साक्षात्कारः जनसंख्या नियंत्रण के लिए शीघ्र कानून चाहते हैं यति नरसिम्हा सरस्वती महाराज

Yati Narsimha Maharaj

हिंदुत्व अंश को बचाना है। मैंने केंद्र सरकार के समक्ष तत्काल प्रभाव से जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की मांग रखी है। अगर इस मसले पर जल्द कोई फैसला नहीं हुआ तो अगले चार-पांच दशकों में स्थिति इतनी गंभीर हो जाएगी, जिसकी हम कल्पना तक नहीं कर सकते।

बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि मौजूदा समय की सबसे बड़ी समस्या है। इससे कई तरह की दिक्कतें पैदा होती जा रही हैं। देश में अब उतने संसाधन नहीं बचे जिससे आबादी को खपाया जा सके। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जब भी कोई आवाज़ बुलंद करता है तो उसे धर्म-समुदाय की बेड़ियों में जकड़ कर चुप करा दिया जाता है। बीते दिनों जनसंख्या पर कानून बनाने को लेकर अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक व प्रसिद्ध धर्मगुरु यति नरसिम्हा राव सरस्वती महाराज अनशन पर बैठे। उन्होंने केंद्र सरकार को आगाह किया है कि जनसंख्या के नियंत्रण को लेकर समय रहते अगर कोई कदम नहीं उठाया गया, तो स्थिति विकराल हो जाएगी? तमाम मसलों पर डॉ. रमेश ठाकुर ने यति नरसिम्हा राव सरस्वती महाराज से विशेष बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से। 

प्रश्न- जनसंख्या नियंत्रण को लेकर आपके द्वारा छेड़े गये आंदोलन का क्या मकसद है?

उत्तर- मकसद साफ है। हिंदुत्व अंश को बचाना है। मैंने केंद्र सरकार के समक्ष तत्काल प्रभाव से जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की मांग रखी है। अगर इस मसले पर जल्द कोई फैसला नहीं हुआ तो अगले चार-पांच दशकों में स्थिति इतनी गंभीर हो जाएगी, जिसकी हम कल्पना तक नहीं कर सकते। स्थिति ऐसी होनी वाली है, लोग एक-एक गज जमीन के लिए एक-दूसरे का कत्ल करने से भी नहीं चूकेंगे। जिन्हें हम आज अल्पसंख्यक कहते हैं वह पूरी मैजॉरिटी में होंगे। ऐसा भी संभव है कि हिंदु अपने ही देश में अल्पसंख्यक कहलाएंगे। समय रहते अगर ये समस्या नहीं रोकी गई तो परिणाम गंभीर होंगे?

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प्रश्न- आरएसएस प्रमुख भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर कर चुके हैं?

उत्तर- बिल्कुल। उन्होंने भी सरकार से आगाह किया है कि जनसंख्या को नियंत्रण किया जाए, संसद में बिना देरी किए बहस हो और कानून बनाने का रास्ता साफ हो। उनके अलावा हर पढ़ा-लिया इंसान इस समस्या को रोकने की वकालत करता है। मैं धन्यवाद देना चाहूँगा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का जिन्होंने कम से कम इस मसले पर हवा बनाई है। लोगों को चेताया। जनसंख्या असंतुलन को दूर करना समय की मांग है। 

प्रश्न- आपने ‘धर्म जगाओ, अस्तित्व बचाओ' अभियान भी चलाया है?

उत्तर- ‘धर्म जगाओ, अस्तित्व बचाओ' अभियान का श्री गणेश देवों की भूमि उत्तराखंड से शुरू किया है। मकसद केंद्र सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग की है। हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन भी किया गया था जिसमें देशभर के बड़े संत और महात्माओं ने हिस्सा लिया था। देखिए, जनसंख्या को प्लानिंग के तहत बढ़ाया जा रहा है जिसे हमको समझने की जरूरत है। उसी को लेकर हमने केंद्र सरकार का ध्यानाकर्षित कराया। देश के सभी धर्म गुरु इस अभियान में जुड़ रहे हैं। सभी को समर्थन करना चाहिए।

प्रश्न- जनसंख्या बढ़ोतरी को लेकर आपका इशारा किसकी तरफ है?

