क्षेत्ररक्षण का फैसला करके भारत ने सकारात्मक मानसिकता नहीं दिखाई: शास्त्री

 Ravi Shastri
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भारत ने अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में जगह नहीं दी और चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया। पिच पर घास होने और बादल छाए रहने के कारण भारत ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया। उसका यह फैसला सही साबित नहीं हुआ।

लंदन। भारत के रक्षात्मक रवैए से निराश पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला करके सकारात्मक मानसिकता नहीं दिखाई। भारत ने अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में जगह नहीं दी और चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया। पिच पर घास होने और बादल छाए रहने के कारण भारत ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया। उसका यह फैसला सही साबित नहीं हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने ट्रेविस हेड (नाबाद 146) और स्टीव स्मिथ (नाबाद 95) के बीच चौथे विकेट के लिए 251 रन की अटूट साझेदारी की मदद से पहले दिन तीन विकेट पर 327 रन बनाए।

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शास्त्री ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद आईसीसी से कहा,‘‘ पहले दिन जो हुआ वह टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने की मानसिकता से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप चार तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के साथ उतरे।’’ उन्होंने कहा,‘‘ अगर मानसिकता सकारात्मक होती तो आप पहले बल्लेबाजी का फैसला करते। पहला सत्र संभल कर खेलते और फिर देखते कि क्या आप दिन में 250 रन तक पहुंच सकते हो। बहुत बड़े स्कोर के बारे में नहीं सोचते और अगर परिस्थितियां बेहतर होती और पहला सत्र अच्छा निकल जाता तो आप इससे भी बड़ा स्कोर बना सकते थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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