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एप्स की सूची में पहले स्थान पर पहुंचा Signal एप ! डाउनलोड करने वालों की आई बाढ़
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 12, 2021 13:56
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सिग्नल एप को डाउनलोड करना बेहद आसान है और यह व्हाट्सएप की तरह की काम करता है। सिग्नल एप यूजर्स को End-to-end encryption की सुविधा देता है जिसका मतलब है कि सेंडर और रिसीवर के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति आपका मैसेज नहीं पढ़ सकेगा।
नयी दिल्ली। व्हाट्सएप (Whatsapp) को अपनी नई प्राइवेट पॉलिसी 2021 का काफी नुकसान हो रहा है। भारत समेत दुनियाभर के यूजर्स व्हाट्सएप का विकल्प तलाश कर रहे हैं। तो वहीं कुछ यूजर्स ने व्हाट्सएप को अनइंस्टॉल कर दिया है और बहुत से लोगों ने अनइंस्टॉल करने का मन बना लिया है। इसी बीच दुनिया के सबसे धनी उद्यमी एलन मस्क ने फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग की मुश्किलें बढ़ा दी है।
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बीते दिनों एलन मस्क ने सिग्नल ऐप इस्तेमाल करने की सलाह दी। जिसके बाद सिग्नल को डाउनलोड करने वालों की बाढ़ आ गई और यूजर्स को वेरिफिकेशन कोड हासिल करने में देरी होने लगी। एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा कि यूज सिग्नल (Use Signal)।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिग्नल एप में नए साइन अप्स करने वालों की संख्या में इजाफा देखा गया और सर्वर ओवरलोड हो गया। बता दें कि व्हाट्सएप ने अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है जिसकी वजह से यूजर्स की संख्या में गिरावट आ रही है। बताया जा रहा है कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी यूजर्स के निजी डेटा के लिए सुरक्षित नहीं है।Use Signal
— Elon Musk (@elonmusk) January 7, 2021
व्हाट्सएप की अगर नई पॉलिसी को यूजर 8 फरवरी तक एक्सेप्ट नहीं करता है तो उसका अकाउंट डिलीट हो जाएगा। ऐसे में यूजर को अपने अकाउंट को जारी रखने के लिए कंपनी की पॉलिसी को स्वीकृति देनी पड़ेगी। लेकिन आप घबराए नहीं अगर आप अभी इस पॉलिसी को स्वीकृति नहीं देते हैं तो भी आपका अकाउंट कुछ वक्त तक चलता रहेगा हालांकि बाद में वह बंद हो जाएगा।
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सिग्नल एप टॉप पर
एप्पल स्टोर के फ्री एप्स की लिस्ट में सिग्नल को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं, सिग्नल ने एक के बाद एक ट्वीट कर बताया था कि एप को भारत, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, हांगकांग और स्विट्जरलैंड में एप स्टोर पर फ्री एप्स की लिस्ट में पहला स्थान मिला है।
बता दें कि सिग्नल एप को डाउनलोड करना बेहद आसान है और यह व्हाट्सएप की तरह की काम करता है। सिग्नल एप यूजर्स को End-to-end encryption की सुविधा देता है जिसका मतलब है कि सेंडर और रिसीवर के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति आपका मैसेज नहीं पढ़ सकेगा।
Look at what you've done. 🇮🇳 pic.twitter.com/0YuqyZXtgP
— Signal (@signalapp) January 8, 2021
पेट्रोल, डीजल को GST के दायरे में लाने से भाव कम होकर 75 और 68 रुपए हो जाएगा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 4, 2021 19:03
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एसबीआई इकोनोमिस्ट ने कहा कि जीएसटी प्रणाली को लागू करते समय पेट्रोल, डीजल कोभी इसके दायरे में लाने की बात कही गई थी लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। पेट्रोल, डीजल के दाम इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत लाने से इनके दाम में राहत मिल सकती है।
मुंबई। पेट्रोल को यदि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाता है तो इसका खुदरा भाव इस समय भी कम होकर 75 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है। एसबीआई इकोनोमिस्ट ने बृहस्पतिवार को एक विश्लेषणात्मक रपट में यह बात प्रस्तुत की। केंद्र और राज्य स्तरीय करों और कर-पर-कर के भारत से भारत में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम दुनिया में सबसे उच्चस्तर पर बने हुये हैं।
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जीएसटी में लाने पर डीजल का दाम भी कम होकर 68 रुपये लीटर पर आ सकता है। ऐसा होने से केन्द्र और राज्य सरकारों को केवल एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा जो कि जीडीपी का 0.4 प्रतिशत है। यह गण्ना एसबीआई इकोनोमिस्ट ने की है जिसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम को 60 डालर प्रति बैरल और डालर- रुपये की विनिमय दर को 73 रुपये प्रति डालर पर माना गया है। वर्तमान में प्रतयेक राज्य पेट्रोल, डीजल पर अपनी जरूरत के हिसाब से मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाता है जबकि केन्द्र इस पर उत्पाद शुल्क और अन्य उपकर वसूलता है।इसके चलते देश के कुछ हिस्सों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये लीटर तक पहुंच गये हैं।ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों पर ऊंची दर से कर को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है जिसकी वजह से ईंधन महंगा हो रहा है।
एसबीआई इकोनोमिस्ट ने कहा कि जीएसटी प्रणाली को लागू करते समय पेट्रोल, डीजल कोभी इसके दायरे में लाने की बात कही गई थी लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। पेट्रोल, डीजल के दाम इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत लाने से इनके दाम में राहत मिल सकती है। उनका कहना है कि, ‘‘केन्द्र और राज्य सरकारें कच्चे तेल के उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की इच्छुक नहीं है क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों पर बिक्री कर, वैट आदि लगाना उनके लिये कर राजस्व जुटाने का प्रमुख स्रोत है। इस प्रकार इस मामले में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है जिससे कि कच्चे तेल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता है।’’
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कच्चे तेल के दाम और डालर की विनिमय दर के अलावा इकोनोमिस्ट ने डीजल के लिये परिवहन भाड़ा 7.25 रुपये और पेट्रोल के लिये 3.82 रुपये प्रति लीटर रखा है, इसके अलावा डीलर का कमीशन डीजल के मामले में 2.53 रुपये और पेट्रोल के मामले में 3.67 रुपये लीटर मानते हुये पेट्रोल पर 30 रुपये और डीजल पर 20 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से उपकर और 28 प्रतिशत जीएसटी की दर से जिसे केन्द्र और राज्यों के बीच बराबर बांटा जायेगा, इसी आधार पर इकोनोमिस्ट ने अंतिम मूल्य का अनुमान लगाया है।
इसमें कहा गया है कि सालाना डीजल के मामले में 15 प्रतिशत और पेट्रोल के मामले में 10 प्रतिशत की खपत वृद्धि के साथ यह माना गया है कि जीएसटी के दायरे में इन्हें लाने से एक लाख करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है।
सस्ता हुआ सोना, चांदी में भी आई भारी गिरावट; जानें क्या रही कीमतें?
