औद्योगिक उत्पादन, मुद्रास्फीति, वैश्विक रुख से तय होगी बाजार की चाल: विश्लेषक

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अब बाजार का ध्यान अगले महीने पेश होने वाले बजट पर होगा और उम्मीद है कि सरकर निजी निवेश को बढ़ाने के लिये सुधारों को गति देगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका-मेक्सिको-चीन व्यापार युद्ध चिंता तथा इस महीने के अंत में ओपेक की प्रस्तावित बैठक से पहले कच्चे तेल के दाम में तेजी पर निवेशकों की निगाह होगी।

नयी दिल्ली। औद्योगिक उत्पादन तथा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के साथ अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव तथा तेल के दाम अगले सप्ताह बाजार की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह कहा। पिछले सप्ताह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी चिंता को लेकर शेयर बाजारों पर असर दिखा और निवेशकों की इस पर भी नजर होगी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, कि आने वाले समय में बाजार में कारोबार की चाल मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन जैसे प्रमुख वृहत आर्थिक पर निर्भर करेगी। मानसून का प्रसार कैसे होता है, इस पर भी नजर होगी। अब बाजार का ध्यान अगले महीने पेश होने वाले बजट पर होगा और उम्मीद है कि सरकर निजी निवेश को बढ़ाने के लिये सुधारों को गति देगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका-मेक्सिको-चीन व्यापार युद्ध चिंता तथा इस महीने के अंत में ओपेक की प्रस्तावित बैठक से पहले कच्चे तेल के दाम में तेजी पर निवेशकों की निगाह होगी।

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औद्योगिक उत्पादन आंकड़ा तथा मुद्रास्फीति दर की घोषणा बुधवार को किये जाने की संभावना है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति आंकड़ा बाजार बंद होने के बाद शुक्रवार को आएगा। एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि इस सप्ताह हमारा ध्यान मुद्रास्फीति के आंकड़े पर होगा। बाजार की दिशा अब व्यापार युद्ध, रुपये की विनिमय दर तथा कच्चे तेल के दाम जैसे वैश्विक संकतकों से तय होगी। घरेलू कारणों के बजार ये तत्व अब महत्वपूर्ण होंगे। 

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इस बीच, रिजर्व बैंक ने दबाव वाली संपत्ति के मुद्दे के समाधान को लेकर शुक्रवार के बहुप्रतीक्षित संशोधित परिपत्र जरी किया। इसमें अन्य प्रावधानों के अलावा बैंकों को ऋण भुगतान में चूक के मामलों को 30 दिन के अंदर चिह्नित कर उसके समाधान की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। नदीम ने कहा कि यह नई 30 दिन की मोहलत कर्ज लेनेवालों को थोड़ी राहत उपलब्ध कराएगी। इस प्रावधान से चीजें काफी स्पष्ट हुई हैं। बैंक अब फंसे को कर्ज को चिन्हित कर सकेंगे, खातों पर गौर कर सकेंगे और उसके समाधान के लिये ठोस कदम उठा सकेंगे। हमें लगता है कि यह कर्ज देने और लेने वाले दोनों के लिये फायदेमंद है। कोटक सिक्युरिटीज के उपाध्यक्ष (पीसीजी शोधन) संजीव जारबादे ने कहा कि निवेशकों की फेडरल रिजर्व की बैठक, जी 20 बैठक और अगले महीने पेश होने वाले बजट पर नजर होगी। पिछले सप्ताह सेंसेक्स 98.30 अंक तथा एनएसई निफ्टी 52.15 अंक नीचे आये।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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