ब्रोकर बनने योग्य नहीं हैं मोतीलाल ओसवाल, इंडिया इंफोलाइन: सेबी

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सेबी ने 22 फरवरी को दो अलग आदेशों में कहा कि मोतीलाल ओसवाल कमोडिटीज ब्रोकर और इंडिया इंफोलाइन कमोडिटीज उचित एवं उपयुक्त योग्यता के लायक नहीं हैं। सेबी का यह फैसला 2013 में हुए नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) घोटाले की पृष्ठभूमि में आया है।

नयी दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बंद हो चुके एनएसईएल के 5,600 करोड़ रुपये के घोटाला मामले से जुड़े होने की वजह से मोतीलाल ओसवाल कमोडिटीज ब्रोकर और इंडिया इंफोलाइन कमोडिटीज को जिंस वायदा ब्रोकर के तौर पर काम करने के लिये उचित नहीं ठहराया है। सेबी ने जिंस डेरिवेटिव के लिये ब्रोकर बनने की उचित एवं अनुकूल योग्यता के लिये प्रतिष्ठा को बेहद महत्वपूर्ण कारक बताया। उसने कहा कि इन दो निकायों की प्रतिष्ठा गंभीर रूप से धूमिल हो चुकी है।

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सेबी ने 22 फरवरी को दो अलग आदेशों में कहा कि मोतीलाल ओसवाल कमोडिटीज ब्रोकर और इंडिया इंफोलाइन कमोडिटीज उचित एवं उपयुक्त योग्यता के लायक नहीं हैं। सेबी का यह फैसला 2013 में हुए नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) घोटाले की पृष्ठभूमि में आया है। इस घोटाले के बाद ब्रोकरों समेत कई निकाय तथा सेबी तथा अन्य जांच एजेंसियां कार्रवाई के दायरे में आई हैं।

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मोतीलाल ओसवाल ने 11 दिसंबर और 16 दिसंबर 2015 को जिंस डेरिवेटिव के लिये ब्रोकर के रूप में पंजीकृत होने का आवेदन किया था। इंडिया इंफोलाइन ने 23 दिसंबर 2015 को आवेदन किया था। सेबी ने इन आवेदनों को रद्द कर दिया। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि दोनों इकाइयां ‘‘जिंस वायदा बाजार ब्रोकर के तौर पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कारोबार नहीं कर सकतीं हैं।’’

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