ऋण वसूली विधेयक साख के लिए सकारात्मक: मूडीज
दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून के साथ ऋण वसूली में तेजी लाने से जुड़े विधेयक के पारित होने से ढांचागत सुधार होगा और यह भारतीय बैंकों की साख के लिए सकारात्मक है।
दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून के साथ ऋण वसूली में तेजी लाने से जुड़े विधेयक के पारित होने से ढांचागत सुधार होगा और यह भारतीय बैंकों की साख के लिए सकारात्मक है। यह बात आज मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कही। लोकसभा में पिछले सप्ताह सिक्युरिटी इन्टरेस्ट और ऋण वसूली संबंधी कानून और विविध प्रावधान (संशोधन) विधेयक 2016 पारित हुआ जिससे बैंकों को खेतिहर भूमि के अलावा ऋण वसूली के मामले में गिरवी रखी परिसंपत्ति के अधिग्रहण का अधिकार होगा।
विधेयक में चार कानूनों- सरफेइसी अधिनियम, डीआरटी अधिनियम, भारतीय स्टांप कानून और डिपाजिटरी अधिनियम, में संशोधन का प्रावधान है। सरफेइसी अधिनियम में बदलाव से ऋणदाताओं को ऋण चूक की स्थिति में गिरवी रखी संपत्ति के अधिग्रहण का प्रावधान है। इसमें प्रावधान किया गया है कि यह प्रक्रिया जिला मजिस्ट्रेट द्वारा 30 दिन के भीतर पूरी की जानी है। मूडीज ने कहा कि इससे फंसे कर्ज की जल्द वसूली और समाधान होगा। यह भारतीय बैंकों की साख के लिये सकारात्मक है।
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