नाग पंचमी पर शिव जी तथा नाग देवता की पूजा से मिलता है विशेष फल

Nag Panchami

नाग पंचमी विशेष पर्व है इसलिए इस कुछ बातों का खास ख्याल रखें। सबसे पहले इस दिन नागों को दूध नहीं पिलाना चाहिए। दूध पिलाने से उनके शरीर में जहर फैल जाता है जिससे उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में आपको पाप लग सकता है।

आज नाग पंचमी है। सावन महीने में आने वाले नाग पंचमी का हिन्दू धर्म में खास महत्व होता है, तो आइए हम आपको नाग पंचमी के महत्व तथा पूजा विधि के बारे में बताते हैं।

जानें नाग पंचमी के बारे में 

पवित्र सावन महीने की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी मनायी जाती है। नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के साथ नागदेव की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

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नाग पंचमी पर रखें ये सावधानी 

नाग पंचमी विशेष पर्व है इसलिए इस कुछ बातों का खास ख्याल रखें। सबसे पहले इस दिन नागों को दूध नहीं पिलाना चाहिए। दूध पिलाने से उनके शरीर में जहर फैल जाता है जिससे उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में आपको पाप लग सकता है। साथ ही चूल्हे पर तवा चढ़ाना, लोहे की कढ़ाही चढ़ाना, मिट्टी खोदना तथा सुई में धागा डालना भी अच्छा नहीं माना जाता है।

नाग पंचमी पर पूजा से दूर हो जाता है कालसर्प दोष 

इस वर्ष नाग पंचमी का पर्व कुछ खास नक्षत्र में पड़ रहा है। इस साल नाग पंचमी उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के प्रथम चरण के दुर्लभ योग में पड़ रही है। इस योग में कालसर्प दोष की मुक्ति के लिए की गयी पूजा का विशेष महत्व होता है। 

नाग पंचमी पर नाग देखना होता है शुभ 

भविष्य पुराण के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देखना शुभ माना जाता है। इसलिए लोग अपने घरों में नाग देवता की प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं। 

नाग पंचमी की पौराणिक कथा 

नाग पंचमी से जुड़ी कई लोक कथाएं प्रचलित हैं। उन लोक कथाओं में से एक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्‍ण को मारने के लिए उनके मामा कंस कालिया नाम का एक नाग भेजा था। कालिया नाग श्रीकृष्ण को मारने के लिए यमुना नदी में बैठा था। उसी श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ यमुना किनारे गेंद खेलने आए। खेल के दौरान जब गेंद यमुना के पानी में गिर गयी तो उसे लेने के लिए भगवान यमुना नदी में उतरे। कालिया नाग पहले से ही आक्रमण की तैयारी में बैठा था। इसलिए नदी में श्रीकृष्ण के उतरते ही उसने हमला कर दिया। लेकिन श्रीकृष्ण के सामने वह हार गया और उसने भगवान से माफी मांगी। तब कृष्ण जी उसे क्षमा कर दिया और गांव से हमेशा के लिए जाने को कहा। इस प्रकार कालिया नाग पर श्रीकृष्ण की विजय के उपलक्ष्य में भी नाग पंचमी मनायी जाती है।

जानें नाग पंचमी का महत्‍व 

नाग देवता को भगवान शिव के गले का हार तथा श्री विष्णु की शैय्या माना जाता है। इसलिए हिन्दू धर्म में नाग देवता को पूजनीय माना जाता है। साथ ही सावन में वर्षा की अधिकता के कारण अक्सर बिलों में पानी भर जाता है, इससे सांप बाहर निकल जाते हैं। नाग बाहर निकल कर किसी को नुकसान न पहुंचाएं इसके लिए नाग पंचमी के दिन उनकी पूजा की जाती है। इसके अलावा पंडितों का मानना है कि कुंडली दोष दूर करने के लिए भी नाग पंचमी का विशेष महत्व है।

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ऐसे करें नाग पंचमी की पूजा 

हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है, इस अवसर पर नाग देवता की खास पूजा आप ईश्वर को प्रसन्न कर सकते हैं। नाग पंचमी के दिन प्रातः घर की साफ-सफाई कर घर के दरवाजे के पास गोबर से नाग बना लें। उसके बाद मन में व्रत का संकल्प ले कर उन्हें बैठने के लिए आह्वान करें। श्रद्धा पूर्वक नाग देवता को चंदन, पुष्प तथा जल का अघर्य देकर पूजा करें। घर में चीनी, शहद, दूध, दही और घी मिलाकर पंचामृत बना लें उसी से नाग देवता की प्रतिमा को स्नान कराएं। विधिपूर्वक स्नान के बाद प्रसाद के रूप में लड्डू तथा मालपुए चढ़ा सकते हैं। भोग के बाद मौसमी फल और पान का पत्ता चढ़ा कर आरती करें। नाग पंचमी की शाम को नाग देवता की पूजा कर फलाहार ग्रहण करें।

प्रज्ञा पाण्डेय

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