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 4, 2021 17:31
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सोना बुधवार को 44,589 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। सोने ही तरह चांदी भी 1,217 नीचे खिसक कर 66,598 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी।
नयी दिल्ली। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव बृहसस्पतिवार को 217 रुपये नरम हो कर 44,372 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के अनुसार कोविड19 महामारी को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान तेज होने से बाजार में निवेशकों में जोखिम उठाने का मनोबल सुधरा है और वे निवेश के लिए सुरक्षित माने जाने वाले सोने की जगह दूसरी सम्पत्तियों पर दाव लगाने को प्रेरित हुए हैं। सोना बुधवार को 44,589 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। सोने ही तरह चांदी भी 1,217 नीचे खिसक कर 66,598 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी।
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एक दिन पहले भाव 67,815 पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा,‘रुपये की विनिमय दर में गिरावट के बावजूद दिल्ली बाजार में 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव 217 रुपये नीचे आना पिछले दिन में वायदा बाजार में इस धातु के भाव में आई गिरावट से प्रेरित है।’’ उन्होंने कहा कि कोविड की वैक्सीन से निवेशकों का मनोबल ऊंचा हुआ है और वे सोने की ओर से निकल कर दूसरे निवेशों में जोखिम उठाना चाहते हैं। इससे सोने की मांग कम हुई है। अंतरराष्ट्रीय बजाार में सोना थोड़ा चढ़कर 1,717 डालर प्रति औंस और चांदी भी थोड़ी कड़क हो कर 26.09 डालर प्रति औंस पर चल रही थी।
सेंसेक्स 598 अंक गिरकर 50,846 पर बंद, निफ्टी में भी गिरावट
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 4, 2021 17:18
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सेंसेक्स की कंपनियों में एचडीएफसी, एलएंडटी, एसबीआई, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व और एचडीएफसी बैंक के शेयर 2.62 प्रतिशत तक गिरे।सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 नुकसान के साथ बंद हुए।
मुंबई।अमेरिका में बांड में निवश की कमाई में उछाल से वैश्विक शेयर बाजारों में फिर बिकवाली का दौर शुरू होने का असर बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयरों पर भी दिखा और बीएसईएस30 सेंसेक्स करीब 599 अंक गिर गया। सेंसेक्स लगातार तीन दिन से चढ़ रहा था। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 905 अंक तक गिर गया था। उससे उबर कर अंतत: यह 598.57 अंक यानी 1.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,846.08 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी इसी तरह 164.85 अंक यानी 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,080.75 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में एचडीएफसी, एलएंडटी, एसबीआई, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व और एचडीएफसी बैंक के शेयर 2.62 प्रतिशत तक गिरे।सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 नुकसान के साथ बंद हुए।
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रिलायंस सिक्योरिटीज में रणनीति प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजार आज मुख्य रूप से कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण गिरावट में रहे। वित्तीय और धातु कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का जोर कुछ ज्यादा था। इसके विपरीत रोजमर्रा के उपभोक्ता सामान , औषधि और सूचना प्रौद्योगिकी वर्ग के सूचकांक कुछ हद तक टिके रह सके। दस साल की मियाद वाले अमेरिकी सरकारी बांड में निवेश पर कमाई की दर 0.06 प्रतिशत की तेजी ने निवेशकों को पशोपेश में डाल दिया।’’ इससे पहले पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स कुल मिला कर 2,344.66 अंक यानी 4.77 प्रतिशत और निफ्टी 716.45 अंक यानी 4.93 प्रतिशत बढ़ा था। शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने बुधवार को भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध आधार पर 2,088.70 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एशियाई बाजार भी बृहस्पतिवार को गिरावट में रहे। मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 11 पैसे गिरकर 72.83 प्रति डालर पर रहा। इस बीच, वैश्विक कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.16 प्रतिशत बढ़कर 64.73 डॉलर प्रति बैरल पर था।
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