एक महीने के भीतर लागू हो सकती है संशोधित शुल्क नीति: आर के सिंह

सिंह ने यह उद्योग प्रतिनिधियों से यह भी कहा कि बिजली मंत्रालय थोक ग्राहकों के लिये सीधे उत्पादकों से बिजली खरीद (ओपेन एक्सेस) को आसान बना रहा है। नई प्रशुल्क नीति के तहत इस प्रकार के आवेदन को30 दिन के भीतर निपटाया जाएगा।
संशोधित शुल्क नीति में तकनीकी गड़बडी या प्राकृतिक आपदा को छोड़कर बिजली कटौती होने पर जुर्माने का प्रावधान है। सरकार ने सस्ती दरों पर सभी को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इसकी व्यवस्था नई शुल्क नीति में है।नीति में पारेषण और वितरण नुकसान को एक दायरे में रखने का प्रावधान किया गया है। एक बार प्रशुल्क नीति को मंजूरी मिलने के बाद वितरण कंपनियों को पारेषण और वितरण नुकसान 15 प्रतिशत से अधिक होने पर उसका भार ग्राहकों पर डालने की अनुमति नहीं होगी। नीति में समय के हिसाब से शुल्क व्यवस्था (टाइम ऑफ द डे टैरिफ) का भी प्रावधान किया गया है। यानी व्यस्त समय में अधिक दर से बिजली शुल्क लेने का प्रावधान किया गया है। इससे ग्राहक कम व्यस्त समय में बिजली खपत बढ़ाकर बिल में कमी ला सकेंगे। ‘लॉकडाउन’ के कारण वित्तीय दबाव से जूझ रही वितरण कंपनियों को हाल में मिली राहत का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘हमने बिजली उत्पादन से जुड़े अपने केंद्रीय लोक उपक्रमों को वितरण कंपनियों से लिये जाने वाले ‘फिक्स्ड चार्ज’ आगे के लिये टालने को कहा है। अर्थव्यवस्था के सुचारू होने के बाद यह शुल्क वितरण कंपनियां समान किस्तों में बिना ब्याज के भुगतान करेंगी। इससे वितरण कंपनियों को राहत मिलेगी।’Join Hon'ble Minister for Power, New & RE Shri R.K. Singh in conversation with top CEOs from the Power Sector, at 3pm today.@CIIEnergy @FollowCII@MinOfPower @mnreindia @CB_CII @sumant_sinha @aksardana @TheVineetMittal @Suzlon @sinha_praveer
— Office of R.K. Singh (@OfficeOfRKSingh) May 15, 2020
https://t.co/P8Vt1fpy4b
उन्होंने कहा, ‘’ हमने सार्वजनिक क्षेत्र के अपने बिजली उत्पादकों से बिजली लागत में 20 से 25 प्रतिशत छूट देने को कहा है। हम चाहते हैं कि वितरण कंपनियां इसका लाभ ग्राहकों को दें। ‘लॉकडाउन’ समाप्त होने के बाद जब अर्थव्यवस्था फिर से खुलेगी यह ग्राहकों के पहले बिल में दिखाई देगा।’’ सिंह ने यह उद्योग प्रतिनिधियों से यह भी कहा कि बिजली मंत्रालय थोक ग्राहकों के लिये सीधे उत्पादकों से बिजली खरीद (ओपेन एक्सेस) को आसान बना रहा है। नई प्रशुल्क नीति के तहत इस प्रकार के आवेदन को30 दिन के भीतर निपटाया जाएगा। उन्होंने सौर और पवन ऊर्जा उपकरण के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिये सीमा शुल्क बाधा हटाने की भी बात कही। उद्योग प्रतिनिधियों ने बिजली को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के दायरे में लाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं लगाने के लिये परोक्ष रूप से सब्सिडी दिये जाने को कहा। उद्योग प्रतिनिधियों ने कोरोना वायरस ‘लॉकडाउन’ के कारण परियोजना विकास के लिये समयसीमा बढ़ाने पर भी जोर दिया।
अन्य न्यूज़












