रिलायंस कैपिटल के कर्जदाता बोलियों की कीमत से सहमत नहींः सूत्र

Reliance Capital
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कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल को कर्ज देने वाले संस्थानों की समिति (सीओसी) बोलीदाताओं से मिली सभी बाध्यकारी बोलियों के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं का मानना है कि बोलीकर्ताओं की तरफ से लगाई गई बोली का मूल्य काफी कम है

कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल को कर्ज देने वाले संस्थानों की समिति (सीओसी) बोलीदाताओं से मिली सभी बाध्यकारी बोलियों के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं का मानना है कि बोलीकर्ताओं की तरफ से लगाई गई बोली का मूल्य काफी कम है। ऐसी स्थिति में सीओसी बोलीकर्ताओं से संशोधित बोली लगाने को कह सकते हैं।

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हालांकि संशोधित बोली के भी उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने पर कर्जदाता रिलायंस कैपिटल को दिवाला प्रक्रिया के लिए भेजने की मांग कर सकते हैं। इसके लिए सीओसी ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) में हाल ही में जोड़ी गई धारा छह(ए) का सहारा ले सकते हैं जिसके जरिये किसी कंपनी के अलग-अलग कारोबार को अलग-अलग बेचा जा सकता है। रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के लिए बोली लगाने की अवधि 28 नवंबर को खत्म हुई है। इस कंपनी के आठ कारोबारों के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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