क्या आप भी पिलाती हैं अपने बच्चे को बोतल से दूध? जानिए इससे होने वाले नुकसान और सावधानियां

feeding baby bottle
सिमरन सिंह । Jul 14 2021 3:27PM

शिशु को बोतल से दूध पिलाने से डायरिया का भी खतरा हो सकता है। दरअसल, शिशु के शरीर में कीटाणु पहुंचने का सबसे बड़ा स्त्रोत बोतल का निप्पल होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बोतल का निप्पल में माइक्रो ऑर्गैनिस्म चिपक सकते हैं, जो काफी छोटे होने के कारण नजर नहीं आते हैं।

ये तो आप जानते ही होंगे कि शिशु को एक तय उम्र तक स्तनपान करना बेहद जरूरी होता है, लेकिन क्या आपको इस बात का अंदाजा है कि इसके बाद बोतल से दूध पिलाने का आपका चयन सही है? आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि जब शिशु को स्तनपान करवाना बंद कर दिया जाता है तो उसे बोतल से दूध पिलाने की आदत डाल दी जाती है। हालांकि, इस तरह का निर्णय शिशु के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है इससे वो अंजान रहते हैं। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं जिन्होंने अपने शिशु को बोतल से दूध पीने की आदत डाल दी है तो इसे होने वाले नुकसान को जानने के बाद आप भी गिलास, कप या कटोरी से ही अपने बच्चे को दूध पिलाना पसंद करेंगे। आइए आपको बोतल से दूध पीने पर होने वाले कुछ नुकसान और सावधानियों के बारे में विस्तार से बताते हैं...

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1. इम्यूनिटी सिस्टम हो सकता है कमजोर

मां के दूध में प्रोटीन, विटामिन A और C आदि पाए जाते हैं, जिससे शिशु का इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ता है। हालांकि, जब शिशु को बोतल से दूध पिलाया जाता है तो ये सभी न्यटीएंट फॉर्मूला खत्म हो जाते हैं। कुछ महिलाएं अपना दूध बोतल में डालकर अपने शिशु को सेवन करवाती हैं। जिससे उनके शिशु का लाभ नहीं बल्कि नुकसान पहुंचता है। दरअसल, बोतल से पीए गए दूध में हानिकारक तत्व मौजूद हो सकते हैं, क्योंकि दूध का पोषक तत्व बोतल में जाकर खत्म हो जाता है। जिसके सेवन से बच्चे का इम्यून सिस्टम धीमा होने के साथ कमजोर हो सकता है। 

2. माइक्रोप्लास्टिक जोखिम

बेबी बोतल में जो निप्पल होता है उसे पॉलीप्रोलीन से बनाया जाता है, जोकि थर्मोप्लास्टिक पॉलिमर होता है। साल 2020 में शोधकर्ताओं ने बताया की बेबी बोतल से शिशु को दूध पिलाने से माइक्रोप्लास्टिक एक्स्पोज़र होने का खतरा है। बता दें कि शिशु को दूध पिलाने वाली ये बोतलें भी पॉलीप्रोलीन से बनी होती है। ऐसे में जब इसमें गरम दूध डाला जाता है तो इनसे माइक्रोप्लास्टिक ज्यादा रिलीज होता है। जोकि शिशु के सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है।  

3. डायरिया का खतरा 

शिशु को बोतल से दूध पिलाने से डायरिया का भी खतरा हो सकता है। दरअसल, शिशु के शरीर में कीटाणु पहुंचने का सबसे बड़ा स्त्रोत बोतल का निप्पल होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बोतल का निप्पल में माइक्रो ऑर्गैनिस्म चिपक सकते हैं, जो काफी छोटे होने के कारण नजर नहीं आते हैं। ऐसे में जब शिशु को बोतल से दूध पिला दिया जाता है तो निप्पल के जरिए कीटाणु शरीर के अंदर चले जाते हैं। जिसके कारण डायरिया का खतरा हो सकता है। अगर शिशु अंडरवेट है या किसी अन्य बीमारी का शिकार है तो उसके लिए डायरिया जानलेवा भी हो सकता है। 

4. फेफड़ों में दिक्कत 

शिशु को बोतल से दूध पिलाने के दौरान ध्यान रखना भी जरूरी है। अक्सर कई लोग बच्चे के मुंह में खाली बोतल लगी छोड़ देते हैं, जोकि बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक साबित होती है। दरअसल, दूध खत्म हो जाने पर जब शिशु के मुंह में बरी बोतल लगी रहती है तो उनका दम घुट सकता है। ऐसे में शिशु के गले में दूध भी अटक कर हवा को ब्लॉक कर सकता है। जिससे उसे सांस लेने में समस्या हो सकती है। साथ ही फेफड़ों में भी दिक्कत हो सकती है। इसलिए बच्चे को दूध पिलाने के दौरान बोतल को अपने हाथ से पकड़ें और खत्म होते ही हटा दें।

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इन बातों का रखें खास ख्याल

- शिशु को बोतल से दूध पिलाने की बजाए कप या कटोरी में दूध डालकर रूई की मदद से पिलाने की आदत डालें। 

- प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच से बनी दूध की बोतल का इस्तेमाल करें।

- प्लास्टिक वाले दूध की बोतल में गर्म दूध न डालें, इससे शिशु की सेहत को नुकसान हो सकता है।

- दूध की बोतल को हल्के गुनगुने पानी से अच्छी तरह धोने के बाद ही उसमें दूध डालें। इससे बोतल किसी भी तरह के कीटाणु के संपर्क में आने से बच सकती है। 

- बोतल का इस्तेमाल करने के बाद उसे धोकर और साफ करके पोछ दें। गीली बोतल रहने पर उसमें जर्म्स हो सकते हैं। 

- हो सके तो बोतल से दूध पिलाने की आदत को छुड़वा दें, इससे बच्चे की सेहत सही रहेगी।

- शिशु के मुंह में कभी भी खाली निप्पल न रहने दें, इससे दिमाग पर जोर पड़ता है।

- सिमरन सिंह

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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