भारतीय रेल को जुटाना चाहिए नवोन्मेषी वित्तपोषण: विनोद राय

सिंगापुर। बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) के चेयरमैन विनोद राय ने कहा है कि भारतीय रेल के ढांचे में तब तक सुधार नहीं हो सकता जब तक कि वह वित्तपोषण के नवोन्मेषी तरीके नहीं अपनाती और निजी क्षेत्र के साथ अधिक सकारात्मक गठजोड़ नहीं करती। भारतीय रेलवे के विशाल बुनियादी ढांचा कार्यक्रम में ऑनलाइन नीलामी से निजी क्षेत्र की भागीदारी के जरिये 408 प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास शामिल है।
सिंगापुर के शोध संस्थान इंस्टिट्यूट आफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में राय ने कहा है कि जब तक भारतीय रेलवे वित्तपोषण का नवोन्मेषी तरीका इस्तेमाल नहीं करती और निजी क्षेत्र के साथ अधिक कारात्मक सहयोग नहीं करती, उसकी बुनियादी ढांचे की कमी और बढ़ेगी। उन्होंने रेलवे द्वारा हाल के समय में विस्तार, आधुनिकीकरण, निर्णय प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण, दक्षता में सुधार, ग्राहकों की उम्मीदों को पूरा करना, स्वच्छ उर्जा तथा ई निविदा के जरिये पारदर्शिता बेहतर करने के प्रयासों का जिक्र किया। राय ने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के पीछे मुख्य वजह यह नहीं है कि यह अधिक दक्ष और लागत दक्ष सेवा आपूर्ति तंत्र है, बल्कि इसकी वजह यह है कि संसाधनों की कमी की वजह से इस तरह की परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाता है।
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