सरकार कृत्रिम मेधा से उपयोगकर्ताओं पर नुकसान के नजरिए से लाएगी नियमः चंद्रशेखर

Chandrasekhar
ani

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कृत्रिम मेधा (एआई) और अन्य प्रौद्योगिकियों से उपयोगकर्ताओं पर होने वाले नुकसानों के नजरिये से इनका नियमन करेगी।

नयी दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कृत्रिम मेधा (एआई) और अन्य प्रौद्योगिकियों से उपयोगकर्ताओं पर होने वाले नुकसानों के नजरिये से इनका नियमन करेगी। एआई के विकास से नौकरियां जाने की आशंका को खारिज करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि अगले कुछ वर्षों तक एआई की वजह से रोजगारों पर कोई खतरा नहीं है लेकिन पांच-सात साल में ऐसा हो सकता है।

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चंद्रशेखर ने कहा, “एआई या किसी भी नियमन के प्रति हमारा दृष्टिकोण यह है कि हम इसे उपयोगकर्ता के नुकसान के नजरिये से नियंत्रित करेंगे। यह एक नया दर्शन है, जो 2014 से शुरू हुआ है कि हम डिजिटल नागरिकों की रक्षा करेंगे। हम डिजिटल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाले मंचों को अनुमति नहीं देंगे। यदि वे यहां काम करते हैं, तो वे उपयोगकर्ता के नुकसान को कम करेंगे।”

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वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नौ साल की उपलब्धियों को साझा करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि एआई पर आधारित मंच चैटजीपीटी का निर्माण करने वाली कंपनी ओपनएआई के संस्थापक सैम ऑल्टमैन की भारत यात्रा उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से इंगित करती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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