मां बनने की है इच्छा तो इन फूड्स को कहें नो

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Prabhasakshi
मिताली जैन । Nov 1 2022 11:31AM

अगर आप प्रेग्नेंट होने की इच्छा रखती हैं तो यह बेहद जरूरी है कि आप हाई शुगरी फूड्स का सेवन करने से बचें। चीनी सूजन और ग्लाइकेशन का कारण बनती है, जो हमारे अंगों को नुकसान पहुंचाती है और सेल्स को डैमेज करती हैं।

एक महिला का मां बनना कई कारकों पर निर्भर करता है और इनमें से एक बेहद महत्वपूर्ण कारक है आहार। आप जिस तरह का भोजन करती हैं, उसका एक गहरा प्रभाव संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है। फिर बात चाहे फर्टिलिटी की ही क्यों ना हो। कई बार महिलाएं अनजाने में ऐसे फूड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना लेती हैं, जो उनकी फर्टिलिटी पर बुरा असर डाल सकते हैं। जिसके कारण वह चाहकर भी पैरेंट्स होने का सुख नहीं पाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में बता रहे हैं-

हाई शुगरी फूड्स

अगर आप प्रेग्नेंट होने की इच्छा रखती हैं तो यह बेहद जरूरी है कि आप हाई शुगरी फूड्स का सेवन करने से बचें। चीनी सूजन और ग्लाइकेशन का कारण बनती है, जो हमारे अंगों को नुकसान पहुंचाती है और सेल्स को डैमेज करती हैं। सोडा सहित एनर्जी ड्रिंक आदि में शुगर काफी अधिक होता है। शोध से पता चलता है कि शुगरी पेय पदार्थ महिला ही नहीं, बल्कि पुरुषों की भी प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। जिससे महिला के लिए कंसीव करना काफी मुश्किल हो जाता है।

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हाई कार्ब फूड्स

हाई कार्ब फूड्स जैसे पास्ता, अनाज, ब्रेड, आलू, आदि का सेवन करना आपकी फर्टिलिटी के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। यह सच है कि हमारी शरीर को एनर्जी के लिए कार्ब्स की जरूरत होती है। लेकिन कार्ब में मौजूद शुगर में टूट जाती है। यह रक्त शर्करा में एक स्पाइक का कारण बनते हैं, जो सूजन पैदा कर सकते हैं और हार्मोन संतुलन को प्रभावित कर सकता है। यह ओव्यूलेशन को बाधित कर सकता है और प्रजनन क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए सिंपल कार्ब की जगह कॉम्पलेक्स कार्ब लें। साथ ही, कार्ब के साथ फाइबर रिच फूड अवश्य खाएं।

लो-फैट डेयरी फूड

शोध से पता चलता है कि लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स अक्सर महिलाओं में इनफर्टिलिटी की वजह बन सकता है। जब डेयरी प्रोडक्ट्स से फैट हटा दिया जाता है, तो इससे महिलाओं में पीसीओएस और बांझपन का खतरा बढ़ता है। एक अध्ययन ने पता चला कि हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स ओव्यूलेशन की कमी के कारण बांझपन के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।  

- मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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