकर मध्यस्थता न्यायाधिकरण में जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

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पीठ ने संक्षिप्त रूप से दलीलों को सुनने के बाद सुनवाई टाल दी। दलील में कहा गया कि एनसीएलएटी विलय सौदे से संबंधित अमेजन की एक और अपील पर सुनवाई कर रहा है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मौजूदा विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) एक तरह से एनसीएलएटी के समक्ष दायर याचिका के परिणाम से संबंधित है। हम दोनों पक्षों को अपीलीय न्यायाधिकरण से मामले में निर्णय देने का आग्रह करने का निर्देश देते हैं। मामले की सुनवाई के लिये नौ मार्च की तारीख तय की जाए।’’ इससे पहले, शीर्ष अदालत ने नौ फरवरी को अमेजन की याचिका पर फ्यूचर समूह की कंपनियों को नोटिस जारी किये थे। अमेजन ने अपनी याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच जनवरी के आदेश को चुनौती दी है। न्यायालय ने फ्यूचर समूह की कंपनियों... फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) से जवाब तलब किया था और कहा था कि वह 23 फरवरी को बिना किसी स्थगन के मामले की सुनवाई करेगा। अमेरिकी कंपनी ने अक्टूबर, 2020 में फ्यूचर समूह के खिलाफ सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र में मामला दर्ज कराया था। तब से दोनों के बीच कानूनी लड़ाई जारी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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