सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- किसानों की आय दोगुना करना सरकार का लक्ष्य

government-is-closely-monitoring-the-flow-of-credit-to-agriculture-sector-says-sitharaman
[email protected] । Feb 15 2020 4:17PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे ऋणों की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है।सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वह यहां भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे ऋणों की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 15 लाख करोड़ रुपये के ऋण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। सरकार ने 2020-21 के आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण वितरण का लक्ष्य 11 प्रतिशत बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये रखा है। बजट में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विविध योजनाओं के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वह यहां भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

इसे भी पढ़ें: सीतारमण का चिदंबरम पर पलटवार, कहा एनपीए संकट देने वालों से सीखने को है क्या?

सीतारमण ने कहा, ‘‘ऋण सीमा बढ़ा दी गयी है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह स्थानीय जरूरतों के हिसाब से तय की गयी है। हमें मांग में वृद्धि की उम्मीद है और इसे पूरा करने के लिए ऋण की जरूरत भी बढ़ेगी। मैं वास्तव में बैंकों की निगरानी कर रही हूं और खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लिए ऋण सुविधाओं के विस्तार पर मेरी बारीक नजर है। मुझे उम्मीद है कि हम इसे (लक्ष्य को) हासिल कर लेंगे।’’ चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 13.5 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। सामान्यत: कृषि ऋण पर बैंक नौ प्रतिशत का वार्षिक ब्याज रखते हैं लेकिन सरकार इस पर दो प्रतिशत की ब्याज सहायता किसानों को देती है। यह सहायता तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के ऋणों पर दी जाती है। इस तरह कृषि ऋण पर प्रभावी ब्याज दर सात प्रतिशत वार्षिक बनती है।

इसे भी पढ़ें: ऑटो उद्योग चुनौतियों से निपटने, क्षेत्र को मजबूत करने के लिये कदम उठाये गए हैं : सीतारमण

बड़े पैमाने पर सरकारी बैंकों के एकीकरण के प्रस्ताव से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में शनिवार को इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर पीछे हटने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इससे पीछे हटने का कोई कारण है और ना ही ऐसी कोई वजह है जिसके चलते किसी अधिसूचना में कोई देर हो। जब भी कोई बात होगी, उसकी जानकारी आप तक पहुंच जाएगी।’’

इसे भी पढ़ें: सीतारमण ने कहा कि देश में FDI में इजाफा हुआ

पिछले साल अगस्त में सरकार ने 10 अलग-अलग सरकारी बैंकों का आपस में विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का निर्णय किया था। इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पंजाब नेशनल बैंक में मिलाया जाना है। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक के साथ, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक के साथ और आंध्रा बैंक एवं कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलाया जाना है। इससे पहले अप्रैल 2019 में सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय कर चुकी है। वहीं अप्रैल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंक : स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया था।

इसे भी देखें- budget से आपको कितना हुआ फायदा, क्या सस्ता हुआ और क्या हुआ महँगा

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़