खाद्य oil-oilseed कीमतों में मिला-जुला रुख

edible oil
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सस्ते आयातित तेलों के दबाव में एक ओर जहां सरसों तेल-तिलहन और सोयाबीन तेल के दाम में गिरावट आई, वहीं मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया।

देश में शुल्कमुक्त आयात की कोटा व्यवस्था के तहत सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का आयात बढ़ने और विदेशों में दाम टूटने के बीच दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में सोमवार को खाद्य तेल कीमतों में मिला-जुला रुख रहा। सस्ते आयातित तेलों के दबाव में एक ओर जहां सरसों तेल-तिलहन और सोयाबीन तेल के दाम में गिरावट आई, वहीं मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया। मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में सुधार का रुख था जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में कोई घटबढ़ नहीं थी। सूत्रों ने कहा कि तेल मिलों को पेराई में काफी नुकसान हो रहा है। पेराई के बाद उनके तेल महंगे होने की वजह से बाजार में खप नहीं रहे हैं। जब सूरजमुखी जैसा ‘सॉफ्ट आयल’ (नरम तेल) 75 रुपये लीटर बाजार में आसानी से उपलब्ध हो तो कोई 125-135 रुपये लीटर के बीच उपलब्ध सरसों या सूरजमुखी तेल क्यों खरीदेगा ? इस स्थिति के बारे में सबकी चुप्पी समझ से परे है।

सूत्रों ने कहा कि तेल संगठनों की चिंता केवल वायदा कारोबार खोलने या पाम एवं पामोलीन के बीच शुल्क अंतर बढ़ाने तक सीमित न होकर तेल उद्योग और किसानों के फसल की खपत की स्थिति बनाने तक व्यापक होनी चाहिये। सूत्रों ने कहा कि बाजार का सूरतेहाल नहीं बदला और किसानों की फसल नहीं खपी तो अगली बार वे किसी और फसल का रुख कर सकते हैं जिससे उनकी फसल बिके भी और उन्हें कुछ लाभ भी हो।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन की कोटा प्रणाली के तहत शुल्कमुक्त आयात पर रोक लगने के बाद कुछ तेल संगठनों ने सूरजमुखी का शुल्कमुक्त आयात रोकने की मांग जरूर उठाई लेकिन उससे पहले वह चुप रहे। सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा सरसों की खरीद कराने से हालात में शायद ही कोई बदलाव हो क्योंकि ऐसी खरीद अधिक से अधिक 15-20 लाख टन की की जायेगी बाकी सरसों कहां जायेगी और सोयाबीन का स्टॉक कैसे खपेगा?

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज की तेजी की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया जबकि मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए। बिनौला तेल पहले से ही काफी निचले स्तर पर है और वह उसी स्तर पर बना हुआ है। सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 5,210-5,260 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,765-6,825 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,580 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,530-2,795 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 10,600 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,675-1,745 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 1,675-1,795 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,980 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,880 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,240 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,250 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,205-5,355 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 4,965-5,015 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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