श्रम समस्या की वजह से प्रभावित हो सकता है चीन का निवेश

चीन अपनी कंपनियों को भारत में निवेश करने से हतोत्साहित नहीं करेगा। लेकिन सरकारी मीडिया का कहना है कि चीन के निवेशकों के लिए भारत की राह आसान नहीं होगी।

बीजिंग। चीन अपनी कंपनियों को भारत में निवेश करने से हतोत्साहित नहीं करेगा। लेकिन सरकारी मीडिया का कहना है कि चीन के निवेशकों के लिए भारत की राह आसान नहीं होगी। चीन की कंपनियों को भारत में श्रमिक यूनियनों का सामना करना होगा, जो उन्हें अपने देश में नहीं करना होता है। सरकारी ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित रपट में कहा गया है कि भारत लगातार चीन से निवेश आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। चीन की सरकार ने अपने यहां से भारत को सामान्य औद्योगिक हस्तांतरण का विरोध नहीं किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था है। चीन के विनिर्माता इस तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार का लाभ उठाना चाहते हैं। इसके अलावा चीन की अर्थव्यवस्था को दोनों पड़ोसियों के बीच नई आपसी उद्योग श्रृंखला से भी फायदा होगा। इन तथ्यों को देखते हुए चीन सरकार अपनी कंपनियों को भारत में निवेश करने से हतोत्साहित नहीं करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में श्रमिक यूनियनों का कारपोरेट गवर्नेंस में दखल होता है। वहीं चीन के उद्यमियों के पास मजबूत यूनियनों से निपटने का अनुभव नहीं है।

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