भारत में एफडीआई का अनुपात चीन के ऊपर जा सकता है: नोमुरा

भारत इस साल अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में चीन को पछाड़ सकता है।

भारत इस साल अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में चीन को पछाड़ सकता है क्योंकि इस देश में जारी आर्थिक सुधारों के बीच दोनों देशों के बीच एफडीआई का अंतराल कम हो रहा है। जापान की वित्तीय सेवा कंपनी के मुताबिक भारत में विदेशी निवेश प्रवाह बढ़ने तथा चीन में इसके धीमा पड़ने की प्रक्रिया 2013 में शुरू हुई और इस साल भारत में एफडीआई के प्रवाह का स्तर चीन के मुकाबले ज्यादा हो सकता है।

नोमुरा ने एक अनुसंधान रपट में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत में एफडीआइ प्रवाह (सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के लिहाज से) 2016 में चीन के मुकाबले बढ़ जाएगा क्योंकि भारत में इलेक्ट्रानिक्स, सौर ऊर्जा, वाहन, रक्षा एवं रेलवे जैसे क्षेत्रों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों से बड़ी निवेश प्रतिबद्धता मिली है।’’ भारत में 2015 में एफडीआई प्रवाह बढ़कर जीडीपी के 2.1 प्रतिशत के बराबर रहा जो 2014 के दौरान 1.7 प्रतिशत था। चीन में एफडीआई 2015 में सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले 2.3 प्रतिशत था।

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