ट्विटर ने जलवायु परिवर्तन पर विज्ञान का खंडन करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाई

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यह घोषणा पृथ्वी दिवस के अवसर पर यूरोपीय संघ के उस समझौते पर सहमत होने से कुछ घंटे पहले की गई, जिसमें बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए नफरती भाषण, दुष्प्रचार तथा अन्य हानिकारक सामग्री को लेकर अपनी साइट पर और अधिक बारीकी से नजर रखने की आवश्यकता बताई गई है।

बर्लिन| ट्विटर ने कहा है कि वह अब अपनी साइट पर उन विज्ञापनदाताओं को अनुमति नहीं देगा, जो जलवायु परिवर्तन पर वैज्ञानिक मत से असहमति रखते हैं।

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने गूगल की नीति की तर्ज पर यह फैसला लिया है। कंपनी ने शुक्रवार को अपनी नई नीति को रेखांकित करते हुए एक बयान में कहा, विज्ञापनों को जलवायु संकट के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा से अलग नहीं होना चाहिए।

इस बात का कोई संकेत नहीं है कि क्या यह बदलाव सोशल मीडिया साइट पर उपयोगकर्ताओं द्वारा की जाने वाली टिप्पणियों को प्रभावित करेगा। ट्विटर और फेसबुक को ऐसे समूहों द्वारा निशाना बनाया जाता रहा है जो जलवायु परिवर्तन के बारे में भ्रमक दावों को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं।

यह घोषणा पृथ्वी दिवस के अवसर पर यूरोपीय संघ के उस समझौते पर सहमत होने से कुछ घंटे पहले की गई, जिसमें बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए नफरती भाषण, दुष्प्रचार तथा अन्य हानिकारक सामग्री को लेकर अपनी साइट पर और अधिक बारीकी से नजर रखने की आवश्यकता बताई गई है।

ट्विटर ने कहा कि वह आने वाले महीनों में इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेगी कि वह अपने उपयोगकर्ताओं और जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति के संदर्भ में जलवायु वार्तालाप के लिए विश्वसनीय, आधिकारिक संदर्भ प्रदान करने की उसकी क्या योजना है।

कंपनी के पास पहले से ही अपनी साइट पर एक समर्पित जलवायु विषय है और जलवायु परिवर्तन को लेकर भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए पिछले साल के संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान इसे प्री-बंक्स के रूप में वर्णित किया गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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