दादी-नानी के अजमाएं नुस्खें से शिशु पड़ सकता है बीमार, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

दादी-नानी के पारंपरिक नुस्खे, खासकर शहद और गाय का दूध, एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं, जैसा कि एक डॉक्टर के अनुभव ने उजागर किया है। आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के बावजूद, इन नुस्खों को अपनाने से शिशु बीमार पड़ सकते हैं और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ सकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हमेशा डॉक्टर की राय लें और घरेलू उपचारों से बचें।
एक समय था जब भारत में शिशु मृत्य दर काफी गिर गया था। उस समय आधुनिक तकनीकी साधन का काफी अभाव था। डॉक्टरों की कमी भी थी। लेकिन आज के समय में भारत में काफी बदल गया है। शिशु मृत्यु दर पहले से काफी सुधार हुआ है। पहले शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 पर 100 घटकर अब 25 हो गया, इसमें काफी सुधार हुआ है। फेमस डॉक्टर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर की, जिसमें उन्होंने बताया कि 2 महीने के बच्चे को शहद चटाया था जिससे वह बच्चा बीमार हो गया और ICU में भर्ती हो गया था। आइए जानते हैं 1 साल से छोटे बच्चे की केयर कैसे करें।
दादी-नानी के बताए नुस्खें को न अजमाएं
आज के समय में विज्ञान ने काफी तरक्की की है और नई-नई तकनीकी सुविधा आ गई है। जिससे बच्चों के विकास में काफी बदलाव आया है। भारत में एक समय पर शिशु मृत्यु दर 1000 पर 100 थी, लेकिन आज के समय में 25 है। बेहतर सुविधाएं और इलाज से बच्चों की केयर हो रही है। डॉ पवन ने अपने वीडियो में बताया कि उनके पास 2 महीने का बच्चा आया जो ICU में भर्ती है क्योंकि उसकी दादी ने शहद चटाया था। पहले के समय में दादी-नानी के बताए नुस्खे से बच्चों का उपचार किया जाता था लेकिन आज के समय यह सही नहीं है। बच्चों को बिना डॉक्टर के सलाह कुछ भी घर पर इलाज नहीं किया जाना चाहिए।
जरुरी नहीं घरेलू नुस्खे से ही शिशु मृत्य दर पहले बढ़ी थी, डॉक्टर पवन ने आगे बताया है कि जरुरी नहीं है कि दादी-नानी के अजमाएं उपाय से ही शिशु मृत्यु दर बढ़ी है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। इसके पीछे और कुछ कारण भी हो सकता है।
1 साल से कम बच्चों का ने दें ये चीजें
एक्सपर्ट ने बताया कि 1 साल से छोटे बच्चों को न शहद चटाएं और गाय का दूध भूलकर भी न दें। गाय का दूध बच्चे पचा नहीं सकते इसलिए न दे। इसके अलावा कोई भी दादी का बताया हुआ उपाय बच्चे पर अप्लाई न करें।












