रात को एक्टिव होते हैं यूरिक एसिड के ये 4 लक्षण, गलती से भी नजरअंदाज न करें!

uric acid
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यूरिक एसिड एक प्रकार का रसायन है जो शरीर में पाया जाता है। यह प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने से बनता है, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं और कुछ खाद्य पदार्थों में भी होते हैं। हालांकि, कई बार परेशानी जब आती है इसकी मात्रा अधिक हो जाए। इन लक्षणों को जरुर पहचाने नहीं तो आपको भी हो बढ़ते यूरिक एसिड की समस्या हो जाएगी।

हमारे बॉडी में पहले से ही यूरिक एसिड नाम का रसायन मौजूद रहता है। आपको बता दें कि, यह प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने से बनता है। वैसे तो कुछ खाने की पदार्थों में यूरिक एसिड होता है। हालांकि, किडनी इसे फिल्टर करके बाहर कर देती है। जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो शरीर में कई सारी परेशानियां उत्पन्न होने लगती है। बढ़ते हुए यूरिक एसिड को हल्के में न लें। कई बार तो इसके लक्षण सिर्फ रात में ही नजर आते हैं। यह लक्षण रात को उठते-बैठते समय परेशान करते हैं। अगर रात को आपको ये लक्षण नजर आते हैं, तो इन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए।

रात में जोड़ों का दर्द होना

जब हाई यूरिक एसिड होता है तो जोड़ों में तेज दर्द होता है। आमतौर पर रात के समय यह दर्द तेज हो जाता है। शरीर में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड, शरीर के जोड़ों, जैसे कि पैर के अंगूठे, एड़ी, टखने और घुटने में क्रिस्टल्स के रुप में जमा हो जाता है। जिससे जोड़ों में तेज और चुभने वाला दर्द बना रहता है। इस दर्द से कई बार तो नींद टूट जाती है।

जोड़ों में अकड़न और सूजन

हाई यूरिक एसिड में दर्द तो होता है, लेकिन जोड़ें में सूजन, रेडनेस और गर्माहट पैदा हो जाती है। रात में एक ही पोजीशन में लेटे रहने से जोड़ों में ब्लड फ्लो भी प्रभावित होता है जिससे शरीर में अकड़न बढ़ जाती है। सुबह के समय जोड़ों को हिलाने-डुलाने में काफी दिक्कत होती है। जिससे सूजन भी देखने को मिलती है।

बार-बार पेशाब आना

जब हाई यूरिक एसिड की समस्या बढ़ जाती है तो इसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है। यूरिक एसिड बढ़ने से किडनी पर दबाब अधिक पड़ने लगता है। क्योंकि यह इसे फिल्टर करने और शरीर से बाहर निकालने की कोशिश करता है। रात को समय बार-बार यूरिन आती है। लेकिन इस दौरान पेशाब की मात्रा कम हो जाती है, ऐसा लगता है कि ब्लैडर अभी पूरी तरह से खाली नहीं हुआ।

रात को बेचैनी बढ़ना और पसीना आना

रात के समय बॉडी में इंफ्लेमेशन और लगातार बना रहने वाला दर्द शरीर के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इस वजह से लोगों को रात समय पसीना अधिक आता है और बेचैनी बढ़ जाती है। 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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