दिल्ली पुलिस ने फर्जी निवेश योजना का किया भंडाफोड़, 150 लोगों को ठगने के आरोपी को गिरफ्तार किया

दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन पोंजी घोटाले को अंजाम देने के आरोप में राजस्थान के 31 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस घोटाले में फर्जी निवेश पर अधिक मुनाफे का वादा करके कम से कम 150 लोगों को ठगा गया था।
दिल्ली में फर्जीवाडा करने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गयी है। आम इंसान एक माममू से मदद लेने में भी दूसरे से कतराने लगा है। ऐसे में एक बार फिर से एक ऑनलाइन पोंजी घोटाले की खबर सामने आयी हैं। दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन पोंजी घोटाले को अंजाम देने के आरोप में राजस्थान के 31 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस घोटाले में फर्जी निवेश पर अधिक मुनाफे का वादा करके कम से कम 150 लोगों को ठगा गया था।
इसे भी पढ़ें: Tarak Mehta Ka Ooltah Chashmah | तारक मेहता का उल्टा चश्मा में दयाबेन करेंगी वापसी, निर्माता असित मोदी ने की पुष्टि
'डॉलर विन एक्सचेंज’ नामक एक फर्जी निवेश मंच
आरोपी की पहचान विनोद कुमार के रूप में हुई है। उसे सोमवार को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से गिरफ्तार किया गया। पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम. हर्षवर्धन ने एक बयान में कहा, ‘‘कुमार को दिल्ली के एक व्यक्ति द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार किया गया। शिकायत में कहा गया था कि ‘डॉलर विन एक्सचेंज’ नामक एक फर्जी निवेश मंच ने उसके साथ 19 लाख रुपये की ठगी की है।’’
इसे भी पढ़ें: जल्द सीट बंटवारे पर फोकस, पिछली गलतियों से सबक... खड़गे-तेजस्वी की बैठक पर इन मुद्दों पर रहा जोर
शिकायतकर्ता को सोशल मीडिया वीडियो के जरिए इस योजना की जानकारी मिली थी, जिसमें हर महीने 28 प्रतिशत तक मुनाफे का वादा किया गया था। इसके बाद उन्हें और उनकी पत्नी को ‘मैसेजिंग ग्रुप’ में जोड़ा गया और शुरुआत में उन्हें छोटे-छोटे मुनाफे मिले, जिससे वे बड़ी रकम निवेश करने के लिए प्रोत्साहित हुए। हालांकि, जल्द मुनाफा मिलना बंद हो गया, जिससे धोखाधड़ी का पता चला। टीम ने बैंक खाते के लेन-देन और कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया।
मल्टी-लेवल मार्केटिंग के अनुभव का इस्तेमाल करके बनाया फर्जी निवेश मंच
बयान में कहा गया है कि जांच के दौरान कुमार के दो बैंक खातों का पता चला, जहां पीड़ितों से लिए गए पैसे जमा किए गए थे। पूछताछ के दौरान कुमार ने कबूल किया कि उसने सहकारी समिति में अपनी पिछली नौकरी और मल्टी-लेवल मार्केटिंग के अनुभव का इस्तेमाल करके फर्जी निवेश मंच की शुरुआत की। ‘क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग’ में नुकसान उठाने के बाद उसने इस घोटाले की योजना बनाई और प्रिंस नाम के एक व्यक्ति के साथ मिलकर एक फर्जी वेबसाइट बनाई।
घोटाले के पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में फिर से निवेश किया
डीसीपी ने कहा कि आरोपी ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए कई मोबाइल नंबरों और ऑनलाइन समूहों का इस्तेमाल किया और घोटाले के पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में फिर से निवेश किया। बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि घोटाले से संबंधित आपत्तिजनक चैट और वीडियो वाले दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि अधिक से अधिक पीड़ितों का पता लगाने और उसके अन्य संभावित साथियों का खुलासा करने के प्रयास जारी हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।
अन्य न्यूज़













