Coal Block के सातवें दौर की नीलामी की हुई शुरूआत, राजनाथ बोले- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित कर रहा भारत

rajnath singh
ANI
अंकित सिंह । Mar 29 2023 12:59PM

रक्षा मंत्री ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के बाद, देशों ने सीखा कि कोई भी देश कितना भी बड़ा और विकसित क्यों न हो, अगर वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर नहीं है, तो उसे विकास में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक के सातवों दौर की नीलामी की शुरूआत आज दिल्ली में हुई। इसकी शुरूआत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे हम विकास कर रहे हैं ऊर्जा की खपत भी बढ़ रही है। इसके लिए हमें अभी से प्रयास करना होगा। ये आवंटन उसी के लिए सरकार का एक कदम है। उन्होंने कहा कि कोयले के बल पर अपना विकास कर चुके देश अब कोयले पर बैन की बात कर रहे हैं। यानी अपने विकास के बाद जब दूसरे के विकास की बात आई तो पर्यावरण को लेकर उनके द्वारा चिंता दिखाई जा रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत ने विकास और पर्यावरण संतुलन पर हमेशा बराबर ध्यान दिया है और आगे भी पूरा ध्यान रखेंगे। 

इसे भी पढ़ें: Rajnath Singh बोले- अमृत काल में नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा देश, युवाओं की होगी अहम भूमिका

रक्षा मंत्री ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के बाद, देशों ने सीखा कि कोई भी देश कितना भी बड़ा और विकसित क्यों न हो, अगर वह अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर नहीं है, तो उसे विकास में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत इथेनॉल, जैव ईंधन और संपीड़ित बायोगैस जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित कर रहा है। राजनाथ ने कहा कि देश इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन के उपयोग के माध्यम से डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह आवश्यक है कि हम राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में दूरगामी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अब तक हुआ कोल ब्लॉक्स का आवंटन, और आगे होने वाले आवंटनों के लिए चल रहा प्रक्रिया, इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गया महत्त्वपूर्ण कदम है।

इसे भी पढ़ें: India-Africa Army Chiefs’ Conclave: रक्षा मंत्री बोले- हमारी साझेदारी मित्रता, सम्मान और पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों पर आधारित

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज के जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण में हो रहा बदलाव एक वास्तविकता है, और इसे किसी भी दृष्टि से नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता हैI इसमें कोई शक नहीं है कि कोयला, एक प्रदूषणकारी ईंधन है, और मानव द्वारा लगातार इसका विकल्प खोजा जा रहा हैI हमारा प्रयास भी इस ओर जारी है। उन्होंने कहा कि अनेक देश ऐसे हैं जो भारत जैसे देशों को नसीहत देते हैं, कि कोयले के प्रयोग से पर्यावरण की सुरक्षा पर खतरा मँडराने लगा है; इसलिए बाकी देश कोयले के प्रयोग से बचें। इस चिंता को मैं चिंता नहीं, बल्कि जलवायु पाखंड के रूप में देखता हूँ। मैं अपने देश के संदर्भ में बात करूँ, तो हमारे यहाँ प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन शुरू से ही इन देशों की अपेक्षा काफी कम रहा है। यानी अपनी प्रगति की राह में भारत उन देशों में से एक रहा है, जिसने अपने विकास और पर्यावरण संतुलन पर बराबर ध्यान दिया है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़