क्या वर्ल्ड कप के लिए भारत के मिस्टर भरोसेमंद बन रहे हैं केदार जाधव ?

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हैदराबाद वनडे में जीत के हीरो केदार जाधव रहें जिन्होंने शानदार अर्धशतकीय पारी खेलते हुए टीम को मुश्किल से उबारा और झोली में जीत डाली। लेकिन इसके साथ सवाल यह है कि क्या केदार जाधव के रूप में भारतीय टीम को मिस्टर भरोसेमंद मिल गया है।

इंग्लैंड में आयोजित होने वाले वर्ल्ड कप के लिए जैसे ही दिन नजदीक आ रहे है। टीम इंडिया के चयनकर्ताओं की मुश्किल और ज्यादा बढ़ती जा रही है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में वनडे सीरीज जीतने के बाद अपने घर में टीम इंडिया कंगारूओं के खिलाफ पहला वनडे जीत चुकी है। भारत के लिए इस मैच में टॉप आर्डर फ्लॉप रहा। लेकिन इस बीच भारतीय टीम के लिए खुशखबरी मध्य क्रम की वजह से जीत हासिल करना रहा। हैदराबाद वनडे में जीत के हीरो केदार जाधव रहें जिन्होंने शानदार अर्धशतकीय पारी खेलते हुए टीम को मुश्किल से उबारा और झोली में जीत डाली। लेकिन इसके साथ सवाल यह है कि क्या केदार जाधव के रूप में भारतीय टीम को मिस्टर भरोसेमंद मिल गया है, जिससे वह वर्ल्ड कप में एक फिनिशर की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दे सकें। केदार की इस पारी से क्या कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री की उम्मीद बढ़ चली है कि यही वो खिलाड़ी है जो इंग्लैंड के हालात में मैच का रूख भारत की झोली में डाल पाएगा।

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दबाव में भी संयम से बल्लेबाजी करना जानते हैं केदार जाधव

हैदराबाद में हुए पहले वनडे मैच में केदार जाधव का बल्ला भी जमकर गरजा। केदार जाधव ने मैच में 87 गेंदों में 9 चौके और 1 छक्के की मदद से शानदार नाबाद 81 रन बनाए। जाधव ने मैच में धोनी से तेज बल्लेबाजी की और टीम इंडिया को जीत दिलाकर नाबाद लौटे। एक वक्त पर टॉप ऑर्डर के बिखरने से परेशानी में पड़ने वाली टीम इंडिया को जाधव ने संभाला और धोनी के साथ मिलकर शानदार बल्लेबाजी की। धोनी और जाधव के बीच मैच में पांचवें विकेट के लिए नाबाद 141 रन की साझेदारी हुई। जाधव के इस शानदार प्रदर्शन की वजह से ही उन्हें पहले वनडे में मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। साफ है जाधव टीम इंडिया के नए सूरमा हैं जो विरोधी टीम को लगातार परेशान करते रहते हैं। जाधव के हाथ में जब गेंद आती है तो वो भारत को ब्रेक थ्रू दिलाते हैं। वहीं जब बल्ला लेकर मैदान पर उतरते हैं तो टीम इंडिया की झोली में सिर्फ जीत डालते हैं। इससे पहले भी जाधव साबित कर चुके हैं कि क्यों कप्तान कोहली और टीम मैनेजमेंट का भरोसा उन पर हमेशा से ज्यादा रहा है। कंगारू सरजमीं पर शानदार प्रदर्शन करने वाले जाधव ने भारत में भी अपना जलवा दिखाया। वहीं उन्होंने ये भी साबित कर दिया कि वो किसी भी हालत में टीम को मैच जिताना जानते हैं।

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जाहिर है धोनी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बल्लेबाजी करने वाले केदार जाधव अपनी कामयाबी का श्रेय भारतीय टीम के पूर्व कप्तान को देते हैं। केदार जाधव ने पहले वनडे में शानदार प्रदर्शन के बाद कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया में भी धोनी के साथ मैंने ऐसी ही साझेदारी की थी। जब दूसरे छोर पर माही भाई मौजूद होते हैं तो ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। जब मैं शॉट खेलने की कोशिश करता हूं तो धोनी मुझे जरूरत के अनुसार टिककर खेलने की सलाह देते हैं।' बल्लेबाजी के साथ जाधव गेंदबाजी में भी टीम इंडिया की काफी मदद करते हैं, जिसकी वजह से वो भारतीय टीम के लिए काफी फायदे का सौदा हो सकते हैं। इसके अलावा जाधव किसी भी वक्त तेज रफ्तार से रन बनाना जानते हैं। टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर के फेल होने की वजह से अगर वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी पर दबाव बढ़ जाता है तो केदार जाधव तेजी से रन बनाकर मैच में भारत को आगे ला सकते हैं। जाधव मैच को काफी खूबसरती से नजदीक तक लेकर जाते हैं और बिना किसी दबाव के मुकाबला खत्म कर लौटे हैं।

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साफ है केदार जाधव का मौके की नजाकत को भांपकर बल्लेबाजी करना उनकी सबसे बड़ी ताकत है। वो एक स्मार्ट क्रिकेटर की तरह मैच बनाना भी जानते हैं। जाधव का ये अंदाज उन्हें टीम इंडिया का सबसे खास खिलाड़ी बनाता है साथ ही ये भी बताता है कि इस टीम में वो ही छठे नंबर पर सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं। जाहिर है वर्ल्ड कप अब ज्यादा दूर नहीं है और टीम इंडिया को केदार जाधव को लगातार मौके देने होंगे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब सिर्फ चार वनडे मैच बचे हैं और केदार जाधव का सभी मैचों में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है। क्योंकि विराट कोहली के साथ टीम मैनेजमेंट भी जानते हैं कि अगर जाधव का हरफनमौला प्रदर्शन इसी तरह से इंग्लैंड में भी जारी रहा तो भारत को तीसरी बार वर्ल्ड कप खिताब जीतने से कोई नहीं रोक सकता है।

-दीपक कुमार मिश्रा

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