प्रतिबंधात्मक हैं भारत के द्विपक्षीय निवेश समझौते: पनगढ़िया
अरविंद पनगढ़िया ने आज कहा कि भारत के द्विपक्षीय निवेश समझौते ‘प्रतिबंधात्मक’ लग लग रहे हैं जबकि विदेशी निवेश के लिहाज से चीन प्रमुख शक्ति के रूप में उबर रहा है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने आज कहा कि भारत के द्विपक्षीय निवेश समझौते ‘प्रतिबंधात्मक’ लग लग रहे हैं जबकि विदेशी निवेश के लिहाज से चीन प्रमुख शक्ति के रूप में उबर रहा है। पनगढ़िया शोध संस्थान इकीयर द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय जी20 सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'चीन अब बाह्य निवेश प्रदाता के रूप में उबरा है। वह जावक निवेश के लिए नियम तय करने की सोच रहा है.. वहीं हमारी अपनी द्विपक्षीय निवेश संधि प्रतिबंधात्मक दिख रही हैं।’
चीन सरकार के आंकड़ों के अनुसार जनवरी अप्रैल 2016 के दौरान चीन के निवेशकों ने 150 देशों य क्षेत्रों के 3434 उद्यमों में निवेश किया। अमेरिकी राष्ट्रपति के उप सहायक अदेवाले अदेयेमो ने पिछले महीने भारत पर आरोप लगाया था कि वह द्विपक्षी निवेश संधि (बीआईटी) को लेकर पर्याप्त महत्वाकांक्षी नहीं है। उल्लेखनीय है कि आगामी जी20 सम्मेलन अगले महीने चीन में होगा। पनगढ़िया ने कहा कि इस सम्मेलन में पांच सत्र होने की संभावना है।
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