अदालत ने ट्राई से पूछा, टेलीविजन दर्शकों के नये शुल्क आदेश को टाला जा सकता है?

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से पूछा कि क्या वह टेलीविजन दर्शकों के लिये अपने 2020 के शुल्क आदेश के क्रियान्वयन को टाल सकता है। अदालत निर्माताओं, प्रसारकों और केबल परिचालकों की नये नियम के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
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ट्राई का 2020 नियमन और शुल्क आदेश एक मार्च से अमल में आने वाला है। न्यायाधीश अमजद सईद और न्यायाधीश अनुजा प्रभुदेसाई ने की पीठ ने कहा, ‘‘अंतरिम राहत के लिये विस्तार से दलीलें सुनने की जरूरत होगी। मामले में जटिल मुद्दों को देखते हुए सभी पक्षों को सुनना और दो दिन के भीतर आदेश देना संभव नहीं हो सकता।’’
पीठ ने कहा कि अतिरिक्त सोलिसीटर जनरल और ट्राई के वरिष्ठ वकील निर्देश लेकर बतायें कि क्या 2020 नियमन और शुल्क आदेश को टाला जा सकता है? अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिये 27 फरवरी की तारीख तय की है।
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टेलीविजन चैनल का निकाय इंडियन ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन, द फिल्म और टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड आफ इंडिया, जी इंटरटेनमेंट लि. और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया समेत कई प्रसारकों ने ट्राई के शुल्क आदेश को लेकर याचिकाएं दायकर की हैं। ट्राई ने एक जनवरी 2020 को नया शुल्क नियम जारी किया।
नये शुल्क आदेश के तहत ग्राहकों को ‘नेटवर्क कैपेसिटी फी चार्ज’ के रूप में 130 रुपये देने होंगे लेकिन वे 200 चैनल देख सकेंगे।वहीं पुरानी व्यवस्था के तहत 130 रुपये में ‘फ्री टू एयर चैनल’ उपलब्ध हैं तथा ग्राहकों को अतिरिक्त चैनलों के लिये और राशि देने की जरूरत पड़ती है।
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