भारतीय क्रिकेटरों के लिए हलाल मांस भेजने की सिफारिश पर मचा बवाल, BCCI पर उठे सवाल

BCCI

भारतीय क्रिकेटरों के लिये हलाल मांस भेजने की सिफारिश करने पर बीसीसीआई कटघरे में आ गई है।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और एडवोकेट गौरव गोयल ने इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) मंगलवार को तब विवादों से घिर गया जब पता चला कि न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में पहले टेस्ट मैच के दौरान भारतीय क्रिकेटरों के लिये केवल ‘हलाल’ मांस की सिफारिश की गयी है। भारतीय क्रिकेटरों के लिये जो व्यंजन सूची (मेन्यू) तैयार किया गया है, उसकी एक प्रति पीटीआई के पास भी है। इसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि पोर्क (सूअर का मांस) और बीफ (गौमांस) किसी भी रूप में भोजन का हिस्सा नहीं होने चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और एडवोकेट गौरव गोयल ने इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की है। गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी वीडियो में कहा, ‘‘खिलाड़ी कुछ भी खाना चाहते हैं वह खायें, यह उनकी मर्जी है लेकिन बीसीसीआई को यह अधिकार किसने दिया है वह ‘हलाल’ मांस की सिफारिश करे।’’

इसे भी पढ़ें: चुनाव लड़ने को तैयार पी वी सिंधू, BWF एथलीट आयोग में होंगी शामिल

उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला सही नहीं है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।’’ इस संबंध में जब पीटीआई ने बीसीसीआई के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया तो कोई भी प्रतिक्रिया देने के लिये तैयार नहीं था। माना जा रहा है कि भोजन की यह सूची खिलाड़ियों के पोषण को ध्यान में रखते हुए सहयोगी स्टॉफ और चिकित्सा दल ने तैयार की है। हिंदू और सिख अमूमन ‘झटका’ वाला मांस जबकि मुस्लिम ‘हलाल’ मांस खाना पसंद करते हैं। हलाल में जानवर के गले की नस को काटकर तब तक छोड़ दिया जाता है जब तक कि उसका पूरा खून नहीं निकल जाए। झटका में जानवर के गर्दन पर तेज धारदार हथियार से वार करके उसे तुरंत मार दिया जाता है। एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि सूअर का मांस और गौमांस को भोजन सामग्री में शामिल नहीं करना आश्चर्यजनक नहीं हैं लेकिन इस बारे में कभी लिखित निर्देश नहीं दिये गये। इस क्रिकेटर ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘जब मैं टीम में था तो मैच के दिनों में कभी ड्रेसिंग रूम में गौमांस या सूअर का मांस नहीं भेजा गया। भारत में तो कम से कम कभी नहीं।

इसे भी पढ़ें: क्यूबा की महिला ने डिएगो माराडोना पर लगाया गाली-गलौज और बलात्कार का आरोप

इसलिए मुझे नहीं लगता कि लिखित निर्देश देने के अलावा इसमें कुछ भी नया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले कि कोई इसका कुछ अर्थ लगाये, क्रिकेटरों को कभी गौमांस खाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इसमें बकरे के मांस की तरह काफी मात्रा में वसा होती है। हमें हमेशा कम प्रोटीनयुक्त भोजन करने की सलाह दी जाती रही जैसा कि मुर्गे के मांस या मछली में होता है।’’ व्यंजन सामग्री में दो तरह के मांस का जिक्र किया गया है। चिकन (मुर्गे का मांस) और भेड़ का मांस। सूचीबद्ध मांसाहारी भोजन में भुना हुआ चिकन, भेड़ का भुना हुआ मांस, काली मिर्च सॉस के साथ भेड़ के मांस के चॉप, मुर्ग यखनी, चिकन थाई करी, मसालेदार ग्रील्ड चिकन, गोवा मछली करी, टंगड़ी कबाब और लहसुन की चटनी के साथ तला हुआ चिकन शामिल हैं। श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच गुरुवार से कानपुर में शुरू होगा जबकि दूसरा मैच तीन दिसंबर से मुंबई में खेला जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़