कोरोना काल में खूब बिकी Paracetamol की यह टेबलेट, कंपनी की जमकर हुई कमाई
खबर के मुताबिक कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान डोलो की बिक्री जमकर हुई। अप्रैल 2021 में इसकी बिक्री 49 करोड़ के आसपास की हुई। दूसरी ओर एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के 20 महीने के दौरान डोलो की बिक्री 567 करोड रुपए की हुई है।
विश्व के साथ-साथ भारत भी कोरोना वायरस महामारी की चपेट में पिछले 2 साल से ज्यादा वक्त से है। कोरोना महामारी के दौर में देश में दवाइयों की बिक्री ने कई सारे रिकॉर्ड तोड़े। इन सब के बीच एक ऐसा टेबलेट भी है जो कोरोना महामारी के दौर में बिक्री के बंपर रिकॉर्ड बनाएं। टेबलेट है डोलो 650 एमजी। विभिन्न मीडिया पोर्टल पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान डोलो 650 की 350 करोड़ गोलिया बिक चुकी हैं। यह अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। इसके साथ ही यह आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि महामारी के दौर में इसकी डिमांड कितनी रही।
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खबर के मुताबिक कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान डोलो की बिक्री जमकर हुई। अप्रैल 2021 में इसकी बिक्री 49 करोड़ के आसपास की हुई। दूसरी ओर एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के 20 महीने के दौरान डोलो की बिक्री 567 करोड रुपए की हुई है। डोलो ने कई बड़ी दवाइयों को पीछे छोड़ दिया जिसमें क्रोसिन का भी नाम आता है। डॉक्टर की ओर से भी सबसे ज्यादा डोलो 650 ही प्रेस्क्राइब किया जा रहा था। 2021 में डोलो 307 करोड़ रुपए की बिक्री के साथ भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली बुखार और दर्द की दूसरी दवा बन गई है।
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नंबर वन पर जीएसके की कालपोल रही जिसकी बिक्री 310 करोड़ रुपए की हुई। क्रोसिन छठे नंबर पर रही। दिसंबर 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो डोलो 650 ने 28.9 करोड़ रुपए की टेबलेट बेची है जो कि दिसंबर 2020 के मुकाबले 61.45% ज्यादा है। डोलो 650 को पेरासिटामोल का दूसरा नाम दे दिया गया है। वर्ष 1973 में जीसी सुराणा द्वारा स्थापित माइक्रो लैब्स लिमिटेड डोलो 650 एमजी का प्रोडक्शन करती है। कंपनी में 9200 कर्मचैरा काम करते हैं जबकि टर्न ओवर 2700 करोड़ का है।
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