अब Jio फ्री नहीं रहा, दूसरे नेटवर्क पर वॉयस कॉल के लिए देना होगा छह पैसे प्रति मिनट

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[email protected] । Oct 10 2019 8:27AM

वहीं वोडाफोन ने बयान में कहा कि एक दूरसंचार सेवाप्रदाता द्वारा अन्य सेवाप्रदाताओं के नेटवर्क पर कॉल के लिए शुल्क लेने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। इससे यह तथ्य भी सामने नहीं आता कि इंटरकनेक्ट आपरेटरों के बीच एक करार है और यह उपभोक्ता मूल्य का मामला नहीं है।

नयी दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने उपभोक्ताओं से किसी अन्य कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लेने की घोषणा की है। यानी जियो के उपभोक्ताओं द्वारा प्रतिद्वंद्वी एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के नेटवर्क पर कॉल के लिए उनसे छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लिया जाएगा। हालांकि, कंपनी इसकी भरपाई के लिये उपभोक्ताओं को बराबर मूल्य का मुफ्त डेटा देगी। यह पहली बार है जबकि जियो अपने उपभोक्ताओं से वॉयस कॉल के लिए शुल्क लेने जा रही है।  जियो द्वारा यह कदम उस समय उठाया गया है जबकि इस तरह के संकेत हैं कि कॉल जोड़ने का शुल्क 31 दिसंबर की पहले तय की गई समयसीमा तक समाप्त नहीं हो पाएगा। जियो ने इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पैदा की गई अनिश्चितता को जिम्मेदार ठहराया है। जियो ने कहा है कि ट्राई ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) के मुद्दे को फिर खोल लिया है। 

वहीं उद्योग की अन्य कंपनियों का कहना है कि यह जियो का ‘यू-टर्न’ है जिसने ग्राहकों को जीवनभर मुफ्त कॉल का वादा किया था। जियो ने बयान में कहा कि जब तक कि उसे अपने उपभोक्ताओं द्वारा किसी अन्य नेटवर्क पर फोन करने के एवज में किसी कंपनी को भुगतान करना होगा, तब तक उनसे यह शुल्क लिया जाएगा। जियो अभी अपने 4 जी उपभोक्ताओं से सिर्फ डेटा का शुल्क लेती है। देश में कहीं भी वॉयस कॉल मुफ्त है। कंपनी ने कहा कि जियो के फोन या लैंडलाइन पर कॉल करने पर शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही व्हाट्सएप और फेसटाइम समेत इस तरह के अन्य मंचों से किये गये फोन कॉल पर भी शुल्क नहीं लगेगा। सभी नेटवर्क के इनकमिंग फोन नि:शुल्क रहेंगे।  भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) को 2017 में 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दियाथा। ट्राई ने इस व्यवस्था को 31 दिसंबर, 2019 तक समाप्त करने का प्रस्ताव किया था। अब नियामक ने इस बात की समीक्षा के लिए परिचर्चा पत्र निकाला है क्या इस समयसीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत है।  

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कंपनी ने कहा कि चूंकि जियो के नेटवर्क पर वॉयस कॉल मुफ्त है। ऐसे में प्रतिद्वंद्वी नेटवर्कों के काफी ऊंचा शुल्क देने वाले 35 से 40 करोड़ 2जी उपभोक्ता उसके ग्राहकों को मिस्ड कॉल देते हैं। इस वजह से पिछले तीन साल के दौरान भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 13,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा है।  यह पहली बार होगा कि जबकि जियो के उपभोक्ताओं को वॉयस कॉल के लिए भुगतान करना होगा।  जियो की प्रतिद्वंद्वी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने आरोप लगाया है कि रिलायंस जियो द्वारा अपने ग्राहकों से नेटवर्क से प्रतिद्वंद्वी फोन कंपनियों के नेटवर्क पर वॉयस कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगाने का फैसला इंटरकनेक्ट शुल्क (आईयूसी) को नीचे लाने को दबाव बनाने का प्रयास है। एयरटेल ने इसके साथ ही कहा कि आईयूसी की मौजूदा जारी समीक्षा इस बारे में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पूर्व में जताई गई मंशा के अनुरूप है।  जियो के नियामकीय रुख को पलटने के आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ट्राई के एक अधिकारी ने कहा कि अभी समीक्षा सिर्फ विचार विमर्श के स्तर पर है। यह निर्णय के स्तर पर नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे मे जियो फैसला आने से पहले ही निष्कर्ष पर पहुंच गई है। वहीं वोडाफोन ने बयान में कहा कि एक दूरसंचार सेवाप्रदाता द्वारा अन्य सेवाप्रदाताओं के नेटवर्क पर कॉल के लिए शुल्क लेने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। इससे यह तथ्य भी सामने नहीं आता कि इंटरकनेक्ट आपरेटरों के बीच एक करार है और यह उपभोक्ता मूल्य का मामला नहीं है। 

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