कोरोना काल में ऑनलाइन गेमिंग के प्रति बढ़ा लोगों का क्रेज, जानिए कितना समय बिताते हैं गेमर्स

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एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले स्मार्टफोन के माध्यम से गेमर्स गेमिंग का मजा ले रहे थे लेकिन समय के साथ बेहतर अनुभव के लिए अब वह डेस्कटॉप, लैपटॉप और बड़ी स्क्रीन की तरफ बढ़ रहे हैं।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ऑनलाइन गेमिंग का चलन बढ़ा है। साल 2020 से कोरोना प्रतिबंधों की वजह से ज्यादातर घरों में रहने वाले लोगों के बीच में ऑनलाइन गेमिंग की लोकप्रियता बढ़ी है। जहां साल 2019 में 300 मिलियन लोग गेम के लिए ऑनलाइन हो रहे थे, वहीं अब बढ़कर 360 मिलियन हो गए हैं। 

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EY की एक रिपोर्ट के अनुसार गेमर्स में 20 फीसदी की वृद्धि और ऑनलाइन गतिविधि के चलते गेमिंग से 18 फीसदी राजस्व में वृद्धि देखी गई। जो पिछले साल 6,500 करोड़ रुपए था लेकिन अब बढ़कर 7,700 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।

बड़ी स्क्रीन की तरफ बढ़ रहे गेमर्स

अंग्रेजी समाचार पत्र 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पहले स्मार्टफोन के माध्यम से गेमर्स गेमिंग का मजा ले रहे थे लेकिन समय के साथ बेहतर अनुभव के लिए अब वह डेस्कटॉप, लैपटॉप और बड़ी स्क्रीन की तरफ बढ़ रहे हैं। जिसके जरिए उन्हें बेहतर ग्राफिक्स, बड़ी स्क्रीन, आसान नियंत्रण और अच्छी ध्वनि का अनुभव होता हैं। 

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कंप्यूटर प्रमुख एचपी ने 25 शहरों में 15-40 वर्ष के आयु वर्ग के 1,500 लोगों से बात कर एक अध्ययन किया। जिसमें निकलकर सामने आया कि बहुत से लोग गेम को अपने दीर्घकालिक कॅरियर के तौर पर अपना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गेमिंग के प्रति बढ़ते क्रेज की वजह से पर्सनल कंप्यूटर की मांग में वृद्धि देखी गई।

एचपी भारत के एमडी केतन पटेल ने बताया कि लोगों द्वारा अपने घरों पर ज्यादा समय बिताने के साथ ही गेमिंग में नाटकीय वृद्धि देखी गई है। क्योंकि उपभोक्ता मनोरंजन, तनाव मुक्त और सामाजिक जुड़ाव के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं। गेमिंग से प्रति बढ़ते क्रेज को एचपी जैसी कंपनियां एक अवसर के तौर पर देख रही हैं और गेमिंग पीसी पोर्टफोलियो को मजबूत कर रही हैं। 

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ईवाई के मीडिया और मनोरंजन श्रेणी के लीडर आशीष फेरवानी का मानना है कि साल 2023 तक गेमिंग से राजस्व में इजाफा होगा जो बढ़कर 15,500 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। इतना ही नहीं यह भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा खंड बन जाएगा।

स्टोरेज मेकर वेस्टर्न डिजिटल के एक अध्ययन के मुताबिक 'प्रो गेमर्स' गेमिंग पर प्रति सप्ताह 10 घंटे से अधिक खर्च कर रहे हैं और कम्प्यूटर आधारित पहुंच बढ़ रही है। वेस्टर्न डिजिटल इंडिया के निदेशक जगनाथन चेलिया बताते हैं कि गेमर्स के बीच उपलब्धि की एक मजबूत भावना है क्योंकि कम्प्यूटर गेमिंग उन्हें अपनी रचनात्मकता व्यक्त करने की अनुमति देता है और सीखने का अवसर प्रदान करता है। 

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