India में मौजूदा संयंत्रों में क्षमता को चार करोड़ टन तक बढ़ाने के पर्याप्त अवसर: टाटा स्टील सीईओ

Tata Steel
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कंपनी ब्रिटेन सरकार के साथ वहां परिचालन के लिए वित्तीय पैकेज पर बातचीत जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील ने भारत में परिचालन के लिए 12,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है।

रांची। टाटा स्टील के मुताबिक भारत में उसके मौजूदा संयंत्रों में 2030 तक चार करोड़ टन क्षमता हासिल करने के पर्याप्त अवसर हैं। टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने यह बात कही। यह आंकड़ा कंपनी की मौजूदा उत्पादन क्षमता से लगभग दोगुना है। उन्होंने कहा कि कंपनी ब्रिटेन सरकार के साथ वहां परिचालन के लिए वित्तीय पैकेज पर बातचीत जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील ने भारत में परिचालन के लिए 12,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है।

नरेंद्रन ने यहां साक्षात्कार में पीटीआई-से कहा, ‘‘भारत में हम उत्पादन क्षमता बढ़ाना चाहते हैं। हमारे पास पहले ही लगभग 2.1 करोड़ टन क्षमता है। यह जल्द ही 2.5 करोड़ टन हो जाएगा, क्योंकि कलिंगनगर का विस्तार हो रहा है। हमारे पास कुछ और योजनाएं हैं - नीलाचल, कलिंगनगर और मेरामंडली या अंगुल को मिलाकर 2030 तक चार करोड़ टन की क्षमता हासिल की जा सकती है।’’ उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न स्थानों पर कई परियोजनाएं चल रही हैं और कंपनी ने ‘‘50 लाख टन प्रतिवर्ष के कलिंगनगर विस्तार को पूरा करने को प्राथमिकता दी है।’’

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कंपनी ओडिशा के कलिंगनगर में अपने संयंत्र की क्षमता को 30 लाख टन से बढ़ाकर 80 लाख टन करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा, ‘‘अधिग्रहण के नौ महीने के भीतर हमने सालाना आधार पर नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड की क्षमता को दस लाख टन तक बढ़ा दिया है।’’ नरेंद्रन ने क्षमता विस्तार के बारे में कहा, ‘‘भारत में 12,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया जाएगा। देख रहे हैं। यह कम से कम अगले तीन साल तक इसी स्तर पर रहेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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