उत्तर- बताने की शायद जरूरत नहीं है, सभी को पता है। केरल में हिंदुओं की आबादी एकदम खत्म हो गई है। हम भारत को इस्लामिक देश नहीं बनने देंगे। हमें मुसलमानों से दिक्कत नहीं है, उनके साथ हम सदियों से साथ रहते आए हैं, अब भी साथ हैं। लेकिन इनके बीच कुछ लोगों के भीतर पनपती दुर्दांत सोच से हमें दिक्कत है। कुछ वीडियो अभी हाल में दारूल इस्लाम और और कुछ मौलवियों द्वारा जारी किए हैं जिनमें वह साफ कह रहे हैं कि जितनी तेजी से मुसलमानों की संख्या बढ़ेगी, उतनी जल्दी हम भारत पर कब्ज़ा करके इस्लामिक देश बना पाएंगे। मुझे लगता है उनकी ऐसी बातें सुनकर मेरा क्या, प्रत्येक हिंदु का खून खौल उठेगा। दरअसल, हमें उनकी दूरगामी प्लानिंग को समझना होगा। मैं यह बात भी कहता हूं कि सभी मुसलमानों की सोच एक जैसी नहीं है। कई मुसलमान अब भाईचारे के साथ रहना पसंद करते हैं। उन्हें भारत की मिट्टी से प्यार है।

प्रश्न- लोकतांत्रिक देश में ऐसा करना मुश्किल होगा?

उत्तर- जब लोक नहीं बचेगा, तो तंत्र का क्या होगा। लोकतंत्र इस वक्त खतरे में है। देश में हिन्दुओं की जनसंख्या का अनुपात यदि इसी तरह कम होता रहा तो बहुत जल्दी यह देश मुस्लिम बाहुल्य हो जाएगा और तब यहां न तो धर्मनिरपेक्षता बचेगी और न ही लोकतंत्र। उसके बाद संपूर्ण विश्व में हिन्दुओं का समूह विनाश हो जाएगा। आज वोट बैंक की राजनीति के कारण भारत सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई कानून नहीं बना रही है। ऐसे में फिर एक रास्ता बचता है जो वो करेंगे वैसा ही तुम करो। मतलब, हिंदुओं को भी अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए ताकि उनका अस्तित्व तो जिंदा रह सके। 

प्रश्न- ये बड़ा पेचीदा मुद्दा है, आपको परेशानियां भी हो सकती हैं?

उत्तर- एक संत-फकीर को किससे डरना। डरे वो जो गलती करे, भ्रष्टाचार करता हो, कुकर्मी और अधर्मी डरेंगे। हम भला क्यों किसी से डरें? काफी समय से धर्म प्रचार में कमी आई है। कोई भी अपने धर्म की रक्षा के लिए आगे नहीं आ रहा है। जो धर्म प्रचार करते थे उन्हें जेल में डाल दिया गया है। मैं ऐसे लोगों में चेतना जगाने का काम करता हूं जिनकी सोच पर दूसरी सोच हावी हो चुकी है। राममंदिर निर्माण के लिए मेरी संस्था ने बड़ा मूवमेंट चलाया था। मैं धन्यवाद देना चाहूंगा सुप्रीम कोर्ट का जिन्होंने मसले का हल निकाला। वरना, सियासत आगे पता नहीं कितनी और खिंचती। मैंने हमेशा गलत नीतियों को कटघरे में खड़ा किया है और आगे भी करता रहूंगा। 

डॉ. रमेश ठाकुर

-जैसा रमेश ठाकुर से बातचीत में यति महाराज ने कहा।

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