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पंजाब ने जीएसटी राजस्व की भरपाई को कर्ज लेने के केंद्र के विकल्प को स्वीकार किया
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 28, 2020 18:45
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कांग्रेस शासित पंजाब ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की कमी को पूरा करने के लिए कर्ज लेने के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत उसे विशेष माध्यम से 8,359 करोड़ रुपये मिलेंगे।
नयी दिल्ली। कांग्रेस शासित पंजाब ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की कमी को पूरा करने के लिए कर्ज लेने के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत उसे विशेष माध्यम से 8,359 करोड़ रुपये मिलेंगे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पंजाब सरकार ने जीएसटी के लागू होने से हुई राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 को स्वीकार करने की सूचना दी है। इस विकल्प को चुनने वाले राज्यों की संख्या 26 हो गई है। तीनों केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी) ने भी विकल्प-1 को चुना है।’’
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केंद्र ने पहले ही राज्यों की ओर से चार किस्तों में 24,000 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और इसे 23 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों को 23 अक्टूबर, दो नवंबर, नौ नवंबर और 23 नवंबर को दिया जा चुका है। उधारी के अगले चक्र से पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल को धनराशि मिलेगी। इस सप्ताह की शुरुआत में केरल और पश्चिम बंगाल ने भी जीएसटी की कमी को पूरा करने के लिए इस उधारी विकल्प को स्वीकार करने की सूचना केंद्र को दी थी।
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विकल्प-एक का चयन करने वाले राज्यों को जीएसटी के क्रियान्यन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कर्ज लेने की विशेष सुविधा दी जाएगी। साथ ही इस विकल्प को स्वीकार करने पर राज्यों को आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत की अंतिम किस्त का कर्ज बिना किसी शर्त के लेने की अनुमति होगी। इस मिशन के तहत राज्य जीएसडीपी का कुल दो प्रतिशत उधार ले सकते हैं।
चीनी ऐप्स वाली फिनटेक कंपनियों के साथ न करें डील, पड़ सकता है आपको भारी
- निधि अविनाश
- जनवरी 22, 2021 17:55
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ED और CID को कथित तौर पर दो दर्जन से अधिक चाइनीज लोन देने वाली कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए तैयार किया गया है। इसके साथ-साथ जांच एजेंसियों ने भुगतान गेटवे को निर्देश देते हुए कहा है कि वह अपने लेनदेन और भुगतान को संसाधित करने से रोकें।
केन्द्र सरकार ने चाइनीज फिनटेक लेंडर्स जैसे स्नैपइटी लोन, बबल लोन, गो कैश और फ्लिप कैश पर अपना लेंस बदल दिया है। व्यक्तिगत लोन एप जैसे संदिग्ध फिनटेक से डेटा समझौता की जांच करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। ED और CID दो दर्जन से अधिक चाइनीज लोन देने वाली कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू करेंगी। इसके साथ-साथ जांच एजेंसियों ने भुगतान गेटवे को निर्देश देते हुए कहा है कि वह अपने लेनदेन और भुगतान को संसाधित करने से रोकें। ED और CID की यूनिट ने Razorpay जैसे गेटवे को भुगतान करने के लिए अवगत कराया है, जो बड़ी संख्या में इन लेन-देन को मंजूरी देता है।
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इसके अलावा Paytm को एक पत्र भी भेजा गया है जिसमें, “ED और कई राज्य CID ने कई चीनी समर्थित फिनटेक संस्थाओं के खातों को रद्द करने के लिए भुगतान गेटवे को नोटिस जारी किए हैं। बता दें कि इन कंपनियों से पूछताछ की जा रही है। खबरों के मुताबिक, पेमेंट गेटवे से इन चाइनीज संस्थाओं के लिए कई खाते खोले जा रहे है और इन्हीं मनी ट्रोल को पता लगाने के लिए केवाईसी का होना जरूरी है। बता दें कि इस संबंध में Razorpay के खिलाफ कोई कार्रवाई या जांच नहीं हुई है। Razorpay ने पिछले तीन महीनों में 300-400 ऐप पर पहले ही प्रतिबंध लगाया है।
सोने में तीन दिनों से जारी तेजी थमी, चांदी भी लुढ़का; जानिए 10 ग्राम का रेट
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 17:24
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पिछला बंद भाव 66,838 रुपये प्रति किलोग्राम का था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्नेषक (जिंस) ने कहा, ‘‘कॉमेक्स (न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज) में आई कमजोरी को देखते हुए दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 263 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई।
नयी दिल्ली। सोने में तीन दिनों से जारी तेजी थम गई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी के रुख कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना शुक्रवार को 263 रुपये की गिरावट के साथ 48,861 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज ने यह जानकारी दी है। सोने पिछले दिन 49,124 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी भी 806 रुपये टूटकर 66,032 रुपये प्रति किलोग्राम पर बोली गयी।
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पिछला बंद भाव 66,838 रुपये प्रति किलोग्राम का था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्नेषक (जिंस) ने कहा, ‘‘कॉमेक्स (न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज) में आई कमजोरी को देखते हुए दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 263 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की दर कमजोर होकर 1,861 डॉलर प्रति औंस और चांदी भी नरमी के साथ 25.52 डॉलर प्रति औंस के भाव पर चल रही थी।
Covid सेस लगाने की तैयारी में सरकार, बजट सत्र 2021 में हो सकता है ऐलान
- निधि अविनाश
- जनवरी 22, 2021 17:10
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सरकार का मानना है कि कोरोना सरचार्ज को ऐड करना इसलिए जरूरी था क्योंकि देश की इकॉनमी इस वक्त काफी धीमी रफ्तार में चल रही है जिसको गति देना इस वक्त बेहद जरूरी है। इशके अलावा अगर स्थिति ठीक होती है तो इस फैसले को सरकार वापस भी ले सकती है।
कोरोना वायरस महामारी देश भर में बड़े और छोटे व्यवसायों पर भारी पड़ रहा है, इसी को देखते हुए भारत सरकार अब इकॉनमी में और भी तेजी लाने के लिए और फंड जुटाने के लिए कोरोना सरचार्ज का इस्तेमाल करने जा रही है। इस साल बजट सत्र को देखते हुए सरकार टैक्स पर कोरोना सेस या कोरोना सरचार्ज को ऐड करेगी। हालांकि इसकी बढ़ोतरी केवल 0.5 प्रतिशत तक हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इसको लेकर काफी गंभीरता से विचार भी कर रही है और कोरोना महामारी से बढ़ती दिक्कतों को देखते हुए ऐसा कदम उठाना काफी जरूरी होगा।
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सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
सरकार का मानना है कि कोरोना सरचार्ज को ऐड करना इसलिए जरूरी था क्योंकि देश की इकॉनमी इस वक्त काफी धीमी रफ्तार में चल रही है जिसको गति देना इस वक्त बेहद जरूरी है। इसके अलावा अगर स्थिति ठीक होती है तो इस फैसले को सरकार वापस भी ले सकती है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, इस बार के बजट सत्र में कई सेक्टरों को राहत भी दी जा सकती है। वित्तीय घाटे को ज्यादा ध्यान में रखते हुए और अतिरिक्त फंड जुटाने के लिए कई नए तरीकों की भी घोषणा की जा सकती है। गौरतलब है कि बजट में 4 फीसदी हेल्थ, एजुकेशन सेस देना होता है

